अमीर देशों द्वारा जमा की गई कोविड वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक बर्बादी की कगार पर: रिपोर्ट

विज्ञान एनालिटिक्स कंपनी 'एयरफिनिटी' की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस वर्ष के अंत तक ख़राब होने वाले दस करोड़ कोविड-19 टीकों में से यूरोपीय संघ के पास 41 फीसदी और अमेरिका के पास 32 फीसदी टीके हैं. वैश्विक स्तर पर इस तरह के असमान टीका वितरण को लेकर गहरी नाराज़गी जताई जा रही है.

अमीर-ग़रीब देश का भेद मिटा कोविड टीकों का वितरण नैतिक रूप से ज़रूरी: दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामाफोसा ने कहा ​है कि संपन्न देशों में लाखों लोगों का टीकाकरण हो चुका है, जबकि ग़रीब देशों में अरबों लोग टीके का इंतज़ार कर रहे हैं. महामारी के ख़ात्मे के लिए प्रभावी और समावेशी वैश्विक टीकाकरण बहुत ज़रूरी है. आप तब तक सुरक्षित रहने की उम्मीद नहीं कर सकते, जब तक कि हम सभी सुरक्षित न हों.

कोविड-19 के चलते 1930 की महामंदी के बाद सबसे गहरी मंदी से जूझ रही है दुनिया: विश्व बैंक

विश्व बैंक के अध्यक्ष ने कहा है कि कोरोना महामारी कई विकासशील और सबसे ग़रीब देशों के लिए यह भयावह घटना है. उन्होंने कहा कि निर्धनतम देशों में सामाजिक सुरक्षा के लिए अतिरिक्त मदद दी जाए. लोगों की जान बचाना, स्वास्थ्य और सुरक्षा पहली प्राथमिकता है.

कोविड-19 संकट के चलते दुनिया में एक अरब से अधिक लोग अत्यंत ग़रीब हो सकते हैं: रिपोर्ट

किंग्स कॉलेज लंदन और ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों के एक अध्ययन में कहा गया है कि मध्यम आय वर्ग वाले विकासशील देशों में ग़रीबी बढ़ेगी जो वैश्विक स्तर पर ग़रीबी को बढ़ाएगा. दक्षिण एशिया का इलाका ग़रीबी की मार झेलने वाला दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्र होगा.

कोविड-19: अमर्त्य सेन समेत 225 से ज़्यादा हस्तियों ने सरकारों से 2500 अरब डॉलर का राहत कोष बनाने की मांग की

इन हस्तियों की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया है कि वैश्विक स्वास्थ्य एवं आर्थिक आपदा को टालने के लिए वक्त तेजी से बीत रहा है. 44 करोड़ अतिरिक्त लोग ग़रीबी में फंस सकते हैं तथा 26.5 करोड़ अतिरिक्त लोगों को कुपोषण का सामना करना पड़ सकता है.

ग्लोबल हंगर इंडेक्स: भुखमरी दूर करने में और पिछड़ा भारत, 119 देशों में से 103वें पर पहुंचा

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स में लगातार पिछड़ता जा रहा है. जहां साल 2014 में भारत 99वें स्थान पर था. वहीं साल 2015 में 93वें स्थान पर जा पहुंचा. इसके बाद साल 2016 में 97वें और साल 2017 में 100वें पायदान पर पहुंच गया.