विशेष रिपोर्ट: द वायर द्वारा प्राप्त किए गए आधिकारिक दस्तावेज़ों से पता चलता है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मंडियों में लगने वाले इस तरह के टैक्स को सही ठहराया था और केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इसका समर्थन भी किया था. मंत्रालय ने कहा था कि मंडियों में मिलने वाली सेवाओं के लिए ये राशि वसूली जाती है.
विशेष रिपोर्टः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में किसानों की हालत सुधारने के लिए गठित स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफ़ारिशें लागू करने का श्रेय एक बार फ़िर अपनी सरकार को दिया है. हालांकि द वायर द्वारा प्राप्त दस्तावेज़ों से पता चलता है कि मोदी सरकार में सिर्फ़ 25 सिफ़ारिशें ही लागू की गई है, जबकि यूपीए सरकार में 175 सिफ़ारिशें लागू की गई थीं.
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां का कहना है कि सरकार आंदोलनकारी किसानों को डराने का प्रयास कर रही है. यह संगठन कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन करने वाले सबसे बड़े कृषि संगठनों में से एक है.
वीडियो: देश के अधिकांश समाचार चैनल आज़ाद भारत के एक बड़े किसान सत्याग्रह से लोगों का ध्यान हटाने या उसके प्रति लोगों को कन्फ्यूज़ करने में जुटे दिख रहे हैं. सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर गंभीर विमर्श करने की बजाय सत्र को ही रद्द कर रही है. इस मुद्दे पर उर्मिलेश की दों वरिष्ठ पत्रकारों बिराज स्वैन और गौरव लाहिरी से बातचीत.
बीते चार सप्ताह से चल रहे किसान आंदोलन के बीच 19 दिसंबर को आयकर विभाग ने पटियाला में आढ़तियों के यहां छापेमारी की थी. आढ़तियों का आरोप है कि यह छापेमारी राजनीति से प्रेरित है क्योंकि कई आढ़ती किसान आंदोलन को खुले तौर पर समर्थन दे रहे हैं.
केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में हज़ारों की संख्या में किसान बीते 27 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र की मोदी सरकार के साथ उनकी कई दौर की बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकाला है.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के बाद आया है, जहां उन्होंने विपक्ष पर किसानों को तीन कृषि क़ानूनों को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाया था. संगठन ने कहा है कि प्रधानमंत्री का उन पर हमलावर होना दिखाता है कि उन्हें किसानों से कोई सहानुभूति नहीं है.
केंद्र के विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर दो हफ़्तों से अधिक समय से डटे हुए हैं. प्रदर्शनस्थलों पर वे कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं, इनमें से एक साफ-सफाई है. टिकरी बॉर्डर पर इस समस्या और इससे निपटने के उपायों पर वहां मौजूद डॉक्टरों से बातचीत.
एनडीए के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि 26 दिसंबर को वह दो लाख किसानों के साथ दिल्ली की ओर कूच करेंगे और एनडीए में बने रहने के बारे में भी फैसला उसी दिन होगा.
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 12 दिन से किसानों का आंदोलन जारी है. सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही थी. इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है.
राजस्थान विधानसभा में पेश इन विधेयकों में राज्य के किसानों के हितों की रक्षा के लिए कई प्रावधान किए हैं. इनमें किसानों के उत्पीड़न पर कम से कम तीन साल की क़ैद और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना शामिल है.
केंद्र के विवादित कृषि क़ानूनों को बेअसर करने के लिए छत्तीसगढ़ और राजस्थान की कांग्रेस सरकारों ने भी पंजाब की तरह राज्य स्तर पर नए विधेयक पारित करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाने की बात कही है.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार के तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने के साथ तीन विधेयक भी पेश किए. इन विधेयकों का मसौदा साझा नहीं करने पर आप विधायकों ने राज्य सरकार के ख़िलाफ़ विधानसभा में धरना दिया.
तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने पंजाब में प्रदर्शनकारी किसान संगठनों को बातचीत के लिए 14 अक्टूबर को दिल्ली बुलाया था. किसान संगठनों ने बहिष्कार करते हुए कहा कि हम बैठक के लिए आए थे, लेकिन हम प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री से भी मिलना चाहते हैं.
तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने पंजाब में प्रदर्शनकारी किसान संगठनों को बातचीत के लिए 14 अक्टूबर को दिल्ली बुलाया है.