कश्मीर में बिजली संकट: लोगों को 16 घंटे तक कटौती का सामना करना पड़ रहा है

कश्मीर में बिजली उत्पादन 1800 मेगावॉट की मांग के मुक़ाबले 50-100 मेगावॉट के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है. ये स्थिति ऐसे समय है, जब घाटी में तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है. जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी ने कहा कि अगर निर्वाचित सरकार होती तो ऐसा संकट नहीं होता, ज़िम्मेदारी तय हो जाती. वहीं, पीडीपी ने इसे लेकर प्रदर्शन किया है.

जम्मू कश्मीर: बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से उपजे संकट से निपटने के लिए सेना की मदद मांगी गई

पावर ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन के क़रीब 20,000 कर्मचारियों ने वेतन का भुगतान नहीं होने का आरोप लगाते हुए जम्मू और कश्मीर डिवीज़नों को पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ विलय के फ़ैसले के विरोध में यह प्रदर्शन शुरू किया है. सरकार के इस क़दम को प्रदर्शनकारी इस केंद्रशासित राज्य की संपत्ति की ‘बिक्री’ के तौर पर देख रहे हैं.

विलय के ख़िलाफ़ जम्मू कश्मीर के 20,000 से अधिक बिजली कर्मचारी अनिश्चितकालीन धरने पर

पावर ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन के क़रीब 20,000 कर्मचारियों ने जम्मू और कश्मीर डिवीज़नों को पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ विलय के फ़ैसले के विरोध में यह प्रदर्शन शुरू किया है. कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि साल 2019 में बिजली विकास विभाग के विभाजन के बाद से कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया गया है.