ओज़ोन एक घातक गैस है. यहां तक कि थोड़े समय के लिए भी इसके संपर्क में आने पर श्वांस की स्थिति और अस्थमा पीड़ितों की स्थिति काफी ख़राब हो सकती है.
इंटरनेशनल काउंसिल ऑन क्लीन ट्रांसपोर्टेशन, जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोरैडो बॉल्डर के अध्ययन में कहा गया है कि साल 2010 से 2015 के बीच भारत में वाहनों से निकले धुएं से होने वाली मौतों में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.