सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दो दिन बाद चुनावी बॉन्ड के 29वें बैच की बिक्री को मंज़ूरी मिली

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि देशभर में भारतीय स्टेट बैंक की अधिकृत शाखाएं 6 नवंबर से 20 नवंबर के बीच चुनावी बॉन्ड जारी कर सकती हैं. यह घोषणा पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से कुछ हफ्ते पहले आई है.

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले एसबीआई ने 1,148 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे

सूचना के अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार, चुनावी बॉन्ड की सबसे अधिक बिक्री स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की हैदराबाद शाखा (33 प्रतिशत) में हुई. वहीं एसबीआई की नई दिल्ली शाखा में बेचे गए सभी चुनावी बॉन्ड में से अधिकांश (800 करोड़ रुपये या 70 प्रतिशत) भुनाए गए.

अटॉर्नी जनरल ने कहा- नागरिकों को राजनीतिक चंदे के स्रोत को जानने का बुनियादी अधिकार नहीं

सुप्रीम कोर्ट 31 अक्टूबर को चुनावी बॉन्ड के ख़िलाफ़ चुनौतियों को सुनने वाला है. इससे पहले अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने अदालत से कहा कि सिर्फ इसलिए कि नागरिकों को उम्मीदवारों का आपराधिक इतिहास जानने का हक़ है, इसे चुनावी बॉन्ड के ज़रिये होने वाली फंडिंग की जानकारी तक नहीं बढ़ाया जा सकता.

देशभर के सूचना आयोगों के पास तीन लाख से अधिक अपीलें और शिकायतें लंबित: रिपोर्ट

12 अक्टूबर, 2023 को भारत में आरटीआई अधिनियम के कार्यान्वयन के 18 वर्ष पूरे हुए हैं. इससे पहले सूचना आयोगों के प्रदर्शन पर जारी एक रिपोर्ट बताती है कि देश के सूचना आयोगों में लंबित अपीलों की सबसे अधिक संख्या महाराष्ट्र (1,15,524)  और उसके बाद कर्नाटक (41,047) में है.

ईपीएफओ को वित्त मंत्रालय की मंज़ूरी के बिना ब्याज दर सार्वजनिक न करने का आदेश: आरटीआई

आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को वित्त मंत्रालय ने सलाह दी है कि भविष्य में ब्याज दर की सिफ़ारिशों को उसके द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद ही सार्वजनिक किया जाए. यह आदेश ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज दर में बढ़ोतरी की सिफ़ारिश करने के बाद जारी किया गया था.

आरटीआई के तहत मांगी गई ‘आरोग्य सेतु’ ऐप से जुड़ी जानकारी पर केंद्र हलफनामा दायर करे: हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट आरटीआई कार्यकर्ता सौरव दास की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें केंद्रीय सूचना आयोग के नवंबर 2020 के आदेश को चुनौती दी गई थी. अदालत ने ऐप से संबंधित फाइल नोटिंग और इसके निर्माण तथा विकास में शामिल लोगों के बीच हुए संचार के अलावा अन्य जानकारियों को हलफ़नामे में शामिल करने का निर्देश दिया है.

केंद्र ने मणिपुर हिंसा शुरू होने के बाद राज्य सरकार से मिले इनपुट पर जानकारी देने से इनकार किया

केंद्रीय गृह मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन ने मणिपुर में क़ानून और व्यवस्था की स्थिति पर नियमित रूप से प्राप्त रिपोर्ट पर आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(ए) और धारा 24 के तहत जानकारी देने से इनकार किया है.

पीएम डिग्री केस: सुप्रीम कोर्ट का हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ केजरीवाल की याचिका सुनने से इनकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में टिप्पणी को लेकर गुजरात विश्वविद्यालय ने अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का केस दायर किया था. इसकी कार्यवाही पर रोक की केजरीवाल की याचिका को गुजरात हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था, जिसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

रेलवे में लगभग 2.74 लाख पद ख़ाली, सुरक्षा श्रेणी में 1.7 लाख से अधिक पद रिक्त: आरटीआई

आरटीआई क़ानून के तहत ​दी गई जानकारी में रेलवे ने कहा है कि एक जून तक ‘लेवल-1’ या प्रवेश स्तर के कर्मचारियों सहित ‘ग्रुप-सी’ श्रेणी में 2,74,580 पद ख़ाली हैं. इसमें सुरक्षा श्रेणी में 1,77,924 रिक्तियां शामिल हैं.

कांग्रेस का सवाल- पीएम केयर्स फंड ऑडिट के अधीन या आरटीआई के तहत क्यों नहीं है

कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि पीएम केयर्स फंड में 60 प्रतिशत धन सरकार स्वामित्व वाले उपक्रमों से आने के बावजूद इसमें कोई पारदर्शिता और जवाबदेही क्यों नहीं है. यह किसी ऑडिट या आरटीआई के दायरे में क्यों नहीं आता. पार्टी ने कहा कि अगर वह सत्ता में आती है, तो पीएम केयर्स फंड का कैग ऑडिट कराएगी.

कर्नाटक: भाजपा सरकार ने 385 मुक़दमे वापस लिए, हेट स्पीच और सांप्रदायिक हिंसा के मामले भी शामिल

कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा जुलाई 2019 से अप्रैल 2023 के बीच वापस लिए कुल 385 आपराधिक मामलों में 182 मामले हेट स्पीच, गोरक्षा और सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित थे, जिनमें से अधिकांश घटनाएं दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं से संबंधित थीं और 1,000 से अधिक लोग इनमें आरोपी थे.

सवाल नरेंद्र मोदी की पढ़ाई लिखाई का नहीं, बल्कि फ़र्ज़ी डिग्री के आरोप का है

भारत में सांसद और विधायक बनने के लिए किसी भी तरह की डिग्री की ज़रूरत नहीं है. मगर इसका मतलब यह नहीं है कि सांसद और विधायक अपने चुनावी हलफ़नामे में अगर फ़र्ज़ी डिग्री पेश करें तो यह कोई ग़लती नहीं है. नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर गुजरात हाईकोर्ट का फैसला इस तरह के संशय को बढ़ाता ही है.

गुजरात: सीआईसी का पीएम मोदी की डिग्री की जानकारी केजरीवाल को देने का आदेश हाईकोर्ट ने रद्द किया

अप्रैल 2016 में तत्कालीन सीआईसी ने गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एमए डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी दें. विश्वविद्यालय ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. अब कोर्ट ने सीआईसी का आदेश रद्द करते हुए केजरीवाल पर 25 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया है.