आम चुनाव से पहले मोदी की तस्वीर वाले खाद्यान्न बैग खरीदने पर 15 करोड़ खर्चेगा एफसीआई: रिपोर्ट

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत खाद्यान्न वितरण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले बैगों की खरीद के लिए राजस्थान, सिक्किम, मिज़ोरम, त्रिपुरा और मेघालय में निविदाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है.

करोड़ों रुपये ख़र्च कर अनाज की बोरी पर होगा प्रधानमंत्री मोदी का प्रचार

वीडियो: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत वितरित किए जाने वाले खाद्यान्न बैगों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रदर्शित हो. भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अपने सभी 26 क्षेत्रीय कार्यालयों से इस संबंध में टेंडर जारी करने को कहा है.

लोकसभा चुनाव से पहले एफसीआई ने पीएम मोदी की तस्वीर वाले बैग में खाद्यान्न बांटने की योजना बनाई

​बीते जनवरी में जारी एक परिपत्र में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अपने सभी 26 क्षेत्रीय कार्यालयों को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत खाद्यान्न वितरित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांकेतिक लोगो के साथ बुने हुए लैमिनेटेड बैग की ख़रीद के लिए टेंडर जारी करने को कहा है.

केंद्र सरकार ने मुफ्त खाद्यान्न योजना का नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना रखा

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बयान में कहा कि केंद्र सरकार की एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) नाम दिया गया है, जिसके तहत एक जनवरी से 80 करोड़ से अधिक ग़रीबों को मुफ्त खाद्यान्न दिया जा रहा है.

प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना वापस लेना ग़रीबों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ाएगा: अधिकार समूह

बीते 23 दिसंबर को केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि वह 1 जनवरी, 2023 से प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना को बंद कर देगी. ‘राइट टू फूड कैंपेन’ नामक संगठन ने कहा है कि जब तक देश पूरी तरह से महामारी से बाहर नहीं आ जाता है, तब तक सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति कम से कम 10 किलो राशन की गारंटी दी जानी चाहिए. 

भुगतान में देरी को लेकर मनरेगा मज़दूरों का दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के 15 राज्यों के सैकड़ों मज़दूर दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब वे समय पर मज़दूरी की मांग करते हैं तो उन्हें काम नहीं मिलता. साथ ही कार्यस्थल पर किसी मज़दूर के घायल हो जाने या उसकी मृत्यु हो जाने पर मुआवज़ा तक नहीं दिया जाता.

प्रवासी कामगारों के लिए सामुदायिक रसोई, खाद्यान्न और परिवहन की व्यवस्था करें सरकारें: अदालत

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खाद्यान्न देते हुए प्रशासन उन प्रवासी कामगारों को पहचान पत्र दिखाने पर ज़ोर न दे, जिनके पास फ़िलहाल दस्तावेज़ नहीं हैं. पीठ ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों को यह निर्देश भी दिया कि वे कोविड-19 के कारण फंसे प्रवासी कामगारों में से जो घर जाना चाहते हैं, उनके लिए परिवहन की समुचित व्यवस्था करें.

लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद भी 11 राज्यों के लोग भूख की समस्या से पीड़ित: सर्वे

भोजन का अधिकार अभियान द्वारा कराए गए सर्वे में अनुसूचित जाति, जनजाति और मुस्लिमों समेत धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लोग शामिल थे. सर्वे के अनुसार लगभग 56 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्हें लॉकडाउन से पहले कभी भी भोजन छोड़ना नहीं पड़ा था. हालांकि सितंबर और अक्टूबर में 27 प्रतिशत लोगों को बिना भोजन के सोना पड़ा.

आत्मनिर्भर भारत: प्रवासी मज़दूरों के लिए आवंटित खाद्यान्न में से सिर्फ 33 फीसदी का वितरण हुआ

केंद्र द्वारा ‘सफल’ घोषित की गई इस योजना के तहत आठ लाख टन खाद्यान्न वितरण का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार इसमें से सिर्फ 2.65 लाख टन राशन का वितरण हुआ है.

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सिर्फ 28 फ़ीसदी प्रवासी मज़दूरों को ही राशन मिला

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत भी जून महीने में कम से कम 15.58 करोड़ लाभार्थियों को राशन नहीं मिला है. कम वितरण के कारण अब केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत प्रवासी मज़दूरों को राशन देने की समयसीमा बढ़ाकर 31 अगस्त 2020 तक कर दी है.

राज्‍यों की अन्न वितरण योजना बढ़ाने की मांग पर केंद्र ही अंतिम निर्णय लेगा: रामविलास पासवान

साक्षात्कार: कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में गरीबों को मदद देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की गई थी, जिसे ज़मीन पर उतारने का ज़िम्मा उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को मिला था. इस बारे में मंत्री रामविलास पासवान से बातचीत.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज: मई महीने में करीब 14.5 करोड़ लोगों को अतिरिक्त राशन नहीं मिला

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई प्रेस रिलीज से यह भी पता चलता है कि सरकार को अप्रैल और मई महीने में जितनी दाल बांटनी चाहिए थी, उसका सिर्फ 40 फीसदी ही बांटा गया है.

भारत बहुत बड़ी आर्थिक तबाही का सामना कर रहा है, पीएमओ इसे अकेले नहीं संभाल सकता: रघुराम राजन

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों और गरीबों को खाद्यान्न देना पर्याप्त नहीं है. उन्हें खाना पकाने के लिए सब्जियां और तेल की भी आवश्यकता होती है और सबसे महत्वपूर्ण पैसा और आश्रय की जरूरत है.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल महीने में 20 करोड़ लोगों को राशन नहीं मिला

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत इस समय देश में कुल 80.32 करोड़ लाभार्थी हैं, लेकिन अप्रैल महीने में इसमें से 60.33 करोड़ लोगों को ही अतिरिक्त राशन दिया गया.

केंद्रीय श्रम संघों की मांग, जरूरतमंद परिवारों को 7500 रुपये की मदद दे सरकार

इन संगठनों ने आवागमन पर लागू प्रतिबंध में फंसे श्रमिकों को मुफ्त यात्रा की व्यवस्था किए जाने और सभी जरूरतमंदों को मुफ्त राशन देने की भी मांग की है.