रघुराम राजन ने मोदी को ही भेजी थी एनपीए घोटालेबाज़ों की सूची, कार्रवाई पर सरकार की चुप्पी

द वायर एक्सक्लूसिव: एक आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने बताया कि पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत वित्त मंत्रालय को एनपीए घोटालेबाज़ों की सूची भेजी थी. सूची के संबंध में हुई कार्रवाई पर जानकारी देने से केंद्र सरकार का इनकार.

भाजपा सांसदों ने जीडीपी गणना पद्धति पर सवाल उठाने वाली मुरली मनोहर जोशी की रिपोर्ट रोकी

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की अगुवाई में पार्टी के अन्य सदस्यों ने वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी का विरोध किया.

एनपीए के घोटालेबाज़ों पर रघुराम राजन की सूची पर संसदीय समिति ने पीएमओ से मांगा जवाब

भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्ययक्षता वाली प्राक्कलन समिति को भेजे अपने नोट में रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि उन्होंने पीएमओ को एनपीए के फ़र्ज़ीवाड़े के बड़े मामलों की एक सूची भेजी थी, ताकि उनकी गंभीरतापूर्वक जांच की जा सके.

एनपीए पर रघुराम राजन की रिपोर्ट रसूख़दारों पर सरकारी मेहरबानी का दस्तावेज़ है

अब यह देखा जाना बाक़ी है कि क्या मोदी सरकार इन बड़े कॉरपोरेट घरानों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में सफल हो पाती है, जो आने वाले आम चुनावों में अज्ञात चुनावी बॉन्डों के सबसे बड़े ख़रीदार हो सकते हैं.

माल्या को ‘माल्या’ किसने बनाया?

विजय माल्या ने हर दल की मदद से खुद को राज्यसभा में पहुंचाकर भारत की संसदीय परंपरा को उपकृत किया. मैं माल्या के इस योगदान का सम्मान करता हूं. इस मामले में प्रो-माल्या हूं. क्या माल्या बहुत बड़े राजनीतिक विचारक थे? जिन-जिन लोगों ने उन्हें संसद में पहुंचाया वो सामने आकर बोले तों. वन सेंटेंस में!

जनता एनपीए विवाद में उसी तरह उल्लू बन रही है जैसे हिंदू-मुस्लिम डिबेट में बनती है

अगर यह राजनीतिक विवाद किसी भी तरह से आर्थिक अपराध का है तो दस लाख करोड़ रुपये लेकर फरार अपराधियों के नाम लिए जाने चाहिए. किसके राज मे लोन दिया गया यह विवाद है, किसे लोन दिया गया इसका नाम ही नहीं है.

एनपीए को लेकर यूपीए और एनडीए की नीतियां और नीयत एक जैसी है

कुछ अमीर उद्योगपति और अमीर होते रहें, जनता हिंदू-मुस्लिम करती रहे, इसलिए कांग्रेस भी नहीं बताती है कि वह जब सत्ता में आएगी तो उसकी अलग आर्थिक नीति क्या होगी. भाजपा भी यह सब नहीं करती है जबकि वह सत्ता में है.

रघुराम राजन ने पीएमओ को दी थी एनपीए से जुड़े घोटालेबाज़ों की सूची, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई

संसद की प्राक्कलन समिति को भेजे पत्र में आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने उन तरीक़ों के बारे में बताया है जिनके ज़रिये बेईमान बिज़नेस घरानों को सरकार और बैंकिंग व्यवस्था से घोटाला करने की खुली छूट मिली.

जन गण मन की बात, एपिसोड 303: एनपीए और भारत-नेपाल संबंध

जन गण मन की बात की 303वीं कड़ी में विनोद दुआ रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा एनपीए को लेकर संसदीय समिति को लिखे पत्र और भारत नेपाल के संबंधों पर चर्चा कर रहे हैं.

ज़रूरत पड़ी तो फिर नोटबंदी करेंगे: नीति आयोग उपाध्यक्ष

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की नीतियों के चलते अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा न कि नोटबंदी से.

नोटबंदी: न ख़ुदा ही मिला न विसाल ए सनम

सरकार का कहना था कि बंद किए गए नोटों में से लगभग 3 लाख करोड़ मूल्य के नोट बैंकों में वापस नहीं आएंगे और यह काले धन पर कड़ा प्रहार होगा, लेकिन रिज़र्व बैंक मुताबिक अब नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों का प्रतिशत 99 के पार पहुंच गया है. यानी या तो इन नोटों में कोई काला धन था ही नहीं या उसके होने के बावजूद सरकार उसे निकालने में विफल रही.

भाजपा सांसदों ने रोकी नोटबंदी की आलोचना करने वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट

कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि नोटबंदी की वजह से जीडीपी में कम-से-कम एक प्रतिशत की कमी आई और असंगठित क्षेत्र में बेरोज़गारी बढ़ी.

बढ़ते एनपीए पर जानकारी के लिए संसदीय समिति ने रघुराम राजन को बुलाया

भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कई मौको पर नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की है. राजन ने कहा था कि नोटबंदी पर सोच-समझकर फैसला नहीं लिया गया.

मोदी सरकार में एस. गुरुमूर्ति होने के मायने

हाल ही में रिज़र्व बैंक के बोर्ड में शामिल हुए स्वामीनाथन गुरुमूर्ति की नरेंद्र मोदी के नोटबंदी जैसे आर्थिक नीति संबंधी फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

क्या 2019 में मोदी को अर्थव्यवस्था की बदहाली की कीमत चुकानी पड़ सकती है?

नोटबंदी के फ़ैसले के बाद से अर्थव्यवस्था के और अधिक वित्तीयकरण के प्रयासों का परिणाम होगा कि आगे किसी भी वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को ज़्यादा चोट पहुंच सकती है.