जम्मू कश्मीरः आतंकियों की मदद के आरोप में तीन आदिवासी गिरफ़्तार, पुलिस के दावों पर उठे सवाल

तीनों व्यक्तियों को द रेजिस्टेंस फ्रंट के लिए काम करने के आरोप में पीएसए के तहत गिरफ़्तार किया गया है. बीते दिनों सूबे में नागरिकों पर हुए हमलों की ज़िम्मेदारी लेने वाले द रेजिस्टेंस फ्रंट को प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का उपसंगठन माना जाता है. पुलिस के डोज़ियर में तीनों पर आधुनिक संचार तकनीक का इस्तेमाल करने की बात कहीं गई है, हालांकि एक के संबंधी ने बताया कि तीनों निरक्षर हैं और उन्होंने कभी स्मार्टफोन तक इस्तेमाल नहीं किया है.

जम्मू कश्मीरः यूएपीए-पीएसए आरोपियों से ‘संपर्क’ रखने वाले सरकारी कर्मचारी बर्ख़ास्त होंगे

जम्मू कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 15 सितंबर को जारी किए गए इन नए नियमों से जम्मू कश्मीर के छह लाख सरकारी कर्मचारियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि यूएपीए और पीएसए का इस्तेमाल असंतोष को दबाने के लिए किया जा रहा है.

कथित तौर पर सैन्य ट्रक से हुई दुर्घटना का वीडियो बनाने वाले शख़्स पर पीएसए के तहत केस दर्ज

जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा ज़िले के नदिहाल गांव का मामला. आरोप है कि बीते 14 जुलाई को बशीर अहमद भट नामक युवक ने अपनी दुकान के बाहर सैन्य ट्रक से एक बुज़ुर्ग महिला को कुचले जाने की घटना का वीडियो बनाया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इसी वीडियो की वजह से बशीर को हिरासत में लेकर उस पर एनएसए लगाया गया है और जम्मू की जेल में भेज दिया गया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने महबूबा मुफ़्ती को ईडी के नोटिस पर रोक लगाई

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने ईडी के समक्ष पेश होने की वैधता को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर अदालत ने केंद्रीय एजेंसी से मुफ़्ती पर पेश होने का दबाव न बनाने को कहा है. मुफ़्ती ने बताया है कि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग क़ानून के तहत समन जारी किए गए थे लेकिन संबद्ध मामले की कोई जानकारी नहीं दी गई.

महबूबा मुफ़्ती ने नया पासपोर्ट जारी नहीं करने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा है पुलिस सत्यापन का हवाला देते हुए उन्हें नया पासपोर्ट जारी करने से मना किया जा रहा है. उनका पुराना पासपोर्ट 31 मई 2019 तक के लिए ही मान्य था, जिसके बाद 11 दिसंबर 2020 को नए पासपोर्ट के लिए उन्होंने आवेदन दिया था.

विश्वसनीय ख़ुफ़िया जानकारियां होने के बावजूद हुआ था पुलवामा हमला: रिपोर्ट

फ्रंटलाइन पत्रिका की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2 जनवरी 2019 से 13 फरवरी 2019 तक मिली श्रृंखलाबद्ध ख़ुफ़िया जानकारियों पर अगर सुरक्षा एजेंसियों ने सफलतापूर्वक कार्रवाई की होती, तो पुलवामा आतंकी हमले को रोका जा सकता था.

जम्मू कश्मीर: ज़मानत के ठीक बाद वहीद पारा को अन्य आतंकी मामले में हिरासत में लिया गया

टेरर फंडिंग के आरोप में एनआईए द्वारा गिरफ़्तार पीडीपी की युवा इकाई के नेता वहीद पारा को शनिवार को अदालत ने ज़मानत देते हुए कहा था कि उन पर लगाए आरोपों का कोई अर्थ नहीं है. इसी दिन उनकी रिहाई के फौरन बाद पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस विंग ने एक अन्य मामले में उन्हें हिरासत में ले लिया.

पीडीपी नेता को ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा, एनआईए की चार्जशीट में संलिप्तता का ज़िक्र तक नहीं

टेरर फंडिंग के आरोप में एनआईए द्वारा गिरफ़्तार किए गए पीडीपी की युवा इकाई के नेता वहीद पारा को ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोपों का कोई अर्थ नहीं है. उनका नाम न आरोपियों में है, न ही चार्जशीट में लेकिन उनकी जांच की जा रही है.

यह अपमानजनक है कि जांच एजेंसियां मेरे पिता की क़ब्र पर ऑडिट कर रही हैं: महबूबा मुफ़्ती

पीडीपी की युवा इकाई के नेता वहीद पर्रा को टेरर फंडिंग के आरोप में एनआईए द्वारा गिरफ़्तार किए जाने समेत अन्य मामलों में विभिन्न एजेंसियों की जांच पर पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि एक भी मामला साबित होने पर वे परिणाम भुगतने को तैयार हैं.

केंद्र जांच एजेंसियों को ‘हथियार’ की तरह कर रहा इस्तेमाल: महबूबा मुफ़्ती

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जब तक जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्ज़े को बहाल नहीं किया जाता है, तब तक वह चुनाव नहीं लड़ेंगी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उन्हें हिरासत में लेना चाहती है तो सीधे उनके पास आए, लेकिन परिवार के सदस्यों, दोस्तों और पार्टी के सहयोगियों को परेशान करना बंद कर दे.

पांच अगस्त का निर्णय वापस लिए बिना चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं: महबूबा मुफ़्ती

अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के क़रीब 14 महीने बाद रिहा होने के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि भाजपा ने देश के संविधान को ध्वस्त कर दिया है और संविधान के स्थान पर अपना घोषणापत्र थोपना चाहती है.

जम्मू कश्मीरः पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती 14 महीने की नज़रबंदी के बाद रिहा

पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को ख़त्म कर जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद से ही नज़रबंद थीं. रिहा होने के बाद मुफ़्ती ने कहा कि जो हमसे छीना गया, उसे वापस लेना होगा.

अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए पर प्रधानमंत्री मोदी ने हमसे झूठ बोला: फ़ारूक़ अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला का कहना है कि वे अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को दोबारा लागू करवाने और जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए आख़िरी सांस तक शांतिपूर्ण ढंग से लड़ेंगे.

महबूबा मुफ़्ती की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं उनकी बेटी, बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की

पीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती को 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से कुछ घंटे पहले एहतियातन हिरासत में लिया गया था, लेकिन उनकी छह महीने की हिरासत अवधि समाप्त होने से पहले ही उन पर पीएसए लगा दिया गया. तब से लगातार उनकी हिरासत अवधि को बढ़ाया जा रहा है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता से पाबंदी हटने के बाद पार्टी ने हाईकोर्ट से रिहाई की याचिका वापस ली

जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद हिरासत में लिए गए नेशनल कॉन्फ्रेंस के 16 सदस्यों को रिहा करने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके जवाब में प्रशासन ने कहा था कि उनकी पार्टी का कोई नेता हिरासत में नहीं है.