19 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अपमान का हवाला देते हुए नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किया

नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे. विपक्षी दलों की मांग है कि उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए. 19 विपक्षी दलों ने एक बयान जारी कर कहा है कि जब लोकतंत्र की आत्मा को ही संसद से निकाल दिया गया है, तो उनके लिए नई इमारत का कोई मोल नहीं है.

प्रधानमंत्री ने 2019 से अब तक 21 विदेश यात्राएं कीं, 22.76 करोड़ रुपये ख़र्च हुए: सरकार

विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने 2019 से राष्ट्रपति के दौरे के लिए क़रीब 6.25 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री के दौरे के लिए 22.76 करोड़ रुपये और विदेश मंत्री के दौरे के लिए 20.87 करोड़ रुपये की राशि ख़र्च की है. राष्ट्रपति ने आठ विदेश यात्राएं, जबकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 86 विदेश यात्राएं की हैं.

हमारा संविधान: अनुच्छेद 72 और राष्ट्रपति का क्षमा देने का अधिकार

वीडियो: यदि अदालत किसी व्यक्ति को सज़ा सुनाती है, तो किन परिस्थितियों में राष्ट्रपति सजा माफ़ कर सकते हैं? संविधान के तहत राष्ट्रपति को क्षमादान की शक्ति क्यों दी गई है, इस बारे में बता रही हैं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल.

मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने का सपना देख सकती हूं, राष्ट्रपति बनने का नहीं: मायावती

अखिलेश यादव के भाजपा द्वारा मायावती को राष्ट्रपति बनाए जाने संबंधी बयान पर बसपा सुप्रीमो ने कहा कि समाजवादी पार्टी वाले उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाने का सपना इसलिए देखते रहते हैं ताकि उनके लिए उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ़ हो जाए जो कभी संभव नहीं हो सकता.

पेरारिवलन के बाद राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी श्रीहरन ने ज़मानत मांगी

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की दोषी नलिनी श्रीहरन ने अपनी ज़मानत याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए एक अन्य दोषी एजी पेरारिवलन को ज़मानत दी कि वह 32 साल से भी अधिक समय तक जेल में रहे. नलिनी ने कहा कि वह भी तीन दशकों से अधिक समय से जेल में है और जमानत पाने की हक़दार है.

मध्य प्रदेशः विहिप की चर्च ध्वस्त करने की धमकी, बिशप ने की राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की अपील

मामला झाबुआ का है, जहां विश्व हिंदू परिषद के सदस्य होने का दावा करने वाले लोगों ने ज़िले में चर्चों को ध्वस्त करने की धमकी दी है. इसके बाद एक बिशप ने ईसाइयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा है कि राज्य में समुदाय पर हो रही हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए.

राज्यसभा नामांकन पर बोले जस्टिस गोगोई- अगर सौदा होता तो सिर्फ राज्यसभा सीट से बात न बनती

एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने देश की न्यायिक व्यवस्था पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि न्यायपालिका एकदम ‘जर्जर’ स्थिति में पहुंच गई है और वे कोर्ट जाना पसंद नहीं करेंगे.

महामारी के बीच श्रम सुधार के नाम पर लाए गए तीन क़ानूनों का विरोध क्यों हो रहा है

मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए श्रम क़ानूनों में जहां एक ओर सामाजिक सुरक्षा के दायरे में ऐसे विभिन्न कामगारों को लाया गया है, जो अब तक इसमें नहीं थे, वहीं दूसरी ओर हड़ताल के नियम कड़े किए गए हैं. साथ ही नियोक्ता को बिना सरकारी मंज़ूरी के कामगारों को नौकरी देने और छंटनी के लिए अधिक छूट दी गई है.

असम को इनर लाइन परमिट से बाहर रखने के फ़ैसले पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

असम के दो छात्र संगठनों ने राज्य को नागरिकता संशोधन क़ानून के प्रभाव से बचाने के लिए राष्ट्रपति द्वारा बीते दिसंबर में बंगाल पूर्वी सीमांत नियमन, 1873 में किए गए संशोधनों को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. अदालत का कहना है कि इस बारे में केंद्र का पक्ष सुने बिना कोई रोक नहीं लगाई जा सकती.

कोरोना संकट का इस्तेमाल समाज को बांटने के लिए किया जा रहा: एएमयू टीचर्स एसोसिएशन

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग इस्लामोफोबिया फैला रहे हैं, उन्हें फटकारने के बजाय पुलिस उन पर कार्रवाई कर रही है, जो इस तरह की घृणित गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.

श्रम संसदीय समिति ने श्रम कानूनों को ‘कमजोर’ किए जाने को लेकर नौ राज्यों से जवाब मांगा

समिति के अध्यक्ष भर्तृहरि महताब ने कहा कि श्रमिकों के अधिकारों की कीमत पर उद्योगों को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा है कि भारत में श्रम कानूनों में हो रहे बदलाव अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होने चाहिए.

भारत में श्रम कानूनों में हो रहे बदलाव अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होने चाहिए: आईएलओ

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा कि सरकार, श्रमिक और नियोक्ता संगठनों से जुड़े लोगों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता के बाद ही श्रम कानूनों में किसी भी तरह का संशोधन किया जाना चाहिए.

‘श्रम क़ानून में बदलाव मज़दूरों के अधिकारों से खिलवाड़, उन्हें मालिकों के रहम पर जीना पड़ेगा’

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्य कोरोना महामारी के नाम पर गोपनीय तरीके से कुछ सालों के लिये कई श्रम क़ानूनों को हल्का कर रहे हैं या रोक लगा रहे हैं. राज्यों की दलील है कि इससे निवेश बढ़ेगा, लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि निवेश श्रम क़ानूनों को ख़त्म करने से नहीं बल्कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल्ड लेबर से होता है.

श्रमिकों की वापसी के बीच बिहार ने 222 मज़दूरों को राइस मिल में काम करने तेलंगाना भेजा

प्रवासी मज़दूरों के घर लौटने के प्रयासों के बीच बिहार और उत्तर प्रदेश के 1.09 लाख प्रवासियों ने अपने गृह राज्यों से वापस लौटने के लिए हरियाणा सरकार के वेब पोर्टल पर आवेदन किया है.

राज्य सरकारों द्वारा श्रम क़ानूनों में संशोधन को लेकर आठ दलों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा

पत्र के अनुसार, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब ने फैक्ट्री अधिनियम में संशोधन के बिना काम की अवधि को आठ घंटे प्रतिदिन से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है. इससे मजदूरों के मौलिक अधिकार को लेकर गंभीर ख़तरा पैदा हो रहा है.

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