वर्ष 2000 में तमिल बहुल उत्तरी प्रांत में तैनाती के दौरान श्रीलंकाई सैनिक सुनील रत्नायके एक बच्चे समेत आठ नागरिकों की हत्या का आरोप लगाया गया था. 2015 में उच्च न्यायालय ने उन्हें हत्या का दोषी ठहराया था. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सैनिक की सज़ा माफ़ कर दी है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनके पिता और दादी की हत्या इसलिए हुई कि वे राजनीति में थे और बदलाव लाना चाहते थे.