पेगासस मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जासूसी के आरोप यदि सही हैं, तो गंभीर हैं

सीजेआई एनवी रमना की पीठ ने इजरायली स्पायवेयर मामले की जांच का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपनी याचिकाओं की प्रतियां केंद्र को मुहैया कराएं ताकि अगली सुनवाई में सरकार की ओर से नोटिस स्वीकार करने के लिए कोई मौजूद रहे.

पेगासस प्रभावित पत्रकार कोर्ट पहुंचे, स्पायवेयर के उपयोग पर सरकार का पक्ष रखने की अपील

इज़रायल के एनएसओ समूह के पेगासस स्पायवेयर से जासूसी के आरोपों के सामने आने के बाद पहली बार इससे प्रभावित लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है. पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता, एसएनएम अब्दी, प्रेम शंकर झा, रूपेश कुमार सिंह और कार्यकर्ता इप्सा शताक्षी की ओर से ये याचिकाएं दायर की गई हैं. इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार एन. राम और शशि कुमार ने भी सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी.

अडानी मानहानि मामले में वरिष्ठ पत्रकार प्रंजॉय गुहा ठाकुरता के ख़िलाफ़ अरेस्ट वारंट जारी

साल 2017 में ईपीडब्ल्यू पत्रिका में छपे एक लेख को लेकर अडानी समूह ने इसके तत्कालीन संपादक और लेख के सह-लेखक प्रंजॉय गुहा ठाकुरता के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर किया था. अब गुजरात की एक अदालत ने ठाकुरता की गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया है.

अडानी मानहानि मामले में समन के ख़िलाफ़ द वायर की रिवीज़न याचिका पर फ़ैसले का इंतज़ार

नोट: अडानी मामले में बहस पूरी हो चुकी है और रिवीजनल कोर्ट में निर्णय प्रतीक्षित है. अंतिम फैसला और औपचारिक आदेश आने तक इस स्टोरी के स्थान पर यह नोट लगाया जा रहा है.  

मीडिया बोल, एपिसोड 07: इस्तीफों का सप्ताह और मीडिया 

मीडिया बोल की सातवीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, इंडिया टुडे समूह के सलाहकार संपादक राजदीप सरदेसाई और वरिष्ठ पत्रकार आरती जेरथ के साथ प्रंजॉय गुहा ठाकुरता और बसपा सुप्रीमो मायावती के इस्तीफा देने पर चर्चा कर रहे हैं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 85: अडानी के दबाव में संपादक का इस्तीफा और निजता का अधिकार

जन गण मन की बात की 85वीं कड़ी में विनोद दुआ अडानी समूह के ख़िलाफ़ रिपोर्ट करने के बाद ईपीडब्ल्यू के संपादक प्रंजॉय गुहा ठाकुरता के इस्तीफ़े और निजता के अधिकार पर चर्चा कर रहे हैं.

अडानी समूह के दबाव में हटाए गए ईपीडब्लू के संपादक प्रंजॉय गुहा ठाकुरता

ख़र्चीले मुक़दमे की धमकी से घबराकर ईपीडब्लू को चलाने वाले ट्रस्टियों ने अडानी पॉवर लिमिटेड की आलोचना करने वाले लेखों को हटाने का आदेश दिया था.