देश के कुछ वकीलों और क़ानूनी पेशेवरों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य में नफ़रत और हिंसा को बढ़ावा देने वालों के ख़िलाफ़ प्रदेश सरकार का रुख़ नरम है और अल्पसंख्यकों को लेकर उसका रवैया पक्षपातपूर्ण है.
दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने वालों में योगेंद्र यादव, धर्मवीर गांधी, छात्र नेता उमर खालिद, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित, स्वराज इंडिया के दिल्ली अध्यक्ष कर्नल जयवीर, आईसा अध्यक्ष सुचेता दे, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के नेता नदीम खान समेत कई लोग शामिल हैं.
पिछले साल अक्टूबर में हुए सीबीआई विवाद के बाद पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद तत्कालीन संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया था.
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई एसपी टी. राजा बालाजी ने अपने ट्रांसफर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बालाजी ने यह भी दावा किया है कि उनके खिलाफ अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव के ख़िलाफ़ सबूत हैं.
सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा को अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड्स का निदेशक नियुक्त किया गया था.
आलोक वर्मा के तबादले के बाद सीबीआई निदेशक का प्रभार फिलहाल अतिरिक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव के पास है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई निदेशक को पद से हटाने के कदम का विरोध किया.
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि एक स्वतंत्र प्रक्रिया को देखते हुए आलोक वर्मा को सीवीसी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देने का मौका दिया जाना चाहिए था. अगर ऐसा किया जाता तो हम सभी फैसले का स्वागत करते.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की एक लंबी बैठक के बाद आलोक वर्मा को गुरुवार को सीबीआई निदेशक पद से हटा दिया गया.
अक्टूबर 2018 में छुट्टी पर भेजे जाने से पहले आलोक वर्मा राफेल सौदे से लेकर स्टर्लिंग बायोटेक जैसे कई हाई-प्रोफाइल मामले देख रहे थे. इनमें से एक मामला ऐसा है जिसमें प्रधानमंत्री के सचिव आरोपी हैं.
नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी भी थे. वर्मा को पद से हटाने का फ़ैसला बहुमत से किया गया, जहां खड़गे ने इसका विरोध किया.
बीते मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा को उनके अधिकारों से वंचित कर छुट्टी पर भेजने के सरकार के फैसले को ख़ारिज कर दिया और वर्मा पर लगे आरोपों को लेकर चयन समिति द्वारा एक हफ्ते के भीतर फैसला लेने को कहा था.
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की बहाली पर सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि जब कोर्ट यह मानता है कि आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजना क़ानून के ख़िलाफ़ था, तो उन्हें बहाल करने के साथ उनकी सारी शक्तियां भी देनी चाहिए थीं. उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी के निर्णय तक उन्हें नीतिगत फ़ैसले से रोकने का कोई प्रावधान नहीं है.
डीओपीटी और सीवीसी द्वारा वर्मा को उनकी शक्तियों से वंचित कर छुट्टी पर भेजने के आदेश को ख़ारिज करते हुए अदालत ने सीवीसी की उच्चाधिकार प्राप्त समिति से एक हफ़्ते के भीतर निर्णय लेने को कहा है.
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच टकराव सामने आने के बाद 24 अक्टूबर को एम. नागेश्वर राव को सीबीआई के अंतरिम निदेशक की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी.