कांग्रेस ने केंद्र से 2019 के पुलवामा हमले को लेकर श्वेतपत्र की मांग करते हुए कहा कि 'वह बताए कि हमला कैसे हुआ, इंटेलिजेंस की क्या विफलताएं थीं, जवानों को ले जाने के लिए विमान क्यों नहीं दिया गया, सुरक्षा में क्या चूक हुईं और सीआरपीएफ, गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और पीएमओ की क्या भूमिका थी.'
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा केंद्र और प्रधानमंत्री मोदी पर पुलवामा आतंकी हमले को लेकर लगाए गए गंभीर आरोपों को भारतीय मीडिया ने क़रीब-क़रीब अनदेखा कर दिया है. इस पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि ख़बर को दबाने में कोई राष्ट्रीय सुरक्षा हित नहीं है. ऐसी अनदेखी केवल सत्तारूढ़ भाजपा के हित पूरे करती है.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में शनिवार देर रात पुलिस घेरे में मौजूद गैंगस्टर अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सरेआम हुई इस घटना पर विपक्ष के नेताओं ने राज्य की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए योगी सरकार को बर्ख़ास्त करने की मांग की है.
द वायर को दिए एक इंटरव्यू में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें एक आरोप यह भी है कि वर्ष 2019 में हुआ पुलवामा हमला मोदी सरकार की ‘अक्षमता’ का नतीजा था. कांग्रेस ने पीएम मोदी पर 2019 के आम चुनावों से पहले अपनी छवि को ‘बचाने’ के लिए इस घटना को ‘दबाने’ का आरोप लगाया है.
तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र और राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि सदन द्वारा पारित किए गए विधेयकों को मंज़ूरी देने के लिए राज्यपालों के लिए समयसीमा तय की जाए. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ग़ैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर ऐसा ही प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया है.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि चूंकि पेगासस बदनाम हो गया है, इसलिए ‘मिनिमम गवर्नेंस-मैक्सिमम सर्विलांस’ वाली सरकार बाज़ार में एक नए स्पायवेयर की तलाश कर रही है. ‘कॉग्नीटे’ स्पायवेयर का इस्तेमाल राजनेताओं, मीडिया, कार्यकर्ताओं और एनजीओ की जासूसी करने के लिए किया जाएगा.
14 विपक्षी दलों की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि जांच एजेंसियों का उपयोग करने का एक स्पष्ट पैटर्न उभरा है. पूरे विपक्ष और अन्य मुखर नागरिकों को निशाना बनाने, उन्हें कमज़ोर करने और उन्हें संदिग्ध आधार पर जेल में डालने के लिए, इनका इस्तेमाल किया जा रहा है.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी की राज्य सोशल मीडिया टीमों के लिए आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि वे संगठन के मूल्यों का पालन करें और विपक्ष चाहे जो भी विमर्श चुने, वे राजनीतिक विमर्श के स्तर को कम करने से बचें.
1971 में बांग्लादेश के संघर्ष के वक़्त जब भारत कई हलकों में पाकिस्तान के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप की तोहमतें झेल रहा था, लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने कहा था कि लोकतंत्र किसी देश का आंतरिक मामला नहीं हो सकता और उसका दमन सारे संसार की चिंता का विषय होना चाहिए.
जितनी आक्रामक तरीके से सत्ताधारी पार्टी की तरफ से एक कारोबारी दिग्गज की हिमायत की कोशिश की जा रही है, आख़िर वह समूह अचानक पार्टी के लिए इतने महत्वपूर्ण कैसे हो गया?
राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद से बने माहौल में कांग्रेस इस नई और सकारात्मक छवि के बूते ख़ुद को सिर्फ और मजबूत कर सकती है. देश की सबसे पुरानी पार्टी का दायित्व है कि वह दूसरों के लिए जगह बनाए और किसी भी विपक्षी मोर्चे में इसे केंद्रीय भूमिका दिए जाने की मांग को इसके आड़े न आने दे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों विपक्ष को निशाना बनाते हुए कहा कि ‘जब कोर्ट कोई फैसला सुनाता है तो कोर्ट पर सवाल उठाया जाता है... (क्योंकि) कुछ दलों ने मिलकर भ्रष्टाचारी बचाओ अभियान छेड़ा हुआ है.’ हालांकि, यह कहते हुए वे भूल गए कि लोकतंत्र की कोई भी अवधारणा ‘कोर्ट पर सवालों’ की मनाही नहीं करती.
वीडियो: राहुल गांधी की संसद सदस्यता उन्हें सूरत की अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद रद्द हुई है. कोर्ट के इस निर्णय पर क़ानूनविदों ने सवाल उठाए हैं. इस मसले पर वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
विपक्ष के बिना लोकतंत्र की नदी सूख जाएगी. हर सरकार ग़लती करती है और ग़लतियां होने, उन्हें सुधारने में कोई शर्म नहीं है. पर जिन देशों में एक ही दल और उसके सुप्रीम नेता को ही लोकप्रियता और जनसमर्थन प्राप्त हो और विपक्ष कमज़ोर या ग़ायब हो, वहां इस सरकार और नेता की कोई ग़लती आपदा का रूप ले लेती है.
राहुल गांधी का चीनी घुसपैठ और अडानी विवाद को उठाना भाजपा की सबसे बड़ी ताक़तों- राष्ट्रवाद और भ्रष्टाचार मुक्त छवि- पर चोट करता है. पहली बार है, जब भाजपा ने राहुल के हमलों के जवाब में ‘पप्पू’ कहकर मज़ाक नहीं बनाया. महीनेभर में राहुल को जिस तरह से घेरा गया, वह दिखाता है कि यह बौखलाई हुई है.