क्यों अलग है उत्तर और दक्षिण भारत का राजनीतिक मिजाज़?

बीते दिनों आए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद उत्तर भारत और दक्षिण भारत के लोगों और उनके प्रतिनिधि चुनने की प्राथमिकताओं पर लंबी बहस चली, तमाम सवाल उठाए गए. क्या वजह है कि इन क्षेत्रों के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मिजाज़ में इतना अंतर है?

राजनीतिक दलों के लिए चंदे का मुख्य स्रोत चुनावी बॉन्ड हैं: एडीआर रिपोर्ट

एडीआर के अनुसार, 2016-17 और 2021-22 के बीच भाजपा को अन्य सभी राष्ट्रीय दलों की तुलना में तीन गुना अधिक चंदा मिला, जिसमें से 52%से अधिक चुनावी बॉन्ड से आया.

2021-22 में क्षेत्रीय दलों की 76% आय अज्ञात स्रोतों से हुई, 93% चुनावी बॉन्ड से मिले: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को अज्ञात स्रोतों से कुल 887.55 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिसमें से 93.26 फीसदी या 827.76 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के माध्यम से प्राप्त हुए. 

भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों का समर्थन करना चाहिए: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सभी भाजपा विरोधी संगठनों के बीच एकता का आह्वान करते हुए कहा कि राष्ट्रीय दलों को यह भूल जाना चाहिए कि क्षेत्रीय दल उनका कोई नुकसान कर रहे हैं. अगर कभी क्षेत्रीय दलों का नुकसान हुआ है तो दिल्ली की सरकारों ने किया है.

राष्ट्रीय दलों ने वर्ष 2004-21 के दौरान अज्ञात स्रोतों से 15,000 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त किए: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने राजनीतिक दलों के आयकर रिटर्न और भारतीय निर्वाचन आयोग के समक्ष दायर किए गए दान प्राप्ति के विवरणों के आधार पर किए गए विश्लेषण में पाया गया कि वित्त वर्ष 2004-05 और 2020-21 के बीच आठ राष्ट्रीय दलों ने 15,077.97 करोड़ रुपये अज्ञात स्रोतों से प्राप्त किए.

विपक्षी एकता का विचार अब दूर की कौड़ी बनता जा रहा है

2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी ने न केवल यह दिखाया कि भाजपा अपने बलबूते पर चुनाव जीत सकती है बल्कि इस प्रक्रिया में इसने कांग्रेस को बर्बाद कर दिया. अब, बिना किसी केंद्रीय ताकत के हर क्षेत्रीय पार्टी के उसके एजेंडा, महत्वाकांक्षाओं के साथ इकट्ठा कर कोई संयुक्त मोर्चा बनाना लगभग असंभव लगता है.

अब देश की जनता को ही सिकुड़ते लोकतंत्र के विरुद्ध खड़ा होना होगा

मोदी सरकार एक ऐसा राज्य स्थापित करने की कोशिश में है जहां जनता सरकार से जवाबदेही न मांगे. नागरिकों के कर्तव्य की सोच को इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल के दौरान संविधान में जोड़ा था. मोदी सरकार बिना आपातकाल की औपचारिक घोषणा के ही अधिकारहीन कर्तव्यपालक जनता गढ़ रही है.

2004 से 2021 के बीच राष्ट्रीय दलों ने अज्ञात स्रोतों से 15,077 करोड़ रुपये मिले: एडीआर

‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में आठ राष्ट्रीय दलों ने अज्ञात स्रोतों से 426.74 करोड़ रुपये प्राप्त होने की जानकारी दी है, जबकि 27 क्षेत्रीय पार्टियों के मामले में यह धनराशि 263.928 करोड़ रुपये है. इस दौरान कांग्रेस ने अज्ञात स्रोतों से 178.782 करोड़ रुपये हासिल होने का खुलासा किया है, जो राष्ट्रीय दलों को अज्ञात स्रोतों से प्राप्त कुल धनराशि का 41.89 फीसदी है.

वर्ष 2020-21 में क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे का 91 प्रतिशत सिर्फ पांच दलों को गया: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक़, वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे का 91.38 फीसदी यानी 113.791 करोड़ रुपये पांच दलों- जनता दल (यूनाइटेड), द्रविड़ मुनेत्र कषगम, आम आदमी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और तेलंगाना राष्ट्र समिति को मिला है.

पांच क्षेत्रीय दलों ने 2020-21 में चुनावी बॉन्ड से 250.60 करोड़ रुपये चंदा मिलने की घोषणा की: एडीआर

एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 31 क्षेत्रीय पार्टियों को कुल 529.416 करोड़ रुपये की कुल आय हुई और उन्होंने 414.028 करोड़ रुपये अपने कुल ख़र्च घोषित किए हैं.

गोवा में भाजपा की 20 सीटों पर जीत, गठबंधन से तीसरी बार सरकार गठन को तैयार

गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में 20 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वह क्षेत्रीय दल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. कांग्रेस को 11 सीटों पर जीत मिली है, जबकि उसके सहयोगी दल गोवा फारवर्ड पार्टी को एक सीट पर जीत मिली.

गोवा में सरकार गठन के लिए भाजपा निर्दलीय, क्षेत्रीय दलों को साथ लेगी: फडणवीस

भाजपा के वरिष्ठ नेता और गोवा में भाजपा के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने 20 सीटें जीती हैं. एमजीपी ने भी उन्हें समर्थन पत्र दिया है. तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन उनके पास है. ऐसी संभावना है कि और भी उम्मीदवार उनके साथ जुड़ेंगे.

गोवा: पणजी से विजयी भाजपा प्रत्याशी बोले- पार्टी ने नहीं की मदद, यह मेरी ख़ुद की जीत

भाजपा के आतानासियो मोनसेरेट ने पणजी सीट से मनोहर पर्रिकर के बेटे और निर्दलीय उम्मीदवार उत्पल पर्रिकर को 674 वोटों से हराया है. मोनसेरेट साल 2019 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. जीत के बाद उन्होंने कहा कि 'यह पार्टी की जीत नहीं है, मेरी जीत है. पार्टी मेरे साथ नहीं खड़ी थी.'

16 क्षेत्रीय दलों ने बिना पैन विवरण के 24.779 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त किया: रिपोर्ट

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी की चंदे से हुई आय में सर्वाधिक वृद्धि हुई है.

पंद्रह क्षेत्रीय दलों ने नहीं दिया आय-व्यय का ब्योरा, बीजद सबसे धनी क्षेत्रीय दल : एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें सर्वाधिक आय वाले क्षेत्रीय दलों में बीजद के अलावा तेलंगाना राष्ट्र समिति और वाईआरएस कांग्रेस शामिल हैं. इन तीनों दलों की आय में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में सर्वाधिक इज़ाफ़ा भी दर्ज किया गया.