दिसंबर 2023 को दो व्यक्ति लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूदने के बाद धुएं के कनस्तर खोल दिए थे. इस मामले में गिरफ़्तार पांच बेरोज़गार युवाओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें विपक्षी राजनीतिक दलों से ग़लत तरीके से जोड़ने के लिए न्यायिक हिरासत में बिजली के झटके और यातनाएं दी गईं. यूएपीए के तहत अपराध क़बूल करने के लिए मजबूर किया गया.
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोपियों में से एक ललित झा के पिता ने कहा है कि उनके बेटे का तरीका ग़लत हो सकता है, लेकिन उसने देश में बेरोज़गारी को लेकर जो मुद्दा उठाया है वह सही है. इस बीच दिल्ली पुलिस ने इस मामले के छठे आरोपी महेश कुमावत को भी गिरफ़्तार कर लिया है.
एफआईआर में न्यूज़क्लिक के संपादक में प्रबीर पुरकायस्थ, गौतम नवलखा और अमेरिकी कारोबारी नेविल रॉय सिंघम के ख़िलाफ़ यूएपीए की पांच धाराएं लगाई गई हैं. साथ ही शाओमी और वीवो द्वारा 'अवैध फंडिंग' और किसी 'गौतम भाटिया' द्वारा इन टेलीकॉम कंपनियों के 'क़ानूनी मामलों में बचाव' की बात कही गई है. कंपनियों से जुड़े अदालती रिकॉर्ड में किसी गौतम भाटिया के उनके वकील होने के प्रमाण नहीं हैं.
न्यूज़क्लिक के संस्थापक व संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और पोर्टल के एचआर विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती को मंगलवार को यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन पुलिस ने उनके वकीलों को एफआईआर की प्रति देने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने अदालत का रुख़ किया है.
वीडियो: पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पत्रकार प्रिया रमानी को बरी कर दिया है. प्रिया रमानी ने साल 2018 में ‘मीटू’ मुहिम के तहत तत्कालीन केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.
वीडियो: पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद अकबर ने उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया था. इस मामले में प्रिया रमानी को बरी कर दिया गया है.
पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दायर मानहानि के मुक़दमे से बरी होने के बाद कहा कि उन्हें अच्छा लग रहा है कि अदालत के सामने उनका सच सही साबित हुआ. उन्हें बरी करते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि गरिमा के अधिकार की क़ीमत पर प्रतिष्ठा के अधिकार को संरक्षित नहीं किया जा सकता.
प्रिया रमानी ने साल 2018 में ‘मीटू’ मुहिम के तहत तत्कालीन केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. अकबर द्वारा दायर मानहानि मामले से रमानी को बरी करते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि गरिमा के अधिकार की क़ीमत पर प्रतिष्ठा के अधिकार को संरक्षित नहीं किया जा सकता.
साल 2018 में पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद अकबर ने उनके ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर कराया था.
पत्रकार प्रिया रमानी पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दायर मानहानि मामले को दूसरे कोर्ट को भेजने के निर्णय का अर्थ है कि आख़िरी दौर की जिरहों को दोबारा सुना जाएगा. निश्चित रूप से न्यायिक प्रशासन की इस बड़ी ग़लती के लिए किसी को तो जवाबदेह होना होगा.
पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद अकबर ने उनके ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर कराया था.
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद उनके खिलाफ निजी आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक हैं, जिनसे समाज में उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है.
पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद अकबर ने उनके ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर कराया था.
पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद अकबर ने उनके ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर कराया था.