तवांग झड़प: चीन का यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास, सेना ने लौटने को मजबूर किया- रक्षा मंत्री

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर उठाया गया है. झड़प में किसी भी भारतीय सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है, न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है.

भारत चीन झड़प: संसद में हंगामा, विपक्ष ने कहा- देश को विश्वास में लेने की ज़रूरत

भारतीय सेना ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास नौ दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों में झड़प हुई, जिसमें ‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल' हुए. संसद में विपक्ष के हंगामे के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना ने चीनी अतिक्रमण प्रयास का दृढ़ता से जवाब दिया.

जी-20 लोगो पर आपत्तियों को ख़ारिज कर राजनाथ बोले, कमल भारत की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 8 नवंबर को ‘जी-20’ समूह के लोगो का अनावरण किया था. इस पर कमल की तस्वीर होने पर विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा पर अपने चुनाव चिह्न को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. भारत एक दिसंबर को ‘जी-20’ के मौजूदा अध्यक्ष इंडोनेशिया से इस समूह की अध्यक्षता ग्रहण करेगा.

भारत की उत्तर में विकास यात्रा गिलगित-बाल्टिस्तान पहुंचकर पूरी होगी: राजनाथ सिंह

स्वतंत्रता के बाद भारत की पहली सैन्य जीत के मौके पर श्रीनगर में आयोजित ‘शौर्य दिवस’ समारोह को संबोधित कर रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान अपने क़ब्ज़े वाले कश्मीर में लोगों के ख़िलाफ़ ‘अत्याचार’ कर रहा है और उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे.

मीडिया, एनजीओ, न्यायपालिका का दुरुपयोग विभाजनकारी विचारों को फैलाने में हो रहा है: राजनाथ सिंह

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक समारोह में कहा कि मीडिया को स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन यदि मीडिया स्वतंत्र है तो इसका दुरुपयोग भी किया जा सकता है. अगर एनजीओ स्वतंत्र हैं तो उन्हें इस तरह इस्तेमाल करने का प्रयास किया जाता है कि देश की पूरी व्यवस्था ठप हो जाए. यदि न्यायपालिका स्वतंत्र है तो क़ानूनी प्रणाली का इस्तेमाल कर विकास कार्यों को रोकने या धीमा करने का प्रयास किया जाता है.

दिल्ली हाईकोर्ट का ‘अग्निपथ’ योजना पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र से मांगा जवाब

केंद्र ने संविदा आधारित अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना की घोषणा बीते 14 जून को की थी, जिसमें साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने समक्ष लंबित उन सभी जनहित याचिकाओं को बीते 19 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट को स्थानांतरित कर दिया था, जिनमें इस योजना को चुनौती दी गई थी.

पाकिस्तान में जाकर गिरी मिसाइल को दुर्घटनावश दागने को लेकर वायुसेना के तीन अधिकारी बर्ख़ास्त

इस साल नौ मार्च को ग़लती से एक ब्रह्मोस मिसाइल दागी गई थी जो पाकिस्तान के एक इलाके में गिरी थी. कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने घटना की जांच में पाया कि तीन अधिकारियों ने मानक संचालन प्रक्रिया का पालन नहीं किया. अब उनकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं.

भाजपा संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति से नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान बाहर

भाजपा का संसदीय बोर्ड पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई है, जबकि केंद्रीय चुनाव समिति की भूमिका चुनावों में टिकट बंटवारे की होती है. चुनाव समिति से केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज़ हुसैन को भी हटाया गया है.

विपक्षी नेताओं ने अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना में जाति पूछने का आरोप लगाया

राजद नेता तेजस्वी यादव, आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह आदि ने केंद्र की मोदी सरकार पर इस मुद्दे पर तीखा हमला बोला है. यादव ने कहा कि जात न पूछो साधु की, लेकिन जात पूछो फौजी की. संघ की भाजपा सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है, लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए इसे अफ़वाह बताया है.

अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अगले हफ़्ते

संविदा आधारित अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना की घोषणा बीते 14 जून को की गई थी, जिसमें साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है. चार साल बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत युवाओं की सेवा नियमित करने की बात सरकार द्वारा कही गई है.

‘जब मोदी जी अपनी मां का जन्मदिन मना रहे थे तब हम सबकी मां घर में रो रही थीं’

वीडियो: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के 14 जून 2022 को अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद से देश के कई राज्यों में इसके ख़िलाफ़ युवाओं ने व्यापक प्रदर्शन किए. आख़िर क्यों सरकार की इस योजना का विरोध किया जा रहा है, क्या चाहते हैं युवा? द वायर के याक़ूत अली की रिपोर्ट.

क्या 2024 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को अग्निपथ योजना का कोई प्रभाव देखने को मिलेगा

आठ सालों से नरेंद्र मोदी उसी राजनीति को पोषित करते आए हैं, जिसका अधिकांश 'होने वाले' अग्निवीर प्रतिनिधित्व करते हैं. और किसी को हैरानी नहीं होगी अगर वे व्यक्तिगत तौर पर इस योजना की निगरानी करें और 2024 के चुनावों से पहले ही इसमें उचित बदलाव भी कर दें.

केंद्र की सैन्य भर्ती से जुड़ी अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए वर्षों पुरानी चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया है, जो संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है और इसके लिए संसद की मंज़ूरी भी नहीं ली गई है. याचिका में 14 जून की अधिसूचना को अवैध और असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है.

अग्निपथ योजना: सेना में भर्ती के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, जुलाई से शुरू होगी प्रक्रिया

सेना ने कहा कि ‘अग्निवीर’ नाम से भारतीय सेना में एक अलग रैंक बनाया जाएगा, जो कि किसी भी अन्य मौजूदा रैंक से अलग होगा. अग्निवीर के लिए शासकीय गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या स्रोत को चार साल की सेवा अवधि के दौरान प्राप्त विशिष्ट जानकारी का खुलासा करने पर रोक रहेगी. अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले कर्मचारियों को ‘अग्निवीर’ के रूप में जाना जाएगा.

अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ ‘भारत बंद’, 500 से अधिक ट्रेनें रद्द; सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम

केंद्र की मोदी सरकार ने दशकों पुरानी प्रक्रिया में बदलाव करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती संबंधी अग्निपथ नामक योजना की बीते 14 जून को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती सिर्फ़ चार साल की कम अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी. इस योजना के विरोध में देश के विभिन्न हिस्सों में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं.