‘किसान आन्दोलन, ग्राउंड जीरो’ किसानों के संघर्ष को जीवंत तरीके से बयां करने वाली ज़रूरी किताब है

पुस्तक समीक्षा: आंदोलन के साथ ही आंदोलनों का दस्तावेज़ीकरण एक महत्वपूर्ण और ज़िम्मेदारी भरा काम है. पत्रकार मनदीप पुनिया ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन की यात्रा को तथ्यों के साथ रचनात्मक तरीके से दर्ज करते हुए इसी दिशा में प्रयास किया है.

संपादकीय: पाठकों से माफ़ी और एक वादा…

द वायर स्वीकार करता है कि इसकी मेटा संबंधी रिपोर्ट्स के प्रकाशन से पहले की आंतरिक संपादकीय प्रक्रियाएं उन मानकों को पूरा नहीं करती थीं जो द वायर ने अपने लिए तय किए हैं और जिनकी इसके पाठक इससे उम्मीद करते हैं. 

भारत पहुंचने के कुछ घंटों के अंदर अमेरिकी पत्रकार को दिल्ली एयरपोर्ट से वापस भेजा गया

अमेरिकी मीडिया कंपनी वाइस के पत्रकार अंगद सिंह को बुधवार रात दिल्ली में उतरने के तीन घंटे के अंदर वापस भेज दिया गया. उनके परिजनों के अनुसार, वे एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने आए थे, न कि काम के सिलसिले में.

बिहार: बालू और शराब माफिया पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार की गोली मारकर हत्या

घटना बेगूसराय ज़िले के बखरी थानाक्षेत्र की है, जहां 20 मई की रात एक वैवाहिक आयोजन से लौट रहे 26 साल के पत्रकार सुभाष कुमार महतो को गोली मार दी गई. उनके परिजनों और दोस्तों का कहना है कि इसकी वजह शराब और बालू माफिया को लेकर की गई रिपोर्टिंग है. वहीं, पुलिस ने इस बात से इनकार किया है.

सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं की रिपोर्टिंग में संयम बरते मीडिया: एडिटर्स गिल्ड

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मीडिया घरानों से देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक अशांति की रिपेार्टिंग करते समय अत्यधिक संयम बरतने तथा ध्रुवीकरण के बड़े खेल में मोहरा न बनने की अपील की है. गिल्ड ने कहा कि तथ्यों, संदर्भ को पूरी तरह समझे बिना किसी निष्कर्ष न पहुंचे क्योंकि इसके दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं.

मीडिया पर कई प्रकार से हमले हो रहे, पत्रकारों को इसकी रक्षा के लिए खड़ा होना चाहिए: जस्टिस लोकुर

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मदन बी. लोकुर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पत्रकारों के विरुद्ध एफ़आईआर दर्ज करने और उन्हें उनका काम करने के लिए गिरफ़्तार करने समेत कई घटनाओं से मीडियाकर्मियों पर हतोत्साहित करने वाला प्रभाव पड़ता है, जिससे वे ज़रूरत से ज़्यादा सावधान होकर काम करने लगते हैं.

जम्मू कश्मीर में पत्रकारों को रिपोर्टिंग से रोकने का कोई आदेश नहीं: सरकार

संसद में सरकार से पूछा गया था कि क्या जम्मू कश्मीर में ऐसा कोई आदेश जारी किया गया है, जिसके तहत पत्रकारों को, उनके काम के कारण शांति और व्यवस्था को ख़तरा होने की स्थिति में, रिपोर्टिंग करने से रोका जा सके.

यूपी: दूसरे ज़िले में ऑक्सीजन भेजने की ख़बर लिखने वाले तीन पत्रकारों को प्रशासन का नोटिस

घटना रायबरेली की है, जहां कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आरोप लगाया गया था कि ज़िले में स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान 20 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन पड़ोसी ज़िले कानपुर भेजी गई. ज़िला प्रशासन ने तीन स्थानीय पत्रकारों को नोटिस जारी कर उन जानकारियों का स्रोत पूछा है, जिसके आधार पर ख़बरें लिखी गई थीं.

सुशांत केस में रिपब्लिक और टाइम्स नाउ पर दिखाई गई कुछ ख़बरें ‘मानहानिकारक’ थीं: हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि मीडिया चैनल्स आत्महत्या के मामलों में ख़बरें दिखाते वक्त संयम बरतें क्योंकि मीडिया ट्रायल के कारण न्याय देने में हस्तक्षेप तथा अवरोध उत्पन्न होता है.

तबलीगी जमात पर मीडिया रिपोर्टिंग को संतुलित बताने के केंद्र के जवाब से सुप्रीम कोर्ट असंतुष्ट

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने एक याचिका में केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि उसने देश में कोरोना वायरस की शुरुआत में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए फैलाई फेक न्यूज़ रोकने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं किया. इसके जवाब में केंद्र ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि अधिकांश प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों ने ‘मोटे तौर पर तथ्यात्मक रिपोर्ट ’ प्रकाशित की थीं और मीडिया के सिर्फ एक छोटे-से वर्ग ने ही ऐसा किया था.

सुशांत मामला: हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा- क्या ‘ज़्यादा रिपोर्टिंग’ न्याय के शासन में दखलअंदाज़ी है

सुशांत आत्महत्या मामले में 'मीडिया ट्रायल' के आरोपों को लेकर सुनवाई कर रहे बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि यदि अत्यधिक रिपोर्टिंग होती है तो यह आरोपी को लोगों की नज़र में ला सकती है, जिसके चलते वह साक्ष्य मिटा सकता है या भाग सकता है.

सुशांत मामले में रिपब्लिक टीवी को कोर्ट की फटकार, कहा- यदि आप ही जज बन जाएंगे तो हम किसलिए हैं

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी उन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए की, जिनमें सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में टीवी चैनलों को मीडिया ट्रायल करने से रोकने का आग्रह किया गया है.

श्रीनगर: बिना कारण बताए कश्मीर टाइम्स का दफ़्तर सील, संपादक ने कहा- बदले की कार्रवाई

कश्मीर टाइम्स की मालिक और कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन ने कहा कि बिना कोई नोटिस दिए और बगैर क़ानूनी प्रक्रिया का पालन किए उनके दफ़्तर पर ताला डाल दिया गया है. वहीं जम्मू कश्मीर प्रशासन का कहना है कि उन्होंने पूर्व में आवंटित घर को केवल ‘अपने अधिकार में’ लिया है.

प्रिंट की तरह टीवी मीडिया को नियमित करने के लिए नियामक संस्था क्यों नहीं है: बॉम्बे हाईकोर्ट

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में मीडिया कवरेज को लेकर दायर हुई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि जिस तरीके से प्रिंट मीडिया के लिए भारतीय प्रेस परिषद है, केंद्र सरकार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए इसी तरह की परिषद के बारे में क्यों नहीं सोचती है.

मीडिया की निष्पक्ष और सही रिपोर्टिंग पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता: जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने श्रीनगर में एक अख़बार के पत्रकार पर कथित फ़र्ज़ी ख़बर लिखने के मामले में दर्ज एफआईआर को ख़ारिज करते हुए कहा कि किसी ऐसी घटना के बारे में बताना, जिसे सच मानने के लिए रिपोर्टर के पास वाजिब वजह है, अपराध नहीं हो सकता.