नीति आयोग ने सरकार पर पीडीएस के निजीकरण, फ्री राशन का दायरा व सब्सिडी कम करने का दबाव बनाया

विशेष रिपोर्ट: दस्तावेज़ों से पता चलता है कि नीति आयोग खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के दायरे के विस्तार का प्रबल विरोधी है. इसने बार-बार ग़रीबों को सब्सिडी वाला राशन देने वाली सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली के आकार को घटाने और उसमें बड़े बदलाव लाने की कोशिश की है.

नरेंद्र मोदी की सर्वज्ञाता, सर्वशक्तिमान की छवि कब तक बनी रहेगी

नरेंद्र मोदी को महज़ एक राजनीतिज्ञ के स्तर से कहीं ऊपर उठाकर सुपरमैन की श्रेणी में डाल दिया गया है, जो सिर्फ शक्ति ही नहीं ज्ञान और बुद्धिमत्ता का भी जीता जागता प्रतीक है.

तेलंगाना: वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा कलेक्टर को फटकारने की कांग्रेस और टीआरएस ने निंदा की

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बीते शुक्रवार को तेलंगाना के कामारेड्डी ज़िले में एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकान पर निरीक्षण करने पहंच गईं थीं, जहां वे स्थानीय कलेक्टर पर इसलिए भड़क गईं क्योंकि उन्हें पीडीएस दुकान से वितरित चावल में केंद्र व राज्य के अंश का नहीं पता था और दुकान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नहीं लगी थी.

भारतीय कृषि आर्थिकी के विशेषज्ञ और प्रख्यात अर्थशास्त्री अभिजीत सेन का निधन

देश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के प्रमुख विशेषज्ञों में से एक 72 वर्षीय अभिजीत सेन जेएनयू में अर्थशास्त्र पढ़ाया करते थे. सेन ने शिक्षण के अलावा कई महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर भी अपनी सेवाएं दीं. वे कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष और योजना आयोग के सदस्य भी रहे. 

उत्तराखंड: आपूर्ति ठप होने पर हजारों प्रवासी ग्रामीणों ने की राशन की कमी की शिकायत

राज्य के हजारों ग्रामीणों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन के अनाज की कम आपूर्ति की शिकायत की है और उन्होंने हेलीकॉप्टर से उनके कोटे की आपूर्ति पूरी कराने की मांग की है. जिला प्रशासन ने कहा कि वह ग्रामीणों को समय पर राशन भेजेगा और ठेकेदार के खिलाफ पहले ही लापरवाही का मामला दर्ज किया जा चुका है.

कोविड-19 लॉकडाउन ने भारत में महिलाओं के पोषण पर नकारात्मक प्रभाव डाला: अध्ययन

कृषि एवं पोषण के लिए टाटा कोर्नेल इंस्टिट्यूट द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े चार ज़िलों- उत्तर प्रदेश के महराजगंज, बिहार के मुंगेर, ओडिशा के कंधमाल और कालाहांडी में किए गए अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने कहा है कि देश की खाद्य प्रणाली में विविधता लाने और यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुधारों की आवश्यकता है कि महिलाओं और अन्य हाशिये के समूहों के पास महामारी के दौरान और उसके बाद भी पौष्टिक आहार तक पहुंच हो.

दिल्ली सरकार का दावा- केंद्र ने घर तक राशन पहुंचाने की योजना रोकी, केंद्र ने आरोप आधारहीन बताया

दिल्ली सरकार ने घर-घर राशन पहुंचाने की योजना की शुरुआत 2018 में करने की कोशिश की थी, लेकिन उपराज्यपाल अनिल बैजल ने तब सलाह दी थी अंतिम निर्णय लेने से पहले पूरा विवरण केंद्र सरकार के समक्ष रखना चाहिए. इस साल मार्च में केंद्र ने यह कहते हुए दिल्ली सरकार से इस योजना को लागू न करने के लिए कहा था कि इसके लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आवंटित सब्सिडी वाले खाद्यान्न का उपयोग करने की अनुमति नहीं

महाराष्ट्र: सरकारी दुकान से राशन न मिल पाने के कारण आदिवासी युवती ने वीरता पुरस्कार लौटाया

महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले की रहने वाली हाली रघुनाथ बराफ को अपनी बहन को तेंदुए के चंगुल से बचाने के लिए 2013 में राष्ट्रीय बालवीर पुरस्कार मिला था. उन्होंने कहा है कि इस पुरस्कार से उनके परिवार की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ. परिवार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से राशन नहीं मिल रहा, क्योंकि ऑनलाइन प्रणाली में परिवार का नाम ही दर्ज नहीं किया गया.

