नरेंद्र मोदी ने 36 रफाल विमानों का सौदा 41 प्रतिशत अधिक कीमत पर किया

साल 2007 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने रफाल की कीमत 643.26 करोड़ रुपये प्रति विमान तय की थी. साल 2015 में नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए सौदे के बाद यह राशि बढ़कर 1037.21 करोड़ रुपये प्रति विमान हो गई. पिछली सरकार में 126 विमानों का सौदा किया गया था वहीं मोदी सरकार ने इसे घटाकर 36 विमान कर दिया.

मोदी सरकार की नौ फीसदी सस्ते दर पर रफाल खरीदने की बात असल में झांसा है

2007 में 126 विमानों को भारत के हिसाब से तैयार करने के लिए अलग से 1.4 बिलियन यूरो देने थे. 2016 में 36 विमानों को तैयार करने लिए 1.3 बिलियन यूरो दिए जाने का फ़ैसला होता है. आप गणित में फेल भी होंगे तब भी इस अंतर को समझ सकते हैं कि खेल कहां हुआ है.

कहीं अमित शाह अपने गुनाहों के इतने ग़ुलाम तो नहीं हो चुके कि हार से डर लगने लगा?

संस्थाएं ग़ुलाम हो चुकी हैं. मीडिया बाकायदा गोदी मीडिया हो चुका है, सब कुछ आपकी आंखों के सामने मैनेज होता दिख रहा है, फिर भी अमित शाह को क्यों डर लगता है कि 2019 में हार गए तो ग़ुलाम हो जाएंगे? क्या वे भाजपा के कार्यकर्ताओं को डरा रहे हैं? जीत के प्रति जोश भरने का यह कौन-सा तरीक़ा हुआ कि हार जाएंगे तो ग़ुलाम हो जाएंगे?

हमें नहीं पता था कि पिछला राफेल सौदा रद्द हो गया है: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के अध्यक्ष ने कहा कि जैसा कि राफेल सौदे में सरकार सीधे शामिल थी इसलिए हम विमान की कीमत और नीतियों पर टिप्पणी नहीं कर सकते.

राफेल सौदा: राहुल ने मोदी के ख़िलाफ़ जांच की मांग की, उन्हें ‘भ्रष्ट व्यक्ति’ बताया

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक भ्रष्ट व्यक्ति हैं, जिन्होंने 36 लड़ाकू विमानों की ख़रीद में अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया.

फ्रेंच वेबसाइट का दावा, राफेल सौदे के लिए भारत सरकार की शर्त थी कि रिलायंस को चुनना होगा

फ्रांस की इनवेस्टिगेटिव वेबसाइट 'मीडियापार्ट' ने डास्सो एविएशन के दस्तावेज़ के हवाले से बताया है कि राफेल का अनुबंध हासिल करने के लिए डास्सो का अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस से पार्टनरशिप करना 'अनिवार्य' था. इस रिपोर्ट के बाद डास्सो ने सफाई दी है कि उसने बिना किसी दबाव के रिलायंस को चुना था.

रुपया 73 पर, बेरोज़गारी आसमान पर और प्रधानमंत्री इवेंट पर

अनिल अंबानी समूह पर 45,000 करोड़ रुपये का कर्जा है. अगर आप किसान होते और पांच लाख का कर्जा होता तो सिस्टम आपको फांसी का फंदा पकड़ा देता. अनिल अंबानी राष्ट्रीय धरोहर हैं. ये लोग हमारी जीडीपी के ध्वजवाहक हैं. भारत की उद्यमिता की प्राणवायु हैं.

एनपीए पर रघुराम राजन की सूची और राफेल पर मोदी को कई सवालों का जवाब देना होगा

अपनी व्यक्तिगत ईमानदारी का हवाला देकर प्रधानमंत्री मोदी बड़े पूंजीपतियों से अपने करीबी रिश्तों को लेकर हो रही आलोचना को नहीं टाल सकते.

​मीडिया बोल, एपिसोड 64: बालिका गृह मामले में रिपोर्टिंग पर कोर्ट की बंदिश और हेराल्ड पर मुक़दमा

मीडिया बोल की 64वीं कड़ी में उर्मिलेश मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक और अनिल अंबानी द्वारा नेशनल हेराल्ड पर किए गए मानहानि के मुक़दमे पर स्वतंत्र पत्रकार नेहा दीक्षित और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े से चर्चा कर रहे हैं.

गांधी-बिड़ला के रिश्ते से तुलना के पहले मोदी को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए

क्या गांधी जीडी बिड़ला के किसी खनन प्रोजेक्ट के चलते लोगों को हटाने के लिए सरकारी तंत्र द्वारा की जा रही हिंसा का समर्थन करते? गांधी-बिड़ला के रिश्ते को किसी जवाबी हमले की तरह इस्तेमाल करने के बजाय प्रधानमंत्री को इस पर गहराई से सोचने की ज़रूरत है.