कर्नाटक के बेलगावी ज़िले का मामला. पुलिस के अनुसार, बीते 11 दिसंबर को एक 42 वर्षीय महिला को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने के अलावा उन्हें बिजली के खंभे से बांधकर पीटा गया था. ऐसा इसलिए किया गया था, क्योंकि उनका बेटा एक युवती के साथ भाग गया था. पुलिस ने इस संबंध में सात लोगों को गिरफ़्तार किया था.
मद्रास हाईकोर्ट एक वृद्धा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि डीएमके वार्ड सचिव 13 साल से अधिक समय तक उनकी भूमि पर कब्ज़ा कर रखा था. अदालत ने कहा कि राजनीतिक ताक़त का इस्तेमाल करके एक शक्तिहीन आम आदमी से ज़मीन छीनना दिनदहाड़े हुई डक़ैती के अलावा कुछ नहीं है.
पूर्व उपराष्ट्रपति और एम. वेंकैया नायडू ने एक समारोह में कहा कि नेता पत्रकारों के सभी दृष्टिकोणों से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन उन्हें आलोचना को अपने पक्ष में लेना चाहिए. पत्रकारों को नेताओं और हस्तियों की आलोचना करने के लिए स्वतंत्र महसूस करना चाहिए, अन्यथा लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा.
महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के रहने वाले रैपर राज मुंगासे के गाने में बिना नाम लिए महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधा गया है, वहीं मुंबई के रैपर उमेश खाडे ने अपने गाने में व्यक्तिगत लाभ के लिए ग़रीबी से पीड़ित लोगों की अनदेखी करने के लिए राजनेताओं की आलोचना की है.
चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने छत्तीसगढ़ पुलिस अकादमी के निलंबित निदेशक गुरजिंदर पाल सिंह की अपील पर यह टिप्पणी की. सिंह ने जबरन उगाही के आरोप में तीसरी एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद दंडात्मक कार्रवाई से बचाव का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.
वीडियो: ख़बरों के लिहाज़ से ये हफ़्ता बेहद रोचक रहा. भारत में पत्रकारों, नेताओं, उद्योगपतियों, कार्यकर्ताओं और न्यायाधीशों की फ़ोन की जासूसी की बात सामने आ रही है. पेट्रोल के बढ़ते दामों के बीच यूपी चुनाव की तैयारी भी होनी है तो उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण क़ानून का मसौदा पेश किया गया है. इस सब घमासान के बीच पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे और योगी के कोविड मैनेजमेंट की तारीफ़ कर डाली है.
सवाल है कि क्या हमारे नेता नौकरशाही में अपने समर्थ सहयोगियों की मिलीभगत के बग़ैर ही अकूत काला धन जमा करने और तरह-तरह के अपराध करने में कामयाब हो जाते हैं?
विदेशी दुश्मनों को ज़रूरत से ज़्यादा निचोड़ लिया गया है. अब नये दुश्मन की ज़रूरत है. अब घर में तलाश की जा रही है. इसके लिए इतिहास को काम पर लगाया गया है.
एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए अदालत ने कहा कि नेताओं की सुरक्षा पर हो रहे खर्च पर रोक लगनी चाहिए. राजनीतिक दल उनका खर्च उठाने में सक्षम हैं. ऐसे में सरकार को उनकी सुरक्षा का खर्च उठाने की जरूरत नहीं है.