दिल्ली सरकार की घर-घर राशन पहुंचाने की योजना पर केंद्र ने कहा, अनुमति देने योग्य नहीं

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 25 मार्च को सीमापुरी इलाके में 100 घरों तक राशन पहुंचाकर ‘मुख्‍यमंत्री घर-घर राशन योजना’ की शुरुआती करने वाले थे. केजरीवाल ने कहा है कि उन्हें योजना के नाम में ‘मुख्यमंत्री’ शब्द से आपत्ति है अब इस योजना का कोई नाम नहीं होगा. केंद्र जो राशन देगी हम उसे घर घर पहुंचाएंगे. इस पर उन्हें आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

किसान संगठन ने कहा, सत्ता के शीर्ष पर बैठे पीएम मोदी एमएसपी पर सफेद झूठ बोल रहे हैं

अखिल भारतीय किसान सभा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये दावा बिल्कुल झूठा है कि उनकी सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों के अनुसार किसानों को लाभकारी मूल्य दे रही है. सभा का कहना है कि भले ही भाजपा ने इन सिफ़ारिशों को लागू करने का वादा किया था, लेकिन इसे अमल में लाने के लिए उसकी सरकार ने कुछ नहीं किया.

क्यों हिमाचल और उत्तराखंड के लोगों को कृषि क़ानूनों और किसान आंदोलन के बारे में चेत जाना चाहिए

वर्तमान में एमएसपी जैसे तरीके पहाड़ों की आबादी के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हैं, हालांकि मुख्यधारा के मीडिया और इन जगहों के दूर होने के चलते यहां के लोगों को इस मुद्दे पर इकट्ठा होना मुमकिन नहीं हो रहा है.

कोरोना लॉकडाउन: ग़रीब और कमज़ोर तबके की मदद के लिए क्या उपाय किया जा सकते हैं

देशभर में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से उत्पन्न आर्थिक स्थितियां उन लोगों को बुरी तरह प्रभावित करेंगी, जो इस महामारी से तो शायद बच जाएंगे, लेकिन रोज़मर्रा की आवश्यक ज़रूरतों का पूरा न होना उनके लिए अलग मुश्किलें खड़ी करेगा.

कोरोना: मोदी सरकार के 1.75 लाख करोड़ के राहत पैकेज का सच वही है जो दिखाया जा रहा है?

25 मार्च को केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अब पीडीएस धारकों को 2 किलो अतिरिक्त अनाज मिलेगा, जिससे देश के 81 करोड़ लाभार्थी अगले तीन महीने तक लाभांवित होंगे. 26 मार्च के वित्त मंत्री के ऐलान में लाभार्थियों की संख्या 80 करोड़ है. एक करोड़ का हिसाब क्या सरकार के बोलने-लिखने में गायब हो गया?

नागरिकता क़ानून के समर्थन को लेकर हिंदुओं को डराने वालों को पाकिस्तान भेजा जाएगा: भाजपा नेता

केरल के भाजपा प्रवक्ता बी. गोपालकृष्णन ने राज्य सरकार के नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर से जुड़ी गतिविधियों पर रोक लगाने पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री विजयन ने एनपीआर लागू नहीं किया तो केंद्र द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य को मिलने वाला राशन नहीं दिया जाएगा.

ई-पॉश मशीन नहीं लेती अंगूठे का निशान, राशन न मिलने से लोग परेशान

उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के में राशन व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से कोटे की दुकानों पर ई-पॉश मशीन लगाकर राशन देने की व्यवस्था की गई है, लेकिन इससे आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.