उत्तर प्रदेश की राज्यसभा की 10 में से आठ सीटों पर भाजपा, एक-एक सीट पर सपा और बसपा ने निर्विरोध जीत दर्ज की. उत्तराखंड से एकमात्र सीट से भाजपा ने जीत दर्ज की. इसके साथ उच्च सदन में पहली बार भाजपा 92 सीटों पर पहुंच गई और कांग्रेस पार्टी पहली बार 40 से सीटों पर सिमट गई है.
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों के लिए 9 नवंबर को मतदान होना है. इसके लिए भाजपा ने आठ, सपा ने एक और बसपा ने एक प्रत्याशी खड़ा किया है. हालांकि, बुधवार को बसपा के सात विधायकों ने बगावत कर दी और कहा कि बसपा प्रत्याशी के नामांकन पत्र पर उनके फ़र्ज़ी हस्ताक्षर हैं. इसके बाद उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी की.
गुजरात कांग्रेस के चीफ व्हिप शैलेश मनुभाई परमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि मतदाताओं द्वारा नोटा का इस्तेमाल केवल प्रत्यक्ष चुनावों किया जाना चाहिए.
सपा प्रमुख ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में सत्ता और धनबल का दुरुपयोग कर भाजपा ने सपा और बसपा के रिश्ते को और भी मजबूत कर दिया है.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव अभी राजनीति में थोड़े कम तजुर्बेकार हैं, अगर मैं उनकी जगह पर होती तो अपने उम्मीदवार के बजाए उनके उम्मीदवार को जिताने की कोशिश करती.