घटती लोकप्रियता से घबराकर संघ परिवार एक बार फिर ध्रुवीकरण के खेल में जुट गया है

हिंदू वोटों को ध्रुवीकृत करने के लिए कोशिशें तेज़ हो गई हैं. इस खेल में संघ परिवार माहिर है और ऐसी कोशिशों ने अतीत में भी इसे लाभ पहुंचाया है.

हम भी भारत, एपिसोड 08: शौर्य डोभाल और ​इंडिया फाउंडेशन

हम भी भारत की आठवीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम एनएसए अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल द्वारा संचालित इंडिया फाउंडेशन में हितों के टकराव संबंधी रिपोर्ट पर पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी और द वायर के संपादक एमके वेणु से चर्चा कर रही हैं.

शौर्य डोभाल की सफाई जवाब से ज़्यादा सवाल खड़े करती है

द वायर की रिपोर्ट पर इंडिया फाउंडेशन की प्रतिक्रिया बेहद असंतोषजनक है. फाउंडेशन द्वारा न तो रिपोर्ट में उठाये गये और न ही निदेशकों को भेजे गए किसी सवाल का स्पष्ट जवाब दिया गया है.

क्या मोदी सरकार के मंत्री अजीत डोभाल के बेटे के संस्थान को फ़ायदा पहुंचा रहे हैं?

विशेष रिपोर्ट: शौर्य डोभाल द्वारा संचालित इंडिया फाउंडेशन में मोदी सरकार के मंत्री निदेशक हैं. यह संस्थान कई ऐसे कॉरपोरेट्स से चंदा लेता है, जो सरकार के साथ सौदे भी करते हैं.

‘नए भारत’ के नए वादे पर आर्थिक संकट का काला बादल

2019 के चुनावों से 18 महीने पहले, भारत की राजनीतिक अर्थव्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ाई हुई दिखाई दे रही है, लेकिन नरेंद्र मोदी द्वारा लगातार 2022 तक पूरे किए जाने वाले नामुमकिन वादों की झड़ी लगाने का सिलसिला जारी है.

क्यों फर्ज़ी ख़बरें भाजपा की पहचान बनती जा रही हैं?

किसी व्यक्ति या संस्थान के व्यक्तित्व को कुछ शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है. ‘वंशवाद’ शब्द से सीधे कांग्रेस हमारे दिमाग मे आती है. भ्रष्टाचार शब्द से यूपीए हमारे दिमाग में आता है. वहीं फेक या फ़र्जी शब्द अब भाजपा की मिल्कियत बनता जा रहा है.