जून के आख़िर में स्वीडन में क़ुरान जलाने की घटना के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) ने धार्मिक नफ़रत का मुक़ाबला करने के लिए मसौदा प्रस्ताव अपनाया है. भारत ने इसके पक्ष में मतदान किया है. हालांकि भारत ने क़ुरान जलाने पर अलग से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और न ही कोई निंदा की है.
रामनवमी पर धार्मिक जुलूसों के दौरान मुसलमानों को निशाना बनाने वाली हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए 57 देशों के समूह ‘इस्लामिक सहयोग संगठन’ ने भारतीय अधिकारियों से मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने का आह्वान किया है. भारत ने ‘सांप्रदायिक मानसिकता’ का उदाहरण बताते हुए इसकी निंदा की है.
इस्लामिक सहयोग संगठन का 46वां सत्र शनिवार को अबू धाबी में समाप्त हो गया. भारत ने पहली बार इसमें हिस्सा लिया था.
इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक में बोलीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज. पहली बार भारत ने की शिरकत. भारत के शामिल होने पर पाकिस्तान ने किया बैठक का बहिष्कार.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि वह बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भेजा गया न्योता रद्द नहीं किया.