जमीयत ने प्रशासन पर प्रदर्शनकारियों के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया

जमीयत उलेमा-ए-हिंद अरशद मदनी समूह ने कहा कि प्रदर्शन हर भारतीय नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन वर्तमान शासकों के पास प्रदर्शन को देखने के दो मापदंड हैं. मुस्लिम अल्पसंख्यक प्रदर्शन करे तो अक्षम्य अपराध, लेकिन अगर बहुसंख्यक समुदाय के लोग प्रदर्शन करें और सड़कों पर उतरकर हिंसक कृत्य करें तो उन्हें तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज भी नहीं किया जाता है.

शाहीन बाग आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, प्रदर्शन का अधिकार कभी भी, कहीं भी नहीं हो सकता

सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2020 में अपने फैसले में सीएए के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में तीन महीने से अधिक समय तक हुए प्रदर्शन को ग़ैरक़ानूनी बताते हुए इसे अस्वीकार्य बताया था, जिसके ख़िलाफ़ कुछ कार्यकर्ताओं ने एक समीक्षा याचिका दायर की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने ख़ारिज कर दिया.

यूपी में सीएए विरोधी प्रदर्शन: एक साल बाद लखनऊ के प्रदर्शनकारी क्या सोचते हैं

वीडियो: उत्तर प्रदेश में भी 19 दिसंबर 2019 को नागरिकता संशोधन क़ानून यानी सीएए के ख़िलाफ़ विपक्षी दलों और नागरिक संगठनों ने प्रदर्शन किया था. हिंसक प्रदर्शनों से प्रदेश भर में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. इसके ख़िलाफ़ लखनऊ के घंटाघर (हुसैनाबाद) में महिलाओं ने धरना शुरू कर दिया. उनसे बातचीत.

शाहीन बाग़ प्रदर्शन: सार्वजनिक स्थलों पर अनिश्चितकाल के लिए कब्ज़ा नहीं कर सकते- सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के ख़िलाफ़ सौ दिन तक चले प्रदर्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र और असहमति साथ-साथ चलते हैं, विरोध और असहमति व्यक्त करने का अधिकार संविधान से मिलता है लेकिन कुछ कर्तव्यों के प्रति ज़िम्मेदारी के साथ.

शाहीन बाग़ की प्रदर्शनकारी महिलाओं को सलाम

वीडियो: कोरोना वायरस के मद्देनज़र दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ 100 दिन से ज्यादा समय तक प्रदर्शन पर बैठीं महिलाओं को मंगलवार को वहां से हटा दिया. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

शाहीन बाग: कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण 101 दिन बाद खाली कराया गया धरना स्थल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस के खिलाफ एहतियात के तौर पर लॉकडाउन की घोषणा की है, जिसके बाद दिल्ली में धारा 144 लागू है. इससे पहले, जामिया के बाहर एक विरोध प्रदर्शन पिछले हफ्ते बंद कर दिया गया था.

जनता कर्फ्यू के दिन शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर पेट्रोल बम फेंका गया

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर जनता द्वारा कर्फ्यू लगाने की मांग का शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने समर्थन किया है.

शाहीन बाग़: ‘हमें कोरोना वायरस से ज्यादा डर डिटेंशन सेंटर से लगता है’

वीडियो: दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनज़र दिल्ली में 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा हो़ने पर पाबंदी लगा दी है. ऐसे में शाहीन बाग के लोग क्या अपना प्रदर्शन ख़त्म करेंगे या विरोध दर्ज कराने का कोई अन्य रास्ता अपनाएंगे? शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.

नागरिकता क़ानून: क्या कहते हैं 20 दिसंबर को मुज़फ़्फ़रनगर में हुई हिंसा के चश्मदीद?

वीडियो: 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर स्थित मीनाक्षी चौक नागरिकता क़ानून को लेकर हुआ प्रदर्शन हिंसक हो गया था. द वायर की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और लोगों से बातचीत की.