बड़े सरकारी दावों के बीच मोदी राज में बना एक भी एम्स पूरी तरह काम नहीं कर रहा है

बीते 13 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में दावा किया कि उनके शासनकाल में एम्स जैसी संस्थाओं की संख्या पहले के मुकाबले तीन गुना बढ़ी है. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के अनुसार, 2014 में उनकी सरकार आने के बाद से विभिन्न राज्यों में शुरू हुए एम्स में से एक भी पूरी तरह काम नहीं कर रहा है.

सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं पर कम ख़र्च और निजी क्षेत्र पर ज़्यादा ध्यान देने से बढ़ी असमानता

ऑक्सफैम की हालिया 'इनइक्वैलिटी रिपोर्ट 2021 इंडियाज इनइक्वल हेल्थकेयर स्टोरी' आने के बाद इसके सीईओ ने कहा कि भारत में सार्वजनिक सेवाओं की तुलना में निजी क्षेत्र को अधिक सहयोग देने से वंचितों को नुकसान पहुंचा है. 2004 से 2017 के बीच अस्पताल में भर्ती होने के मामले में औसत ख़र्च तीन गुना बढ़ा है, जिससे ग़रीबों और ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ी हैं.