‘न्यू इंडिया’ में सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का कोई वारिस ही नहीं बचा है…

सच्चर कमेटी की रिपोर्ट आने के पंद्रह साल बाद के 'नए भारत' में अल्पसंख्यक समुदायों विशेषकर मुस्लिमों की समस्याओं या हक़ों की बात करने को बहुसंख्यकों के हितों पर 'आघात' माना जाता है. ख़ुद मुस्लिमों के लिए भी अब सबसे बड़ा मुद्दा जान-माल की हिफाज़त बन गया है.

सच्चर कमेटी के अध्यक्ष रहे पूर्व मुख्य न्याया​धीश राजिंदर सच्चर का निधन

संप्रग सरकार ने 2005 में राजिंदर सच्चर के नेतृत्व में मुस्लिमों की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक दशा का पता लगाने के लिए सच्चर कमेटी बनाई थी.