शहरी क्षेत्रों में बीयर और रेडी-टू-ड्रिंक पेय बेचने के लिए विभिन्न डिपार्टमेंटल स्टोर को अधिकृत करने के जम्मू कश्मीर प्रशासन के फैसले का ज़िक्र करते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि यह मुसलमानों की भावनाएं आहत करने के लिए किया गया है. भाजपा और कांग्रेस ने भी इस क़दम की आलोचना की है.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि हमारे हज़ारों युवा जेलों में हैं, धार्मिक विद्वानों के यहां छापा डाला जाता है. सरकार दावा करती रहती है कि जम्मू कश्मीर में स्थिति सुधर गई है. अगर स्थिति सुधर गई होती तो इतने अधिक मानवाधिकार उल्लंघन नहीं होते.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर की मतदाता सूची में ग़ैर-स्थानीय लोगों को शामिल किया जाना यहां के राजनीतिक दलों को स्वीकार्य नहीं है और यह यहां की पहचान को ख़त्म कर देगा. विधानसभा बाहरी लोगों के हाथों में होगी और यहां के लोग वंचित होंगे.
बीते दिनों गिरफ़्तार किए गए लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर तालिब शाह के भाजपा के जम्मू प्रांत का आईटी और सोशल मीडिया सेल प्रभारी होने की ख़बर के बाद पार्टी ने जम्मू कश्मीर अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष को नोटिस जारी कर इस बारे में जवाब देने को कहा है. वहीं, विभिन्न दलों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
केंद्रीय क़ानून मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना में कहा है कि परिसीमन आयोग के आदेश 20 मई से प्रभावी हो गए हैं. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत गठित आयोग के आदेशों के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश में 90 विधानसभा क्षेत्र होंगे, जिनमें से जम्मू संभाग में 43 और कश्मीर में 47 होंगी. इनमें से नौ सीट अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी. पूर्ववर्ती विधानसभा में 87 सीटें थीं, जिनमें से कश्मीर में 46, जम्मू में 37 और
बर्खास्त किए गए लोगों में कश्मीर विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग का प्रोफेसर अल्ताफ़ हुसैन पंडित, सरकारी शिक्षक मोहम्मद मक़बूल हाज़म और एक पुलिसकर्मी गुलाम रसूल शामिल हैं. संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत गठित समिति की सिफारिश पर तीनों को बर्ख़ास्त किया गया. यह राज्य की सुरक्षा के हित में बिना जांच किए ही किसी व्यक्ति को बर्ख़ास्त करने की अनुमति देता है.
केंद्रशासित प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा सीट के पुनर्निर्धारण को लेकर परिसीमन आयोग गठित करने के सरकार के फ़ैसले को चुनौती देते हुए सूबे के दो निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उनका कहना है कि संविधान के प्रावधानों के विपरीत जाते हुए परिसीमन की प्रक्रिया चलाई गई.
जम्मू कश्मीर को लेकर गठित तीन सदस्यीय परिसीमन आयोग ने अंतिम आदेश में जम्मू में छह, जबकि कश्मीर में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है. वहीं, राजौरी और पुंछ के क्षेत्रों को अनंतनाग संसदीय सीट के तहत लाया गया है. 12 सीटें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया है. घाटी राजनीतिक दलों ने आदेश को ख़ारिज करते हुए कहा कि यह घाटी में राजनीतिक रूप से लोगों को कमज़ोर करने का प्रयास है.
वीडियो: ‘कश्मीर और कश्मीरी पंडित’ नामक किताब के लेखक अशोक कुमार पांडे ने हाल ही में रिलीज़ फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बारे में बात की. उन्होंने समझाया कि 1990 में कश्मीरी पंडितों के साथ जो हुआ, वह स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक था. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा का माहौल बनाने के लिए फिल्म का इस्तेमाल किया जाता है.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन का कारण रहीं परिस्थितियों की जांच के लिए एक समिति गठित करने की भी मांग की. उन्होंने मुसलमानों के प्रति नफ़रत की भावना नहीं रखने की अपील करते हुए कहा कि दिल्ली दंगे और 2002 में गुजरात में हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए ज़िम्मेदार परिस्थितियों की भी जांच होनी चाहिए.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने इस देश का विभाजन किया. आज एक बार फिर देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश की जा रही है. ये लोग (भाजपा) एक और विभाजन चाहते हैं. उन्होंने पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की उनकी ‘धर्मनिरपेक्षता’ और देश को विकास और समृद्धि की राह पर ले जाने के लिए प्रशंसा की.
जम्मू एवं कश्मीर परिसीमन आयोग ने भारत और जम्मू एवं कश्मीर के राजपत्रों में प्रकाशित अपनी अंतिम रिपोर्ट में लोकसभा क्षेत्रों की संख्या पांच ही रखने, जबकि विधानसभा सीटों की संख्या वर्तमान 83 से बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव रखा है.
जम्मू कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों का नए सिरे से परिसीमन करने के लिए गठित आयोग का कार्यकाल 6 मार्च को ख़त्म होना था, लेकिन क़ानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार इसे दो महीने बढ़ाकर 6 मई तक कर दिया गया है. मार्च 2020 में गठित इस आयोग को पिछले साल भी एक साल का विस्तार दिया गया था.
जम्मू कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रवींद्र रैना व पूर्व मंत्री शक्ति परिहार की परिसीमन संबंधी कथित बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद कांग्रेस और पीडीपी ने आरोप लगाया कि परिसीमन आयोग का मसौदा भाजपा नेताओं के निर्देश पर तैयार हुआ है. वहीं, रैना ने लीक ऑडियो को फ़र्ज़ी बताया है.
परिसीमन आयोग ने अपनी मसौदा रिपोर्ट में केंद्रशासित प्रदेश की कई विधानसभा सीटें ख़त्म कर दी हैं. जम्मू संभाग में छह विधानसभा सीटें बढ़ाई गई हैं जबकि कश्मीर संभाग में केवल एक सीट की बढ़ोतरी की गई है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आयोग के दूसरे मसौदे के प्रस्तावों को भी नकार दिया है.