सीपीआई की ओर से कहा गया है कि दूरदर्शन ने भाषण से ‘आरएसएस’ एवं ‘फासीवादी विचारधारा’ जैसे शब्दों को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए हटाने के लिए कहा है. पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार के इशारे पर ऐसी पक्षपातपूर्ण कार्रवाई हो रही है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक मसौदा तैयार किया था, जिसके तहत दूरदर्शन और आकाशवाणी के महानिदेशक की नियुक्ति का अधिकार केंद्र सरकार को मिल जाता लेकिन मंत्रालय ने इस मसौदा विधेयक को कुछ ही दिनों के भीतर वापस ले लिया.
#मीटू: कैजुअल स्टाफ यूनियन ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और राष्ट्रीय महिला आयोग जांच के आदेश देने के पांच महीने बाद भी आकाशवाणी ने कोई कार्रवाई नहीं की है. एक शिकायतकर्ता का कहना है कि अगर आकाशवाणी ने इस मामले को नहीं सुलझाया तो वह 15 अप्रैल से आमरण अनशन पर बैठेंगी.
#मीटू: मध्य प्रदेश के शहडोल के अलावा 6 अन्य आकाशवाणी केंद्रों से भी यौन उत्पीड़न की शिकायतें सामने आई हैं. ऑल इंडिया रेडियो के कर्मचारियों की ट्रेड यूनियन का दावा है कि ऐसे सभी मामलों में आरोपी को केवल चेतावनी दी गई, वहीं सभी शिकायतकर्ताओं की सेवाएं ख़त्म कर दी गई हैं.
प्रसार भारती में सूचना प्रसारण मंत्रालय का बढ़ता हस्तक्षेप इस बात का सबूत है कि मंत्रालय चीज़ों को बेहतर बनाने की जगह हर चीज़ पर नियंत्रण स्थापित करना चाहता है.
विशेष रिपोर्ट: प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश ने बताया कि कर्मचारियों को जनवरी और फरवरी महीने का वेतन संस्थान की आकस्मिक निधि से दिया गया है.