जन सुरक्षा कानून के तहत बिना ट्रायल के व्यक्ति को दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पांच अगस्त से ही नजरबंद हैं.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने की बहस के दौरान भाजपा के कई नेताओं ने दलितों को राज्य में आरक्षण का पूरा लाभ मिलने का ज़िक्र किया. यह भी कहा गया कि डॉ. आंबेडकर भी ऐसा चाहते थे. लेकिन क्या वास्तव में 370 हटने के पहले राज्य में दलितों की स्थिति ख़राब थी?
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के 40वें दिन बाद भी कश्मीर में जनजीवन प्रभावित है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने के बाद से राज्य के प्रमुख नेता नज़रबंद हैं. हाईकोर्ट ने नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसदों को पार्टी नेताओं से मिलने के बाद मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं दी है.
विपक्ष ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम जल्दबाजी में लाया गया है. करीब एक महीने बाद सरकार ने तीन पन्ने का शुद्धि पत्र लाते हुए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून में सुधार करने की घोषणा की.
असम के गुवाहाटी में पूर्वोत्तर परिषद के 68वें पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत सरकार किसी भी अवैध प्रवासी को देश में रहने की अनुमति नहीं देगी. यह हमारी प्रतिबद्धता है.
कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नजीर अहमद रोंगा को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म करने से एक दिन पहले 4 अगस्त को पीएसए के तहत गिरफ़्तार किया गया था. आरोप है कि वे इस निर्णय को लेकर लोगों को प्रभावित कर सकते थे.
श्रीनगर से ग्राउंड रिपोर्ट: मुख्यधारा के मीडिया में आ रही कश्मीर की ख़बरों में से 90 प्रतिशत झूठी हैं. कश्मीर के हालात मामूली प्रदर्शनों तक सीमित नहीं हैं और न ही यहां कोई सड़कों पर साथ मिलकर बिरयानी खा रहा है.
प्रेस काउंसिल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर राष्ट्रीय हितों का हवाला देते हुए जम्मू कश्मीर में मीडिया पर लगे प्रतिबंधों का समर्थन किया था.
बीते पांच अगस्त को केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के निर्णय लिया गया था.
सूचना के इस युग में किसी सरकार का इतनी आसानी से एक पूरी आबादी को बाकी दुनिया से काट देना दिखाता है कि हम किस ओर बढ़ रहे हैं.
साक्षात्कार: जम्मू कश्मीर में मीडिया की स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाली कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन से विशाल जायसवाल की बातचीत.
भाजपा के वरिष्ठ नेता निर्मल सिंह ने कहा कि उन्हें 'स्थानीय' प्रमाणपत्र जैसे किसी सुरक्षा की जरूरत है, जिससे राज्य में जमीन और नौकरियों के संबंध में स्थानीय निवासियों के हितों की रक्षा की जा सके.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने न सिर्फ अनुच्छेद 370 की आत्मा को ख़त्म किया, बल्कि एक कदम आगे बढ़ते हुए पूरे राज्य के अस्तित्व को समाप्त करते हुए इसे दो हिस्सों में बांट दिया, जहां कानून-व्यवस्था और ज़मीन जैसे अहम मसलों पर फैसला नई दिल्ली में बैठे नौकरशाहों द्वारा लिया जाएगा.
असुरक्षा का भाव समाज के सैन्यकरण की स्वीकृति का अनिवार्य तत्व होता है. सांप्रदायिक राजनीति उसके भीतर भी असुरक्षा बोध खड़ा करती है जिसके पक्ष में वह दिखना चाहती है और उसके भीतर भी, जिसे वह शत्रु के रूप में चित्रित करती है. कश्मीर में असुरक्षा की भावना का इस्तेमाल कश्मीरी हिंदुओं और कश्मीरी मुसलमानों दोनों के ख़िलाफ़ होता आ रहा है.