आईएएस अधिकारी ज्योति कलश ने साल 2018 में आरटीआई आवेदन दायर कर उच्च पेंशन लाभ के लिए भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव के रूप में 1990 बैच के आईएएस अधिकारियों के पैनल के लिए ‘कट-ऑफ स्कोर’ की जानकारी मांगी थी. उन्होंने मनोनयन के लिए तैयार किए गए वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट की भी जानकारी मांगी थी.
बिहार के पूर्वी चंपारण ज़िले में शुक्रवार को आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की दो अज्ञात व्यक्तियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. अग्रवाल ने ज़िले में कथित रूप से अतिक्रमण की गई सरकारी ज़मीन और संपत्ति का ब्योरा मांगते हुए कई आरटीआई आवेदन दायर किए थे. विपिन अग्रवाल पर इससे पहले साल 2020 में उनके घर पर हमला किया गया था.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से यह जवाब अदालत में दायर उन याचिकाओं को लेकर आया है, जिसमें पीएम केयर्स फंड को सरकारी घोषित करने की मांग की गई है.
चुनाव आयोग में दायर किए गए पार्टी के वार्षिक ऑडिट के अनुसार, भाजपा देश की सबसे धनी राजनीतिक पार्टी बनी हुई है, जिसकी कुल नकदी 3,501 करोड़ रुपये (कैश और बैंक खातों में) है, जो कि साल 2019-20 में 1,904 करोड़ रुपये की तुलना में काफी अधिक है. 2019-20 में पार्टी ने 73 करोड़ रुपये की ज़मीन और लगभग 59 करोड़ रुपये के भवन ख़रीदे थे.
आरटीआई के तहत प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चला है कि एक जुलाई से 10 जुलाई के बीच 17वें चरण में कलकत्ता ब्रांच से 97.31 करोड़ रुपये, चेन्नई ब्रांच से 30 करोड़ रुपये और हैदराबाद ब्रांच से 10 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे गए थे.
एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार इस समयावधि में विज्ञापनों के लिए राष्ट्रीय समाचार चैनलों को 88.68 करोड़ व क्षेत्रीय चैनलों को 71.63 करोड़ रुपये मिले. जिन पांच हिंदी चैनलों को सर्वाधिक राशि मिली, उनमें न्यूज़18 इंडिया, आज तक, इंडिया टीवी, जी न्यूज़ और रिपब्लिक भारत शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त कहा है कि गै़र सहायता प्राप्त निजी स्कूल आरटीआई अधिनियम के दायरे में होने चाहिए, क्योंकि इससे उत्तर प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थानों से जानकारी लेने में छात्रों और अभिभावकों को फ़ायदा होगा. उन्होंने मुख्य सचिव से सिफ़ारिश की कि सार्वजनिक सूचना के महत्व को देखते हुए निजी स्कूल प्रशासकों को आरटीआई के तहत जन सूचना अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया जाए.
एक आरटीआई आवेदन में पूछा गया था कि केवल सरकारी विभागों को मिल सकने वाला जीओवी डॉट इन डोमेन पीएम केयर्स को कैसे आवंटित हुआ. केंद्रीय सूचना आयोग में हुई सुनवाई में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा इस बात का ख़ुलासा करने से रोका गया था.
केंद्र सरकार ने क़रीब एक साल पहले कहा था कि भारत में निर्मित 50,000 वेंटिलेटर के लिए पीएम केयर्स फंड से 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. हालांकि वेंटिलेटर्स ख़रीदने एवं इसके वितरण के संबंध में सिर्फ़ 1,532 करोड़ रुपये ही जारी किए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निजी निर्माताओं द्वारा बनाए 16,000 वेंटिलेटर कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद भी अभी तक अस्पतालों में नहीं लगाए गए हैं.
पंजाब नेशनल बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने याचिका दायर कर मांग की थी कि क़र्ज़ नहीं चुकाने वाले लोगों की सूची और उसकी निरीक्षण रिपोर्ट जारी करने के लिए आरबीआई द्वारा भेजी जा रहीं आरटीआई नोटिसों पर रोक लगाई जाए.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर के एक मेडिकल कॉलेज का मामला. आरटीआई कार्यकर्ता ग्वालियर स्थित गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रवेश में कथित विसंगतियों की जांच चाहते हैं कि बाहरी लोगों ने धोखाधड़ी करके स्थानीय निवासियों के कोटे में प्रवेश हासिल कर लिया है.
राजनीतिक दलों को सूचना का अधिकार के तहत लाने से संबंधित एक आवेदन को ख़ारिज करने के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने मामले के भारत के उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने को आधार बताया था.
सूचना का अधिकार के तहत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बताया कि पिछले साल नवंबर तक देश में छह महीने से छह साल तक के क़रीब 927,606 गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान की गई. इनमें से सबसे ज़्यादा 398,359 बच्चों की उत्तर प्रदेश में और 279,427 की बिहार में पहचान की गई. ये आंकड़े उन चिंताओं पर ज़ोर डालते हैं कि कोविड-19 महामारी ग़रीब तबकों के बीच स्वास्थ्य एवं पोषण के संकट को और बढ़ा सकती है.
देश में अब तक कुल 16 चरणों में चुनावी बॉन्ड की बिक्री हुई है. एसबीआई ने एक आरटीआई आवेदन के जवाब में बताया है कि इस साल जनवरी में 15वें चरण में 42.10 करोड़ रुपये और अप्रैल में 16वें चरण में 695.34 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे गए हैं. इस दौरान सर्वाधिक बॉन्ड पश्चिम बंगाल के कोलकता शाखा से बिके.
झारखंड में सत्तारूढ़ पार्टी झामुमो ने बताया है कि उसे एल्युमिनियम एवं तांबा विनिर्माता कंपनी हिंडाल्को से एक करोड़ रुपये का चंदा चुनावी बांड के ज़रिये मिला है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने कहा है कि इससे यह सवाल उठता है कि क्या राजनीतिक दलों को दान देने वालों की पहचान की जानकारी है, जिन्होंने उसे चुनावी बॉन्ड के ज़रिये योगदान दिया है.