कोविड-19: क्या नीतीश सरकार की लापरवाही का नतीजा बिहार की जनता भुगत रही है

मार्च में जब देश में कोविड संक्रमण की शुरुआत हुई, तब बिहार में बहुत कम मामले सामने आए थे, लेकिन अब आलम यह है कि राज्य में संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र दोबारा लॉकडाउन लगाना पड़ा है और मुख्यमंत्री के परिजनों से लेकर कई ज़िलों के प्रशासनिक अधिकारी तक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच क्वारंटीन सेंटर क्यों बंद कर रही है बिहार सरकार?

बीते सप्ताह बिहार सरकार ने 15 जून के बाद से सभी प्रखंड स्तरीय क्वारंटीन सेंटर्स को बंद करने का आदेश दिया है. दूसरे राज्यों से आ रहे कामगारों में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच लिए गए सरकार के इस फ़ैसले पर सवाल उठ रहे हैं. कहा जा रहा है कि इन सेंटर्स की फंड संबंधी गड़बड़ियों के चलते यह निर्णय लिया गया है.

ग्रामीण स्तर पर क्वारंटीन सेंटर की स्थिति दयनीय, जिला प्रशासन फंड दे: उत्तराखंड हाईकोर्ट

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य के क्वारंटीन सेंटर में रह रहे लोगों के लिए भोजन की कोई व्यवस्था नहीं है. खाना या तो गांववाले मुहैया करा रहे हैं या फिर यहां रह रहे लोगों के परिजन उन्हें भोजन दे रहे हैं.

क्या बिहार में कोरोना से ज़्यादा मौतें क्वारंटीन सेंटर्स में हुई हैं?

बिहार सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार शाम तक राज्य में कोरोना संक्रमण से 25 मौतें हुई हैं. सरकार द्वारा क्वारंटीन सेंटर्स में हुई मौतों के बारे में कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक 10 ज़िलों के क्वारंटीन सेंटर्स में 20 से अधिक जानें जा चुकी हैं.

बिहार लौटने वाले लोगों को अब क्वारंटीन नहीं करेगी सरकार, विपक्ष ने की आलोचना

15 जून के बाद बिहार में क्वारंटीन सेंटर्स को बंद किया जाएगा. साथ ही रेलवे स्टेशनों पर थर्मल स्क्रीनिंग भी बंद की जाएगी. राज्य सरकार का फ़ैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य में कोरोना संक्रमण के 3,872 पॉजिटिव मामलों में से 2,743 लोग वे हैं जो तीन मई के बाद दूसरे राज्यों से लौटे हैं.

छत्तीसगढ़: क्वारंटीन सेंटर्स में बीते 48 घंटों में तीन बच्चियों और एक महिला की मौत

राज्य के तीन अलग-अलग क्वारंटीन सेंटर्स में रह रहे प्रवासी श्रमिकों की दो साल से भी कम उम्र की तीन बच्चियों की मौत हो गई है. अधिकारियों का कहना है कि दो बच्चियों की मौत खाते समय दम घुटने से हुई और एक कई दिन से बीमार थी.

बिहार: नौकरी के सवाल पर जदयू विधायक ने कहा- जो बाबूजी तुमको पैदा किए, वो रोजगार दिए

मामला बिहार के शेखपुरा का है. शेखपुरा से जदयू विधायक रणधीर कुमार सोनी एक क्वारंटीन सेंटर का दौरा करने पहुंचे थे. वहां क्वारंटीन किए गए प्रवासी मजदूरों ने उनसे पूछा था कि बिहार और केंद्र में मौजूद एनडीए सरकारें रोजगार क्यों पैदा नहीं कर पा रही हैं?

बिहार: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बदहाल क्वारंटीन व्यवस्थाओं में रहने को मजबूर कामगार

बिहार के विभिन्न ज़िलों के क्वारंटीन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूर लगातार खाने-पीने और स्वच्छता संबंधी अव्यवस्थाओं की शिकायत कर रहे हैं. कुछ सेंटर में रहने वाले कामगारों का यह भी आरोप है कि उनके इस बारे में शिकायत करने के बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया है.

निज़ामुद्दीन मरकज़ से क्वारंटीन किए गए लोगों का आरोप, समयसीमा पूरी होने पर भी नहीं छोड़ रही सरकार

निज़ामुद्दीन मरकज़ में कोरोना संक्रमण मिलने के बाद तबलीग़ी जमात के क़रीब हज़ार लोगों को नरेला के एक सेंटर में क्वारंटीन किया गया था. देश के विभिन्न हिस्सों आए इन लोगों का कहना है कि अधिकतर लोगों की कोविड-19 रिपोर्ट नेगेटिव होने और क्वारंटीन की तय अवधि पूरी होने के बावजूद उन्हें घर नहीं जाने दिया जा रहा है.

दिल्लीः क्वारंटाइन सेंटर में तबलीगी जमात के दो सदस्यों की मौत, अल्पसंख्यक आयोग ने जांच की मांग की

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा कि क्वारंटाइन सेंटर में भोजन की अनियमित आपूर्ति की वजह से दोनों लोगों की मौत हुई है.

क्या समय पर खाना-दवाई न मिलने से क्वारंटाइन सेंटर में हुई शख़्स की मौत?

वीडियो: दिल्ली के सुल्तानपुरी क्वारंटाइन सेंटर में पिछले हफ्ते 59 वर्षीय मोहम्मद मुस्तफ़ा की मौत हो गई. वे पिछले महीने तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. आरोप है कि वे डायबिटीज़ के मरीज़ थे और समय पर इलाज और खाना न मिलने से उनकी मौत हुई है.

लॉकडाउन: अगर सच में कुछ जानना या पढ़ना है तो यह किताब बंद कर देने का समय है

इस लॉकडाउन को इतने भर के लिए दर्ज नहीं किया जा सकता कि लोगों ने किचन में क्या नया बनाना सीखा, कौन-सी नई फिल्म-वेब सीरीज़ देखीं या कितनी किताबें पढ़ीं. यह दौर भारतीय समाज के कई छिलके उतारकर दिखा रहा है, ज़रूरत है कि आपकी नज़र कहां है?

यूपी: अस्पताल ने मुस्लिम मरीजों पर लगाया प्रतिबंध, कहा- कोरोना जांच निगेटिव आई हो तभी आएं

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैंसर अस्पताल द्वारा उठाया गया ये कदम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देशों का उल्लंघन है जिसके तहत किसी भी मरीज को उसके धर्म या बीमारी के आधार पर इलाज से इनकार नहीं किया जा सकता है.

उत्तर प्रदेश: सफ़र की तकलीफों के बाद क्वारंटाइन सेंटर की बदहाल व्यवस्थाओं से बेहाल मज़दूर

देश के विभिन्न शहरों से तमाम परेशानियों के बाद अपने गांव पहुंचे मज़दूरों को गांव के स्कूलों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों में रखा गया है. अधिकांश स्कूलों में बिजली, पानी, शौचालय आदि से जुड़ी अव्यवस्थाओं के चलते मज़दूरों का यह 'एकांतवास' नए संघर्ष में बदल गया है.