आपातकाल के स्याह दिन बनाम अच्छे दिन

जनतंत्र को अपने ठेंगे पर रखे घूम रहे लठैतों के इस दौर में 46 साल पहले के आपातकाल के 633 दिनों पर खूब हायतौबा मचाइए, मगर पिछले 2,555 दिनों से भारतमाता की छाती पर चलाई जा रही अघोषित आपातकाल की चक्की के पाटों को नज़रअंदाज़ मत करिए.

कश्मीर: 2006 के एक हादसे पर वॉट्सऐप स्टेटस लगाने के चलते पत्रकार के ख़िलाफ़ केस दर्ज

कश्मीर घाटी के बांदीपोरा क़स्बे के रहने वाले पत्रकार साजिद रैना ने साल 2006 में एक नाव हादसे में मारे गए 22 बच्चों की तस्वीर अपने वॉट्सऐप पर लगाते हुए उन्हें ‘वुलर झील के शहीद’ कहा था, जिसे लेकर उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.

पूरे विश्व में कोविड संक्रमण से हुई पत्रकारों की मौतों के मामले में भारत तीसरे स्थान पर: रिपोर्ट

जिनेवा के एक मीडिया अधिकार निकाय द प्रेस एंब्लेम कैंपेन की रिपोर्ट बताती है कि 26 अप्रैल तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना संक्रमण से कम से कम 107 पत्रकारों की मौत हुई है और इस तरह से भारत केवल ब्राज़ील (181 मौतें) और पेरू (140 मौतें) से पीछे है. रिपोर्ट के मुताबिक़ बीते दो हफ़्तों में भारत के 45 पत्रकारों की मौत हुई है.

प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत लगातार 142वें स्थान पर, पत्रकारों के लिए बेहद ख़तरनाक देश बताया

रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स की ओर से जारी विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 देशों में 142वें स्थान पर है. रिपोर्ट में देश में कम होती प्रेस की आज़ादी के लिए भाजपा समर्थकों को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा गया है कि पार्टी समर्थकों ने पत्रकारों को डराने-धमकाने का माहौल बनाया है. साथ ही पत्रकारों की ख़बरों को 'राष्ट्र विरोधी' क़रार दिया है.

जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा एनकाउंटर स्थलों से रिपोर्टिंग पर रोक अलोकतांत्रिक: एडिटर्स गिल्ड

पुलिस का दावा है कि ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि हिंसा को फैसले से रोका जा सके, क्योंकि एनकाउंटर वाले स्थान से रिपोर्टिंग करने पर ‘देशविरोधी भावना’ भड़कती है. हालांकि एडिटर्स गिल्ड ने कहा है कि सत्य बताने में कुछ भी ग़लत नहीं है.

लॉकडाउन के ख़िलाफ़ मज़दूरों के प्रदर्शन के वीडियो पर यूट्यूब ने ‘मिल्लत टाइम्स’ को ब्लॉक किया

समाचार वेबसाइट ‘मिल्लत टाइम्स’ की 9 अप्रैल की महाराष्ट्र में कोविड-19 लॉकडाउन के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन पर एक वीडियो रिपोर्ट प्रकाशित की थी. इसके चीफ एडिटर ने बताया कि अधिकतर प्रदर्शनकारी दिहाड़ी मज़दूर थे. वे मुख्यमंत्री निवास के पास विरोध कर रहे थे और उन मुद्दों के बारे में बोल रहे थे, जिनका सामना वे लॉकडाउन के कारण करेंगे.

भारत में सरकार के ख़िलाफ़ ख़बरें लिखने वाले मीडिया का दमन किया जा रहा है: अमेरिकी रिपोर्ट

अमेरिका की ‘2020 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रेक्टिसेस’ रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रशासन ने मीडिया की आवाज को दबाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा, मानहानि, राजद्रोह, हेट स्पीच क़ानून के साथ-साथ अदालत की अवमानना जैसे क़ानूनों का सहारा लिया है.

