‘ये लेखन की परिपक्व उम्र नहीं, अभी थोड़ा और पकिए’ किस दिन, किस मुहूर्त में लेखक बना, याद नहीं न इसका जरा भी भान हुआ. बस याद रही इस यात्रा की वो सारी बातें जो खुद में एक उपन्यास है. 08/02/2017