केंद्र की नीलामी में मिल मालिकों को मिली ग़रीबों के लिए आवंटित दाल, सरकारी एजेंसी ने की थी पुष्टि

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद ने बताया था कि नीलामी की शर्तों ने मिल मालिकों को सरकार के साथ हेराफेरी कर अधिक लाभ उठाने और ख़राब गुणवत्ता वाली दालों की आपूर्ति करने की अनुमति दी.

केंद्र के अपारदर्शी नीलामी नियमों के चलते सरकार के ख़र्च पर दाल मिल मालिकों को हुआ जमकर मुनाफ़ा

दस्तावेज़ दिखाते हैं कि सरकारी खरीद एजेंसी नेफेड द्वारा नीलामी प्रक्रिया में किए गए बदलाव के चलते मिल मालिकों को बीते चार सालों में 5.4 लाख टन कच्ची दाल संसाधित (प्रोसेस) करने के लिए कम से कम 4,600 करोड़ रुपये का लाभ मिला. इसके कारण सरकारी ख़ज़ाना और संभावित तौर पर दाल की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई.