दिल्ली: केंद्र की नीतियों के ख़िलाफ़ मज़दूरों और किसानों ने रैली निकाली

कई ट्रेड यूनियनों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में विभिन्न राज्यों से आए श्रमिकों और किसानों के साथ एक रैली का आयोजन किया. आयोजकों ने ​कहा कि किसान-मज़दूर अपनी आजीविका के साधनों पर हो रहे हमले को समाप्त करने तथा शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सम्मानजनक जीवन की अनुमति देने वाली नीतियों के लिए आवाज़ उठाने आए हैं.

एनआरसी, सीएए, एनपीआर की बात होगी, लेकिन मोदी बेरोज़गारी पर एक शब्द नहीं बोलते: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि वे किसी भी यूनिवर्सिटी में जाकर युवाओं के सवालों के जवाब दे दें. ये सवाल बेरोज़गारी, देश को बांटने, देश की छवि ख़राब करने से जुड़े हुए हैं. प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे पाएंगे.

मोदी-संघ के ख़िलाफ़ लोकतंत्र की लड़ाई की अगुवाई राहुल गांधी नहीं कर सकते हैं

पिछले दो दशकों में कांग्रेस का इतनी गहराई तक ग़ैर-सांस्थानीकरण हो चुका है कि गांधी परिवार से बाहर जाकर विचार करने की इसकी सामूहिक क्षमता समाप्त हो गई है.

‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग को सज़ा देने का वक़्त आ गया: अमित शाह

दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में अशांति के लिए कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में टुकड़े-टुकड़े गैंग ज़िम्मेदार है, इनको दंड देने का समय आ गया है. दिल्ली की जनता को दंड देना चाहिए.

नागरिकता कानून और एनआरसी पर मुस्लिमों को गुमराह कर रहे हैं अर्बन नक्सल और कांग्रेस: पीएम मोदी

संशोधित नागरिकता कानून के विरोध को लेकर देशभर में हो रहे प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में कहा कि मेरे विरोधी अगर मुझसे नफरत करते हैं तो उन्हें मेरा पुतला जलाना चाहिए लेकिन उन्हें गरीबों को निशाना नहीं बनाना चाहिए. मुझे निशाना बना लें लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को आग न लगाएं.

मैं ‘राहुल सावरकर’ नहीं राहुल गांधी हूं, सच्चाई के लिए कभी माफी नहीं मांगूंगा: राहुल गांधी

दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित कांग्रेस की 'भारत बचाओ रैली' में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि आज देश में अंधेर नगरी, चौपट राजा जैसा माहौल है और पूरा देश पूछ रहा है कि सबका साथ, सबका विकास कहां है?

लोग प्रदर्शन करने नेताओं के दफ्तरों के पास क्यों नहीं आ सकते: सुप्रीम कोर्ट

मध्य दिल्ली में प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने वाले केंद्र सरकार के फ़ैसले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि प्रदर्शन सत्ता के केंद्र के पास होना चाहिए ताकि लोगों की आवाज़ सुनी जा सके.