पतंजलि योगपीठ को योग शिविरों में प्रवेश शुल्क लेने पर ‘सेवा कर’ भुगतान करना होगा: सुप्रीम कोर्ट

पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि ट्रस्ट की तरफ से आयोजित योग शिविरों में शामिल होने के लिए प्रवेश शुल्क लिया जाता है, लिहाजा यह 'स्वास्थ्य और फिटनेस सेवा' की श्रेणी में आता है और इस पर 'सेवा कर' लगेगा.

रामदेव को तथ्यहीन और अवैज्ञानिक दावे करने की छूट क्यों मिली हुई है

विशेष: दवाओं से जुड़े क़ानूनों का उल्लंघन करते हुए रामदेव की पतंजलि वेलनेस और दिव्य साइंटिफिक आयुर्वेद द्वारा अपने उत्पादों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हुए अख़बारों में धड़ल्ले से साक्ष्य रहित एलोपैथी विरोधी विज्ञापन दिए जा रहे हैं. इससे पहले महामारी के बीच में रामदेव ने 'कोरोना वायरस की दवा' बनाने का भी दावा किया था.

स्वायत्त संस्था की आपत्ति के बाद भी केंद्र ने रामदेव को शिक्षा बोर्ड की मंज़ूरी दी: रिपोर्ट

इंडियन एक्सप्रेस द्वारा जांचे गए आधिकारिक रिकॉर्ड बताते हैं कि रामदेव के पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को भारतीय शिक्षा बोर्ड के गठन की मंज़ूरी के लिए पूरी प्रक्रिया को दो महीने में पूरा कर लिया गया था ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होने से कुछ घंटे पहले इसे स्वीकृति मिल जाए.

रामदेव के पतंजलि को मिली वैदिक स्कूल बोर्ड चलाने की ज़िम्मेदारी

पतंजलि योगपीठ के चयन के साथ ही भारतीय शिक्षा बोर्ड देश का पहला ऐसा निजी स्कूल बोर्ड बन गया जो कि सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होगा.

देश का पहला वैदिक स्कूल बोर्ड स्थापित करने की दौड़ में रामदेव का ट्रस्ट शामिल

तीन साल पहले तत्कालीन एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी ने वैदिक शिक्षा बोर्ड गठित करने के रामदेव के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. उन्होंने एक निजी स्कूल बोर्ड स्थापित करने पर सरकार की आपत्ति दर्ज कराई थी. हालांकि, सरकार ने हाल ही में अपना फैसला पलट दिया.