उत्तर प्रदेश: मनरेगा मज़दूरों की जगह मशीनों से काम कराने की रिपोर्टिंग के लिए पत्रकार पर हमला

उत्तर प्रदेश के ललितपुर ज़िले का मामला. समाचार पोर्टल बुंदेलखंड टाइम्स टीवी के लिए काम कर रहे विनय तिवारी का आरोप है कि रिपोर्टिंग के वक़्त प्रधान के परिजनों ने उनसे बहस की और लाठियों से हमला किया. विनय पर अवैध शराब के व्यापार की रिपोर्टिंग के लिए भी हमला हो चुका है.

वैश्विक प्रेस संघों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, पत्रकारों के ख़िलाफ़ केस वापस लेने की मांग की

ऑस्ट्रिया स्थित इंटरनेशनल प्रेस इंस्टिट्यूट और बेल्जियम स्थित इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स की ओर से कहा गया है कि स्वास्थ्य संकट (महामारी) का इस्तेमाल उन लोगों को चुप कराने के लिए किया जा रहा है, जिन्होंने सरकार की कार्रवाई में कमी को उजागर किया है.

लॉकडाउन के दौरान 55 पत्रकारों को मिली धमकियां, मुक़दमे और गिरफ़्तारी: रिपोर्ट

कोविड-19 महामारी के दौरान मीडिया को लेकर जारी राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार 25 मार्च से 31 मई, 2020 के बीच विभिन्न पत्रकारों के ख़िलाफ़ 22 एफआईआर दर्ज की गईं, जबकि कम से कम 10 को गिरफ़्तार किया गया. इस अवधि में मीडियाकर्मियों पर सर्वाधिक 11 हमले उत्तर प्रदेश में हुए.

उत्तर प्रदेश: आलोचना के बाद सरकार ने वापस लिया कोविड वार्ड में मोबाइल पर पाबंदी का फैसला

उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कोविड अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों के मोबाइल फोन इस्तेमाल पर पाबंदी इसलिए लगाई गई है ताकि अस्पतालों की दुर्दशा का सच जनता तक ना पहुंचे.

पंजाबः पत्रकार की बर्बर पिटाई, आरोपी दो पुलिसकर्मी सस्पेंड

एक अन्य मामले में पंजाब के एक मंत्री के ज्योतिष के प्रति रुझानों को लेकर रिपोर्ट लिखने पर एक पत्रकार के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

बिहार: क्वारंटीन सेंटर में अव्यवस्थाओं की रिपोर्ट पर दैनिक भास्कर के पत्रकार के ख़िलाफ़ एफआईआर

सीतामढ़ी ज़िले में एक क्वारंटीन सेंटर में अव्यवस्थाओं के लेकर हुए प्रवासी मज़दूरों के हंगामे की ख़बर करने वाले पत्रकार पर प्रशासन की ओर से मामला दर्ज करवाते हुए कहा गया है कि पत्रकार ने मज़दूरों को उकसाया था. बेगूसराय में भी एक स्थानीय पत्रकार के ख़िलाफ़ एफआईआर हुई है.

क्वारंटीन सेंटर की बदहाली दिखाने पर उत्तर प्रदेश में पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज

मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले का है. एक न्यूज़ पोर्टल के पत्रकार रविंद्र सक्सेना को सरकारी काम में बाधा डालने, आपदा प्रबंधन और हरिजन एक्ट आदि के तहत आरोपी बनाया गया है.

मीडिया संगठनों ने प्रेस की स्वतंत्रता कम करने को लेकर अधिकारियों की आलोचना की

मीडिया संगठनों ने एक गुजराती समाचार पोर्टल के संपादक के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मामला दर्ज करने, हिमाचल प्रदेश में छह पत्रकारों के ख़िलाफ़ 14 एफआईआर दर्ज करने और इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार को पूछताछ के लिए बुलाने की निंदा की है.

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