जम्मू कश्मीर: राजा हरि सिंह के जन्मदिन पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए समिति गठित

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने द्वारा अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने की मांग पर समिति के गठन से नाराज़ विपक्षी दलों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन भाजपा और संघ मुख्यालय द्वारा चलाया जा रहा है. 

कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में पीडीपी के 10 नेताओं पर मामला दर्ज

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि कोविड-19 मानदंड केवल उनकी पार्टी पर ही लागू होते हैं, न कि भाजपा पर जिसके कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में कथित चूक के विरोध में श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन किया था.’

जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग के ख़िलाफ़ प्रदर्शन से पहले प्रमुख नेता नज़रबंद

गुपकर घोषणा-पत्र गठबंधन ने जम्मू संभाग में विधानसभा की छह और कश्मीर में एक सीट बढ़ाने के परिसीमन आयोग के प्रस्ताव के ख़िलाफ़ शनिवार को श्रीनगर में प्रदर्शन करने की बात कही थी. प्रस्तावित धरने से पहले शीर्ष नेताओं को कथित तौर पर हिरासत में लिए जाने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर में अलग-अलग विरोध मार्च निकाला.

हैदरपोरा मुठभेड़: एसआईटी ने सुरक्षाबलों की किसी साज़िश से किया इनकार

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान तीन व्यक्तियों- व्यापारी मोहम्मद अल्ताफ़ भट, दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल और आमिर मागरे की मौत हो गई थी. गुपकर गठबंधन ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की. है. वहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि एसआईटी द्वारा सुरक्षाबलों को दी गई क्लीनचिट आश्चर्यचकित नहीं करती है. यह जांच एक ग़लत अभियान की लीपापोती करने के लिए की गई थी.

परिसीमन आयोग ने जम्मू में 6, कश्मीर के लिए 1 अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव दिया, विरोध में क्षेत्रीय दल

विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से निर्धारित करने के मक़सद से गठित परिसीमन आयोग के इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए पीडीपी, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने कहा कि आयोग ने उसकी सिफ़ारिशों में आंकड़ों के बजाय भाजपा के राजनीतिक एजेंडा को तरजीह दी है.

हैदरपोरा मुठभेड़: परिजनों, अधिकार कार्यकर्ताओं की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान तीन व्यक्तियों मौत हुई थी. इनमें से एक व्यापारी मोहम्मद अल्ताफ़ भट, दंत चिकित्सक डॉ. मुदस्सिर गुल और अमीर मागरे शामिल हैं. परिजनों का कहना है कि सरकार को फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारे गए व्यक्तियों के मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिए एक महीने से अधिक समय हो गया है. हमें परिणाम जानने का अधिकार है.

हैदरपोरा एनकाउंटर: पीड़ित परिवार ने शव मांगा, कहा- आख़िरी बार चेहरा देखना चाहते हैं

जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के हैदरपोरा में बीते 15 नवंबर को हुए एनकाउंटर में मोहम्मद आमिर मागरे और तीन अन्य की मौत हो गई थी. पुलिस इनके आतंकी या उनका सहयोगी होने का दावा कर रही है. लेकिन पीड़ित परिवार का कहना है कि वे निर्दोष थे. पुलिस ने बीते नवंबर महीने में ही इस एनकाउंटर में मारे गए दो आम नागरिकों के शव उनके परिजनों को लौटा चुकी है.

हैदरपोरा मुठभेड़: दो मृत नागरिकों के शव क़ब्र से निकालकर दोबारा सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. अधिकारियों ने बताया कि दफनाए दिए गए इन शवों को बृहस्पतिवार को अधिकारियों ने बाहर निकाला था ताकि उन्हें उनके परिवार को सौंपा जा सके. कोविड-19 महामारी के बाद यह पहला मौका है, जब पुलिस की निगरानी में दफनाए गए शवों को वापस निकाल कर उनके परिजन को लौटाया गया.

हैदरपोरा मुठभेड़: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताया था, वहीं इनके परिवारों का कहना है कि वे आम नागरिक थे. चार में से तीन के परिजनों द्वारा प्रदर्शनों के बीच मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं.

हैदरपोरा मुठभेड़: मारे गए नागरिकों के परिवारों ने प्रदर्शन किया, शव लौटाने की मांग

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. इनमें से एक व्यापारी मालिक मोहम्मद अल्ताफ़ भट और दूसरे दंत चिकित्सक डॉ. मुदस्सिर गुल शामिल हैं. पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताते हुए दोनों लोगों के शवों को दफ़ना दिया है, जबकि परिजनों का कहना है कि वे आम नागरिक थे और उनके शवों का वापस करने की मांग की है.

कश्मीर: हैदरपोरा मुठभेड़ में मृत नागरिकों के परिजनों ने कहा, उनका उपयोग मानव ढाल के तौर पर हुआ

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों की मौत के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. इनमें से एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक मोहम्मद अल्ताफ भट और दूसरे दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल शामिल हैं. पुलिस ने दोनों को आतंकियों का सहयोगी होने का दावा किया है, जबकि इनके परिवारों का आरोप है कि सुरक्षा बलों ने इनका इस्तेमाल ‘मानव ढाल’ के तौर

रिश्वत आरोप के बाद मलिक ने कहा- सबको पता है कि कश्मीर में आरएसएस प्रभारी कौन था

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि जब वे जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे तो उन्हें ‘अंबानी’ और ‘आरएसएस से संबद्ध’ एक व्यक्ति की दो फाइलों को मंज़ूरी देने के बदले में 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी, हालांकि उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था. जब आरएसएस नेता राम माधव से कहा गया कि वह उस समय जम्मू कश्मीर में थे, तो उन्होंने कहा कि आरएसएस का कोई भी व्यक्ति ऐसा कुछ नहीं करेगा. 

महबूबा ने अपमानजनक टिप्पणी को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक को क़ानूनी नोटिस भेजा

जम्मू कश्मीर के पूर्व और वर्तमान में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कथित तौर पर कहा था कि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती को रोशनी योजना का लाभ मिला था. मुफ़्ती ने एक क़ानूनी नोटिस भेजकर 10 करोड़ रुपये के मुआवजे़ की मांग की हैं. साल 2001 में लागू रोशनी योजना का उद्देश्य राज्य की ज़मीन पर क़ब्ज़ा रखने वाले लोगों को शुल्क के एवज में उसका मालिकाना हक़ देना था. हालांकि हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर

जम्मू कश्मीर: सैयद अली शाह गिलानी के पोते और एक स्कूली शिक्षक बर्ख़ास्त

जम्मू कश्मीर सरकार ने इन लोगों पर आतंकवादियों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया है. उपराज्यपाल द्वारा इनकी बर्ख़ास्तगी संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत की गई है. संविधान के इस प्रावधान के अनुसार सरकार को बिना जांच के ही संबंधित अधिकारी को बर्ख़ास्त करने का अधिकार मिला हुआ है.

कश्मीर: नागरिकों की हत्या की निंदा करते हुए विपक्ष ने सुरक्षा विफलता के लिए केंद्र पर निशाना साधा

जम्मू कश्मीर में बीते पांच दिनों सात नागरिकों की हत्या हुई है, जिनमें से छह श्रीनगर में हुईं. मृतकों में से चार अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़, आतंकवादियों ने 2021 में अब तक 28 नागरिकों की हत्या की है. अभी तक 97 आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें 71 सुरक्षा बलों पर और 26 नागरिकों पर हुए हैं.

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