कोविड-19 संक्रमण के ताज़ा मामलों और मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की चिंताओं के बीच आरबीआई ने रेपो रेट को अपरिवर्तित रखते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए ज़रूरत पड़ने पर आगे कटौती की जा सकती है. आरबीआई ने यह भी कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत पर रहेगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को 2021-22 का बजट पेश करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव किया था. रिज़र्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने भरोसा जताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की नई लहर से आर्थिक वृद्धि में सुधार की रफ़्तार प्रभावित नहीं होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2020 से आगे ऋण किस्त स्थगन का विस्तार नहीं करने के केंद्र सरकार और आरबीआई के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. आरबीआई ने महामारी के चलते पिछले साल एक मार्च से 31 मई के बीच चुकाई जाने वाली ऋण की किस्तों के भुगतान को स्थगित करने की अनुमति दी थी. बाद में इसे 31 अगस्त 2020 तक बढ़ा दिया गया था.
साल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन और नकली नोटों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से नोटबंदी की ऐतिहासिक घोषणा की थी. तब 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किया गया था. इसके बाद सरकार ने 500 तथा 2,000 रुपये के नए नोट जारी किए थे.
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा लोकसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक, बैंकों ने वित्त वर्ष 2018-19, और वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तीन तिमाहियों के दौरान क्रमश: 2.36 लाख करोड़ रुपये और 2.34 लाख करोड़ रुपये के ऋण को बट्टे खाते में डाला है. ऐसे ऋण जिसकी वसूली नहीं हो पाती है, बैंक उन्हें बट्टे खाते में डाल देते हैं.
सरकार ने निजीकरण के लिए जिन चार बैंकों का चयन किया गया है वे बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया हैं. सरकार का यह कदम उसकी उस बड़ी योजना का हिस्सा है जिसके तहत वह सरकारी संपत्तियों को बेचकर राजस्व बढ़ाने की तैयारी कर रही है.
पिछले सप्ताह पेश केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनिवेश योजना के तहत दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है. हालांकि, उन्होंने इस बारे में बताने से इनकार कर दिया कि किस या किन बैंकों को बिक्री के लिए चुना जा रहा है. फ़िलहाल बैंक यूनियनों ने इस क़दम का विरोध किया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी 2016 के कथित तौर पर ज़मीन हड़पने के एक मामले में एनसीपी नेता एकनाथ खड़से की याचिका पर सुनवाई के दौरान की. याचिका में ईडी द्वारा पिछले साल अक्टूबर में दर्ज प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट को रद्द करने का अनुरोध किया गया है.
आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर वृहत आर्थिक माहौल और ख़राब होता है और गंभीर दबाव की स्थिति उत्पन्न होती है, तो सकल एनपीए अनुपात 14.8 प्रतिशत तक जा सकता है. सामान्य स्थिति में यह 13.5 प्रतिशत पर पहुंचेगा, जो 23 साल का उच्चतम स्तर होगा.
आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक लिमिटेड को बीते दो दिसंबर को एक आदेश जारी किया है, जो पिछले दो वर्षों में बैंक के इंटरनेट बैंकिंग/मोबाइल बैंकिंग/पेमेंट बैंकिंग में हुईं परेशानियों के संबंध में है. बीते 21 नवंबर को भी प्राइमरी डेटा सेंटर में बिजली कटने से बैंक की इंटरनेट बैंकिंग और भुगतान प्रणाली प्रभावित हुई थी.
आने वाले समय में बेहतर उपभोक्ता मांग से इसमें और सुधार की उम्मीद जताई जा रही है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. अगर दो तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में गिरावट रहे तो उस अर्थव्यवस्था को मंदी में कहा जाता है.
आरबीआई द्वारा गठित एक आंतरिक कार्य समूह ने पिछले सप्ताह सिफ़ारिश की थी कि कॉरपोरेट घरानों को बैंक शुरू करने का लाइसेंस दिया जा सकता है. रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ने कहा है कि भारत में बड़ी कंपनियों के पिछले कुछ साल में क़र्ज़ लौटाने को लेकर चूक देखते हुए हमें बैंकों में कॉरपोरेट क्षेत्र को स्वामित्व देने की अनुमति को लेकर संदेह है.
इस साल फरवरी के बाद थोक मुद्रास्फीति का यह सबसे ऊंचा आंकड़ा है. फरवरी में यह 2.26 प्रतिशत पर थी. सितंबर में थोक मुद्रास्फीति 1.32 प्रतिशत और पिछले साल अक्टूबर में शून्य पर थी.
आरबीआई के रिसर्चर द्वारा तैयार की गई अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत तकनीकी रूप से 2020-21 की पहली छमाही में अपने इतिहास में पहली बार आर्थिक मंदी में चला गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक के चार पूर्व गवर्नरों ने तेज़ी से बढ़ते वित्तीय घाटे और महामारी के चलते अत्यधिक बुरी स्थिति में पहुंची अर्थव्यवस्था को लेकर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने एनपीए की तरह ही कई चुनौतियों के प्रति आगाह किया है.