मंदिर बनने से कोई समस्या नहीं, मस्जिद विध्वंस कर बनने वाले राम मंदिर से असहमत: उदयनिधि स्टालिन

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने अपने दादा एमके करुणानिधि का नाम लेते हुए कहा कि द्रमुक किसी विशेष धर्म या आस्था के ख़िलाफ़ नहीं है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि धर्म को राजनीति के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए. 

संक्रमण काल या अमृतकाल!

हिंदू समाज या कहें संपूर्ण भारत एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां सबको आत्मचिंतन करने की ज़रूरत है. भले सत्ताधारी इसे अमृतकाल कहें किंतु यह संक्रमण काल है. दुर्बुद्धि और नफ़रत का संक्रमण काल, जहां मर्यादाएं विच्छिन्न हो रहीं हैं.

महाराष्ट्र: प्रकाश आंबेडकर ने भी राम मंदिर समारोह का निमंत्रण ठुकराया, शरद पवार भी नहीं जाएंगे

वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि इस आयोजन को भाजपा और आरएसएस ने हड़प लिया है. एक धार्मिक आयोजन को चुनावी लाभ के लिए राजनीतिक अभियान में बदल दिया गया है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को पत्र लिखकर समारोह में शामिल होने में असमर्थता जताई है.

कोशल में रात गहराती जा रही है!

आज की अयोध्या में बहुसंख्यक सांप्रदायिकता के समक्ष आत्मसमर्पण और उसका प्रतिरोध न कर पाने की असहायता बढ़ती जा रही है. आम लोगों के बीच का वह स्वाभाविक सौहार्द भी, जो आत्मीय रिश्तों तक जाता था, अब औपचारिक हो चला है.

अभी भले एहसास न हो, पर हिंदू जनता सिर्फ़ राजनीतिक लाभ का साधन बनकर रह जाएगी

अगर हिंदू जनता को यह यक़ीन दिलाया जा सकता है कि यह मंदिर उसकी चिर संचित अभिलाषा को पूरा करता है तो इसका अर्थ है कि हिंदू मन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पूरी तरह कब्ज़ा हो चुका है.

अयोध्या: राम, तुम्हारे नाम पर..!

तुलसीदास रामचरितमानस में कहते हैं कि राम के बारे में अब तक जो कुछ भी लिखा-पढ़ा या सुनाया गया है, वह लिखने-पढ़ने-सुनाने वालों की ‘स्वमति अनुसार’ ही है- आधिकारिक या प्रामाणिक नहीं. ऐसी कोई ‘स्वमति’ कुमति में बदल जाए तो उससे किसी भी सभ्य तर्क की कसौटी पर खरी उतरने की अपेक्षा नहीं की जा सकती. 

‘अयोध्या के अधूरे राम मंदिर में धर्म नहीं, अधर्म की राजनीति का यज्ञ हो रहा है’

वीडियो: अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ समारोह को लेकर हो रही राजनीति और इस मंदिर की पृष्ठभूमि को लेकर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद.

अयोध्या आज एक कुरु-सभा बन गई है जिसके मंच पर भारतीय सभ्यता का चीरहरण हो रहा है

अयोध्या की सभा असत्य और अधर्म की नींव पर निर्मित हुई है, क्योंकि जिसे इसके दरबारीगण सत्य की विजय कहते हैं, वह दरअसल छल और बल से उपजी है. अदालत के निर्णय का हवाला देते हुए ये दरबारी भूल जाते हैं कि इसी अदालत ने छह दिसंबर के अयोध्या-कांड को अपराध क़रार दिया था.

22 जनवरी, 2024 एक तरह से राजनीति के सत की परीक्षा है

चार शंकराचार्यों ने राम मंदिर के आयोजन में शामिल होने से इनकार कर दिया है. उन्होंने ठीक ही कहा है कि यह धार्मिक आयोजन नहीं है, यह भाजपा का राजनीतिक आयोजन है. फिर यह सीधी-सी बात कांग्रेस या दूसरी पार्टियां क्यों नहीं कह सकतीं?

कांग्रेस की भीरुता के बिना राम मंदिर नहीं बन सकता था…

कांग्रेस के लोग यह सही कहते हैं कि उनके बिना राम मंदिर नहीं बन पाता. लेकिन यह गर्व की नहीं, लज्जा की बात होनी चाहिए. कांग्रेस को यह नहीं भूलना चाहिए कि 1949 में बाबरी मस्जिद में सेंधमारी नहीं हुई थी, सेंधमारी धर्मनिरपेक्ष भारतीय गणतंत्र में हुई थी.

आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से अभिषेक समारोह में ‘न आने का अनुरोध’ किया गया: राम मंदिर ट्रस्ट

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी बुज़ुर्ग हैं और उनकी उम्र को देखते हुए उनसे अभिषेक समारोह में नहीं आने का अनुरोध किया गया था, जिसे दोनों ने स्वीकार कर लिया है. आडवाणी और जोशी अयोध्या में राम मंदिर के लिए हुए आंदोलन में सबसे आगे रहने वाले नेताओं में से हैं.

राम मंदिर निर्माण के लिए दान दिए गए 22 करोड़ रुपये के 15,000 चेक बाउंस हुए

विश्व हिंदू परिषद की ज़िला इकाइयों की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, राम मंदिर ट्रस्ट को दान के रूप में अब तक 3,400 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अयोध्या में रहने वाले दानदाताओं के सर्वाधिक दो हज़ार से ज़्यादा चेक बाउंस हुए हैं.

ज़मीन सौदा: अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों, भाजपा विधायक के ख़िलाफ़ महंत ने शिकायत दर्ज कराई

अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत धर्म दास ने ट्रस्ट के सभी सदस्यों के अलावा गोसाईगंज के भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी, अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय आदि के ख़िलाफ़ शिकायत की है. आरोप लगाया कि दीप नारायण ने महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य से 676 वर्ग मीटर ज़मीन 20 लाख रुपये में ख़रीदी थी, जिसे बाद में 2.5 करोड़ रुपये में मंदिर ट्रस्ट को बेच दिया गया.

अयोध्या भूमि सौदा: अदालत ने राम मंदिर न्यास के सचिव चंपत राय, तीन अन्य को तलब किया

शिवसेना नेता संतोष दुबे और वाराणसी के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस सिलसिले में फ़ैज़ाबाद ज़िला अदालत में याचिका दायर कर राम जन्मभूमि स्थल से लगे एक मंदिर की भूमि की बिक्री को चुनौती दी है. इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर आरोप लगे थे कि उन्होंने ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र की मदद से मार्च में दो करोड़ रुपये क़ीमत की ज़मीन 18 करोड़ रुपये में ख़रीदी थी.