अडानी समूह के प्रति सरकार की कृपादृष्टि महज़ धारणा का मामला नहीं है

जितनी आक्रामक तरीके से सत्ताधारी पार्टी की तरफ से एक कारोबारी दिग्गज की हिमायत की कोशिश की जा रही है, आख़िर वह समूह अचानक पार्टी के लिए इतने महत्वपूर्ण कैसे हो गया?

क्या राहुल गांधी संसद सदस्यता जाने के बाद मुख्य विपक्षी नेता के तौर पर उभर पाएंगे?

राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद से बने माहौल में कांग्रेस इस नई और सकारात्मक छवि के बूते ख़ुद को सिर्फ और मजबूत कर सकती है. देश की सबसे पुरानी पार्टी का दायित्व है कि वह दूसरों के लिए जगह बनाए और किसी भी विपक्षी मोर्चे में इसे केंद्रीय भूमिका दिए जाने की मांग को इसके आड़े न आने दे.

केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने वाले एक और ‘राहुल गांधी’ अयोग्य घोषित

साल 2019 में केरल के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने वाले राहुल गांधी केई को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया है. चुनाव आयोग ने उन्हें चुनावी ख़र्च का लेखा-जोखा दर्ज कराने में विफल रहने पर अयोग्य घोषित कर दिया है.

क्या भाजपा मानती है कि सिर्फ़ ‘मोदी’ ही पिछड़ी जाति है?

वीडियो: भाजपा राहुल गांधी के 'मोदी सरनेम' संबंधी बयान को इस तरह पेश कर रही है, जैसे दिखा सके कि वे 'पिछड़ा-विरोधी' हैं. भाजपा कहती है कि राहुल ने पूरे ओबीसी मोदी समुदाय का अपमान किया है, हालांकि यह उपनाम कई अन्य जातियां भी इस्तेमाल करती रही हैं. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.

‘मोदी सरनेम’ मामला: अब पटना कोर्ट ने मानहानि केस में राहुल गांधी को समन भेजा

'मोदी सरनेम' टिप्पणी को लेकर सूरत के एक कोर्ट द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की जेल की सज़ा सुनाए जाने के बाद पटना की एमपी/एमएलए अदालत ने उन्हें बिहार भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा दायर मानहानि के मामले में बयान दर्ज करने के लिए इसके समक्ष पेश होने को कहा है.

राहुल गांधी को संसद से बाहर करना ग़ैरक़ानूनी, अदालतों का ग़लत इस्तेमाल हो रहा है: कपिल सिब्बल

वीडियो: राहुल गांधी की संसद सदस्यता उन्हें सूरत की अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद रद्द हुई है. कोर्ट के इस निर्णय पर क़ानूनविदों ने सवाल उठाए हैं. इस मसले पर वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

‘राहुल-मुक्त’ संसद और विपक्ष-मुक्त भारत देश के आम लोगों के लिए घातक हैं

विपक्ष के बिना लोकतंत्र की नदी सूख जाएगी. हर सरकार ग़लती करती है और ग़लतियां होने, उन्हें सुधारने में कोई शर्म नहीं है. पर जिन देशों में एक ही दल और उसके सुप्रीम नेता को ही लोकप्रियता और जनसमर्थन प्राप्त हो और विपक्ष कमज़ोर या ग़ायब हो, वहां इस सरकार और नेता की कोई ग़लती आपदा का रूप ले लेती है.

राहुल गांधी पर हुई कार्रवाई सबूत है कि उन्होंने भाजपा की कमज़ोर नस को दबा दिया है

राहुल गांधी का चीनी घुसपैठ और अडानी विवाद को उठाना भाजपा की सबसे बड़ी ताक़तों- राष्ट्रवाद और भ्रष्टाचार मुक्त छवि- पर चोट करता है. पहली बार है, जब भाजपा ने राहुल के हमलों के जवाब में ‘पप्पू’ कहकर मज़ाक नहीं बनाया. महीनेभर में राहुल को जिस तरह से घेरा गया, वह दिखाता है कि यह बौखलाई हुई है.  

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाना बताता है कि क़ानून ग़लत हाथों में पहुंच गया है

डॉ. आंबेडकर ने कहा था कि कोई भी संविधान बुरा हो सकता है यदि इसे अमल में लाने वाले लोग बुरे हों. उनका कथन इस संदर्भ और प्रासंगिक हो जाता है कि कैसे संवैधानिक अधिकारों को तबाह करने के लिए नौकरशाही और निचली न्यायपालिका के स्तर पर सामान्य क़ानूनों का उपयोग या दुरुपयोग किया जाता है. लोकसभा से राहुल गांधी की सदस्यता जाना इसी का एक उत्कृष्ट उदाहरण है.

‘तानाशाह सरकार ने आम आदमी की आवाज़ उठाने वाले राहुल को संसद से बाहर किया है’

वीडियो: केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी को बीते हफ्ते सूरत की एक अदालत के फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने सांसद के तौर पर अयोग्य घोषित किया है. इस बारे में नई दिल्ली के आम लोगों से बातचीत.

राहुल गांधी जैसे ही एक मामले में चुनाव आयोग-मोदी सरकार ने अपने सहयोगी को अयोग्यता से बचाया था

सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग गोले को 2016 में भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया गया था. 2018 में वे जेल से बाहर आए. इसके बाद उन्हें छह साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए था, पर केंद्र ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के एक महत्वपूर्ण खंड को निरस्त कर दिया, जिससे भाजपा के सहयोगी तमांग मुख्यमंत्री बन सके.

ओबीसी को रिझा रही भाजपा के राज में अखिल भारतीय सेवाओं में वर्ग का प्रतिनिधित्व कम रहा

मोदी सरकार द्वारा राज्यसभा में दिए गए आंकड़े बताते हैं कि पिछले 2018 और 2022 के बीच आईएएस, आईपीएस और भारतीय वन सेवा में की गई कुल 4,365 नियुक्तियों में ओबीसी से 695, एससी से 334 और एसटी समुदायों से 166 उम्मीदवारों को नियुक्त किया गया है.

संसद सदस्यता रद्द होने के बाद राहुल गांधी को आधिकारिक आवास ख़ाली करने के लिए कहा गया

लोकसभा आवास समिति द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भेजे गए पत्र में उन्हें 22 अप्रैल तक अपना 12 तुग़लक लेन स्थित बंगला ख़ाली करने के लिए कहा गया है. गुजरात की एक अदालत द्वारा ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में दो साल की सज़ा सुनाए जाने के बाद बीते 24 मार्च को राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

‘कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतर चुके हैं, जीत सत्य की होगी’

वीडियो: राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द होने के ख़िलाफ़ हज़ारों कांग्रेस कार्यकर्ता नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर जमा हुए थे. यह विरोध प्रदर्शन कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित एक राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का हिस्सा था.

राजनीति में भाषा की शालीनता गुज़रे दिनों की बात हो चुकी है

गुजरात के लोग अशिष्ट, भद्दे और असभ्य बयानों के आदी हो चुके हैं. हमारे लिए यह सब सामान्य हो चुका है. यहां ‘100 करोड़ नी गर्लफ्रेंड’ एक चुटकुला बन जाता है और प्रधानमंत्री मोदी की स्त्रीविरोधी टिप्पणियां उनके ‘सेंस ऑफ ह्यूमर’ के सबूत के तौर पर तालियां बटोरती हैं.

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