तमिलनाडु के कन्याकुमारी ज़िले में एक कैथोलिक पादरी फादर जॉर्ज पोनैया को गिरफ़्तार किया गया है. उन्होंने अरूमनाई शहर में एक समागम के दौरान कथित तौर पर ये टिप्पणियां की थीं. वह चर्च को बंद किए जाने और घरों में प्रार्थनाओं पर प्रतिबंध लगाए जाने के ख़िलाफ़ थे.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले चुनावों से पहले विपक्षी दल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सक्रिय हो गए हैं. कांग्रेस प्रदेश में बिगड़ती क़ानून और व्यवस्था को मुद्दा बनाकर चुनाव मैदान में जाने की तैयारी कर रही है. वहीं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में योगी सरकार की प्रशंसा कर रहे थे, उस समय सपा कार्यकर्ता बढ़ती महंगाई के विरुद्ध प्रदेश भर में प्रदर्शन कर रहे थे. दोनो पार्टियां चुनाव के केंद्र में आम जनता से जुड़े मुद्दों
वीडियो: इंडिया टुडे ग्रुप के समाचार चैनल आज तक में कार्यरत श्याम मीरा सिंह को ट्विटर पर प्रधानमंत्री की आलोचना करने के लिए नौकरी से बर्ख़ास्त कर दिया गया है. श्याम मीरा सिंह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. इस मामले पर श्याम मीरा सिंह से द वायर की बातचीत.
नरेंद्र मोदी सरकार ने गुरुवार को पूर्व भाजपा नेता और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नाम को देश के प्रतिष्ठित थिंक-टैंक में से एक रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान में जोड़ने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया. हालांकि कुछ समय पहले ही संस्थान के पूर्व निदेशक समेत कई सदस्यों ने इस कदम का विरोध किया था.
विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप जारी करते हुए 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है. इस प्रारूप में दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने और सरकारी योजनाओं का भी लाभ न दिए जाने का प्रस्ताव है.
जम्मू कश्मीर एकमात्र ऐसा राज्य/केंद्र शासित प्रदेश है, जहां 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन होगा. अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का परिसीमन 2021 की जनगणना के अनुसार किया जाना है. जम्मू कश्मीर में निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन को लेकर जम्मू की भाजपा इकाई ने 2011 की जनगणना के इस्तेमाल का विरोध किया. उसने कहा कि इन आंकड़ों में हेराफेरी की गई थी, इसलिए वोटर लिस्ट के आधार पर जनसंख्या की गणना की जानी चाहिए.
जम्मू कश्मीर में निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन की बड़ी कवायद को लेकर चार दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचे जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाले आयोग ने विभिन्न दलों के नेताओं से संवाद किया. बीते 24 जून को केंद्र शासित प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के साथ सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिसीमन प्रक्रिया में उनकी भागीदारी की मांग की थी.
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने प्रेस स्वतंत्रता को नियंत्रित करने वाले 37 राष्ट्राध्यक्षों या सरकार के प्रमुखों की सूची जारी की है, जिसमें उत्तर कोरिया के किम जोंग-उन, पाकिस्तान के इमरान ख़ान के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम शामिल है. रिपोर्ट के अनुसार ये सभी वे हैं जो 'सेंसरशिप तंत्र बनाकर प्रेस की आज़ादी को रौंदते हैं, पत्रकारों को मनमाने ढंग से जेल में डालते हैं या उनके ख़िलाफ़ हिंसा भड़काते हैं.
राज्यसभा के सदस्य एवं केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया. गुजरात भाजपा के नेता मंगुभाई छगनभाई पटेल को मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया है. मिज़ोरम के राज्यपाल पीएस पिल्लई को स्थानांतरित कर गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की की बैठक पर गुपकर गठबंधन ने कहा कि इसमें विश्वास बहाली के लिए क़दमों पर बात नहीं हुई और न ही अगस्त 2019 से जम्मू कश्मीर के लोगों का ‘दम घोंट रहे घेराबंदी और दमन वाले वातावरण’ को समाप्त करने के लिए ठोस क़दम उठाने पर चर्चा हुई. जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने संबंधी संसद में किया गया वादा भाजपा नीत केंद्र सरकार को याद दिलाते हुए गठबंधन ने कहा कि ऐसा होने
तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को दिल्ली में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के साथ बैठक को लेकर हटाने की मांग की थी. पत्र में कहा गया है कि अधिकारी और सॉलिसिटर जनरल के बीच हुई बैठक अनुचित है, क्योंकि भाजपा विधायक अधिकारी नारदा और शारदा मामलों में एक आरोपी हैं, जिनकी जांच चल रही है. नारदा मामले में मेहता सीबीआई की ओर से अदालत में पेश हो रहे हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी के साथ हुई बैठक में नेताओं ने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को बहाल करने की भी मांग की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू कश्मीर के 14 राजनीतिक नेताओं से मुलाकात के एक सप्ताह बाद यह बैठक हुई है.
लक्षद्वीप प्रशासन के हालिया आदेश में कहा गया कि सार्वजनिक स्थानों, घरों के आसपास नारियल के छिलके, पेड़ की पत्तियां, नारियल के खोल, टहनियां आदि मिलने पर जुर्माना लगाया जाएगा. स्थानीयों का कहना है कि प्रशासन को जुर्माने की बजाय उचित अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को लागू करना चाहिए.
सर्वदलीय बैठक को समझने के लिए जम्मू कश्मीर का विशेषज्ञ होने की ज़रूरत नहीं, मामूली राजनीतिक और नैतिक सहज बोध काफी है. भारत सरकार ने क्यों उन्हीं नेताओं को बुलाया, जिन्हें वह खुद अप्रासंगिक कहती रही है? कारण साफ है. वह ऐसी बैठकों के ज़रिये 5 अगस्त 2019 को उठाए असंवैधानिक कदम को एक तरह की सार्वजनिक वैधता दिलाना चाहती है.
बीते 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यह टिप्पणी की है. उन्होंने जम्मू कश्मीर का परिसीमन देश के बाकी राज्य के साथ 2021 की जनगणना के बजाय 2011 की जनगणना पर कराने पर भी सवाल उठाए. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने उन चर्चाओं को ख़ारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक गुपकर घोषणा-पत्र गठबंधन (पीएजीडी) के अंत का संकेत है.