पुलिस आरोपी को इसलिए नहीं मार सकती क्योंकि वह खूंखार अपराधी है: 1991 फ़र्ज़ी एनकाउंटर पर कोर्ट

यह मामला 12-13 जुलाई, 1991 की दरम्यानी रात को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत शहर में 10 सिखों की हत्या से संबंधित है. कुछ सिख तीर्थयात्री पीलीभीत से एक बस में तीर्थयात्रा के लिए जा रहे थे. आरोपी पुलिसकर्मी इस बस से 10 सिख युवकों को पकड़कर अपने साथ ले गए थे और तीन अलग-अलग एनकाउंटर में उन्हें मार डाला था.

1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़: इलाहाबाद हाईकोर्ट का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इनकार

अभियोजन पक्ष के अनुसार, कुछ सिख तीर्थयात्री 12 जुलाई 1991 को पीलीभीत से एक बस से तीर्थयात्रा के लिए जा रहे थे. उस बस में बच्चे और महिलाएं भी थीं. इस बस को रोक कर 11 लोगों को उतार लिया गया. इनमें से 10 लोगों की पीलीभीत के अलग अलग इलाकों में कथित मुठभेड़ दिखाकर हत्या कर दी गई. 11वां शख़्स एक बच्चा था, जिसका अब तक कोई पता नहीं चला. सिपाहियों ने इन्हें खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट का आतंकी बताया

यूपी पुलिस द्वारा पूर्व सैन्यकर्मी की प्रताड़ना का मामलाः हाईकोर्ट ने डीजीपी से जवाब मांगा

एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पीलीभीत ज़िले के पुलिसकर्मियों पर उन्हें और उनके परिवार से मारपीट और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी ने पुलिसकर्मियों पर उन्हें अपमानित करने और आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने के इरादे से उनके निजी अंग में डंडा डालकर उन्हें प्रताड़ित कर सभी हदें पार करने का आरोप लगाया है.

यूपी: किसान आंदोलन में शामिल किसान की मौत, पत्नी व भाई पर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का केस दर्ज

पीलीभीत के सेहरामऊ थाना क्षेत्र के बलविंदर सिंह 23 जनवरी को ग़ाज़ीपुर सीमा के लिए निकले थे. एक हफ़्ते बाद उनके परिवार को दिल्ली पुलिस ने फोन कर सड़क दुर्घटना में उनकी मौत के बारे में बताया. बुधवार को अंतिम संस्कार के समय उनके शव को तिरंगे में लपेटा गया था.

उत्तर प्रदेश: अकाली दल के नेता ने किया गिरफ़्तारी का दावा, पुलिस का इनकार

शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि वे किसानों का समर्थन करने पीलीभीत गए थे, जहां से उन्हें गिरफ़्तार कर बरेली ले जाया गया और देर रात रिहा किया गया. पुलिस ने इससे इनकार किया है.

सड़कों पर नाम-पता पूछने वाला ‘जय श्रीराम’ अब भेस बदलकर स्कूलों में पांव पसार रहा है

मुल्क की सियासत अब ज़्यादा शिद्दत से पहचान की राजनीति के गिर्द नाच रही है. राम को इमाम-ए-हिंद कहने वाले इक़बाल की दुआ को मदरसे की दुआ कहकर सीमित किया जा रहा है, लेकिन देश के बच्चे शायद इक़बाल की दुआ के सबक़ के माने समझ रहे हैं.

यह प्रार्थना पर नहीं बल्कि हिंदू समाज के दिलो-दिमाग के सिकुड़ने पर दुख मनाने का वक़्त है

विश्व हिंदू परिषद ने पीलीभीत के एक प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर पर राष्ट्रगान की जगह इक़बाल की प्रार्थना गवाने का आरोप लगाया. उनसे शिकायत नहीं पर जिलाधीश से है. उन्होंने जिस प्रार्थना के लिए हेडमास्टर को दंडित किया, क्या उसके बारे में उन्हें कुछ मालूम नहीं? क्या अब हम ऐसे प्रशासकों की मेहरबानी पर हैं जो विश्व हिंदू परिषद का हुक्म बजाने के अलावा अपने दिल और दिमाग का इस्तेमाल भूल चुके हैं?

यूपी: प्राइमरी स्कूल में मदरसे में होने वाली प्रार्थना कराने का आरोप, हेडमास्टर निलंबित

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले के एक प्राइमरी स्कूल का मामला. हेडमास्टर ने कुछ लोगों पर मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाते हुए अपने निलंबन को अन्यायपूर्ण बताया है. उनके अनुसार, उन्होंने अल्लामा इकबाल की उस कविता का पाठ कराया है जो सरकारी स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल है.

वरुण गांधी ने बसपा उम्मीदवार पर की टिप्पणी, कहा- संजय गांधी का लड़का हूं, इनसे जूते खुलवाता हूं

भाजपा सांसद वरुण गांधी ने यह विवादित टिप्पणी सुल्तानपुर में अपनी मां मेनका गांधी के लिए चुनाव प्रचार करते हुए की.

जिस गांव से ज़्यादा वोट मिलेगा, वहां पहले काम होगा: मेनका गांधी

पीलीभीत में एक रैली के दौरान मेनका गांधी ने कहा कि विकास कार्य करवाने के लिए क्षेत्र के गांवों को वोट प्रतिशत के आधार पर ए, बी, सी, डी श्रेणियों में बांटा जाएगा, जहां से सबसे ज़्यादा वोट मिलेंगे, वहां विकास कार्य पहले होगा.

मुस्लिमों को लेकर दिए बयान पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को कारण बताओ नोटिस जारी

केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में कहा था कि अगर मुस्लिम मुझे वोट नहीं देंगे तो मैं भी उनके लिए काम नहीं करूंगी.

वरुण गांधी ने कई बार कहने के बावजूद 38 हज़ार रुपये का बिल नहीं चुकाया: बीएसएनएल

भाजपा नेता वरुण गांधी पीलीभीत से चुनाव मैदान में हैं. वरुण पर टेलीफोन बिल का यह बकाया 2009 से 2014 के बीच पीलीभीत का सांसद रहने के दौरान का है. नियमों के अनुसार, उम्मीदवार को नामांकन के साथ सरकारी विभागों से मिला अनापत्ति पत्र जमा करना पड़ता है, इसके बिना उसका नामांकन रद्द हो सकता है.