पेरियार ललई सिंह को जानना क्यों ज़रूरी है

पुस्तक समीक्षा: पांच भागों में बंटी धर्मवीर यादव गगन की ‘पेरियार ललई सिंह ग्रंथावली’ इस स्वतंत्रता सेनानी के जीवन और काम के बारे में बताते हुए दिखाती है कि आज़ादी के संघर्ष में तमाम आंदोलनकारी कैसे एक-दूसरे से न केवल जुड़े हुए थे बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर बहुजन एका की कार्रवाइयों को अंजाम दे रहे थे.

भीमा-कोरेगांव हिंसा: महाराष्ट्र में दलित-मराठा रिश्ता हमेशा से जटिल रहा है

जाति-हिंसा लंबे समय से महाराष्ट्र की संस्कृति का अंग रही है. यहां हिंदुत्ववादी राजनीति का विकास कोई एक दिन मे नहीं हुआ है. इसे कई दशकों तक सक्रिय तरीके से खाद-पानी देने का काम कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने किया.

महाराष्ट्र बंद: मुंबई में बसों पर हमला, नागपुर और पुणे में स्थिति तनावपूर्ण

पुणे पुलिस ने हिंसा भड़काने के आरोप में हिंदुवादी संगठनों के दो नेताओं के ख़िलाफ़ मामले दर्ज किए. मुंबई शहर में 100 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया.

दलित ख़ुद पर अत्याचार रोकने के लिए हिंदू धर्म छोड़ बौद्ध धर्म अपना लें: अठावले

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने कहा, बाबासाहब अंबेडकर ने बौद्ध धर्म तब अपनाया जब उन्हें भरोसा हो गया कि दलितों को हिंदू धर्म में न्याय नहीं मिलेगा.

दलितों पर अत्याचार रोकना है तो सवर्ण ग़रीबों को भी आरक्षण दिया जाए: अठावले

केंद्रीय मंत्री अठावले का सुझाव, 'सवर्ण ग़रीबों को शिक्षा एवं रोज़गार में आरक्षण देने से दलितों पर अत्याचार रुक जाएगा और जाति व्यवस्था ख़त्म होने में मदद मिलेगी.'