चुनावी बॉन्ड की बिक्री पर रोक की याचिका ख़ारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पर्याप्त सुरक्षा मौजूद

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने एक याचिका में राजनीतिक दलों की फंडिंग और खातों में पारदर्शिता की कथित कमी संबंधी एक मामले के लंबित रहने और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड की आगे बिक्री की अनुमति न देने की मांग की थी. शीर्ष अदालत ने इससे इनकार कर दिया है.

56 फ़ीसदी आरटीआई ख़ारिज होने का आधार निजी सूचना और सुरक्षा एजेंसियों को प्राप्त छूट: सीआईसी

एक आरटीआई कार्यकर्ता ने केंद्रीय सूचना आयोग की वार्षिक रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद बताया कि आरटीआई आवेदनों को इस क़ानून की धाराओं आठ, नौ, 11 और 24 के तहत प्राप्त छूट से ही ख़ारिज किया जाना मान्य है, लेकिन रिपोर्ट दर्शाती है कि सरकारी विभागों ने आवेदनों को ख़ारिज करने के लिए ‘अन्य’ श्रेणी का इस्तेमाल किया.

चुनाव आयोग ने चुनावी बॉन्ड पर रोक का विरोध किया, सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुरक्षित रखा

इस संबंध में याचिका दायर करने वाली ग़ैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से कहा गया कि इस तरह के गोपनीय चुनावी बॉन्ड के चलते ‘भ्रष्टाचार को क़ानूनी मान्यता’ मिल रही है और चूंकि सरकार फायदा पहुंचा सकती है, इसलिए कंपनियां सत्ताधारी दल को ही इसके ज़रिये फंड करेंगी.

चुनावी बॉन्ड की बिक्री पर मोदी सरकार ने 4.10 करोड़ रुपये के कमीशन का भुगतान किया

आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के ज़रिये मिलने वाले 'गोपनीय' चंदे के लिए भारत सरकार को अब तक कुल 15 चरणों में हुई बिक्री के लिए 4.35 करोड़ रुपये के कमीशन देना है. साथ ही, बॉन्ड की छपाई के लिए सरकार ने 1.86 करोड़ रुपये ख़र्च किए हैं.

राजस्थान: राज्य सूचना आयोग ने दो अधिकारियों पर जुर्माना लगाया

राजस्थान के सूचना आयोग ने सूचना अधिकार कानून के तहत सूचना मुहैया कराने में लापरवाही बरतने वाले अजमेर नगर निगम के आयुक्त पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. सूचना आयोग के निर्देशों की अवहेलना करने पर कोटा जिले में रामगंज मंडी के खनिज अभियंता पर भी 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

पिछले साल जनवरी से सितंबर के बीच रेल पटरियों पर 6,290 लोगों की मौत हुई: आरटीआई

ग़ौर करने लायक बात यह है कि नौ महीनों की इस अवधि में पटरियों पर हादसों में इतनी बड़ी तादाद में लोगों की जान तब गई, जब कोविड-19 के प्रकोप के कारण अधिकांश समय लाॅकडाउन था और सीमित संख्या में ट्रेनें चल रही थीं.

‘भाजपा भ्रष्टाचार मुक्त भारत का वादा पूरा करने में नाकाम रही है’

वीडियो: आरटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार ऐसा कहा गया है कि पिछले साढ़े छह सालों में मोदी सरकार ने सूचना का अधिकार क़ानून को बेजान करके भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ इस लड़ाई को कमज़ोर किया है. इस बारे में विस्तार से बता रही हैं सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज.

छात्रा ने आरटीआई के तहत जानकारी मांगी तो गुजरात विश्वविद्यालय ने कहा- पहले नागरिकता साबित करें

गुजरात विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त एक कॉलेज की छात्रा ने आरटीआई दायर कर इंटर्नल परीक्षा के मार्कशीट की प्रतियां मांगी थीं, लेकिन संस्थान ने कहा कि पहले वे अपनी भारतीय नागरिकता साबित करें. छात्रा का कहना है कि संविधान या आरटीआई एक्ट में ऐसा कोई नियम नहीं है और वह इसे हाईकोर्ट में चुनौती देंगी.

सीआईसी ने सीबीआई से कहा, सिर्फ़ छूट वाली धारा का ज़िक्र कर सूचना देने से मना नहीं कर सकते

एक मामले की सुनवाई करते हुए सीआईसी ने कहा कि जांच एजेंसी को सूचना देने से इनकार करते वक्त ठोस कारण देना चाहिए कि ऐसा करने से जांच या आरोपी के खिलाफ मुकदमे पर कैसे असर पड़ सकता है.

यशवर्धन कुमार सिन्हा बने नए सीआईसी, तीन सूचना आयुक्तों ने भी ली शपथ

सूचना आयोग में अब भी तीन सूचना आयुक्तों के पद ख़ाली हैं. सूचना का अधिकार क़ानून के तहत मुख्य सूचना आयुक्त के साथ इस संस्था में कुल 10 सूचना आयुक्त होने चाहिए.

बीते क़रीब तीन साल में हर 35 दिन में दिल्ली पुलिस के एक कर्मचारी ने ख़ुदकुशी की: आरटीआई

समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा आरटीआई के तहत दायर आवेदन के जवाब में दिल्ली पुलिस ने बताया कि जनवरी 2017 से 30 जून 2020 तक दिल्ली के 37 कर्मचारियों और अधिकारियों ने आत्महत्या की है. पिछले 42 महीनों में 14 कर्मचारियों ने ड्यूटी के दौरान जान दी, जबकि 23 कर्मचारियों ने ‘ऑफ ड्यूटी’ आत्महत्या की.

भारत में आरटीआई क़ानून आने के बाद पिछले 15 वर्षों में कितना बदलाव हुआ

सूचना का अधिकार क़ानून के 15 साल पूरे होने के मौके पर ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में कम से कम 3.33 करोड़ आवेदन दायर हुए. सूचना आयोग समय पर वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित नहीं कर रहे. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद देश भर के सूचना आयोगों में 38 पद ख़ाली हैं, जो इस क़ानून के लिए बड़ा झटका है.

1 5 6 7 8 9 14