असम में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित हुई थी, जिसमें 19 लाख लोगों के नाम नहीं आए थे. अब एनआरसी समन्वयक हितेश शर्मा ने गुवाहाटी हाईकोर्ट में दायर एक हलफ़नामे में कहा है कि वह सप्लीमेंट्री सूची थी और उसमें 4,700 अयोग्य नाम शामिल हैं.
तरुण गोगोई 25 अगस्त को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. 25 अक्टूबर को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. उसके बाद वह कोरोना संबंधी जटिलताओं से जूझ रहे थे. साल 2001 से लगातार तीन बार वह असम के मुख्यमंत्री रहे थे.
असम के एक स्थानीय समाचार चैनल के पत्रकार पराग भुइयां को बुधवार को उनके घर के सामने एक वाहन ने टक्कर मार दी थी. इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया, जिसके बाद समाचार चैनल ने उनके काम के चलते हत्या किए जाने का आरोप लगाया है.
बीते 17 अक्टूबर को असम के कछार ज़िले के लैलापुर गांव और मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वैरेंगटे गांव के निवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद से दोनों राज्यों में तनाव जारी है. इससे पहले मिज़ोरम के गृहमंत्री ने कहा था तक वह असम सीमा पर तैनात अपने सुरक्षा बलों को नहीं हटाएंगे.
एक महिला को असम के नलबाड़ी ज़िले की विदेशी अधिकरण ने साल 2019 को विदेशी घोषित किया था, उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर इसे चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एनआरसी के राज्य समन्वयक से एक विस्तृत हलफ़नामा दायर करने का कहा है.
31 अगस्त 2019 को जारी हुई असम एनआरसी की अंतिम सूची में 3.3 करोड़ आवेदनकर्ताओं में से 19 लाख से अधिक लोगों के नाम नहीं आए थे. ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन का कहना है कि एनआरसी से बाहर किए गए 19 लाख लोगों में से कई वास्तविक भारतीय नागरिक हैं.
बीते 17 अक्टूबर को असम-मिज़ोरम सीमा पर ग्रामीणों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे. भीड़ ने क़रीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी थी.
एनआरसी असम के समन्वयक हितेश देव शर्मा ने सभी उपायुक्तों और नागरिक पंजीयन के जिला पंजीयकों को लिखे पत्र में कहा है कि फाइनल सूची में घोषित विदेशी, डी वोटर्स और विदेशी न्यायाधिकरण में लंबित श्रेणियों के लोगों के नाम हैं और इनकी पहचान कर इन्हें डिलीट किया जाए.
असम की पूर्व मुख्यमंत्री सैयदा अनवरा तैमूर दिसंबर 1980 से लेकर जून 1981 तक असम की मुख्यमंत्री रही थीं. चार बार विधायक रहने के साथ ही वह राज्यसभा सदस्य भी थीं. पूर्व मुख्यमंत्री बीते कुछ सालों से अपने बेटे के साथ ऑस्ट्रेलिया में रह रही थीं.
धर्म के आधार पर फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के शासकीय अधिवक्ताओं को नियुक्त करने से पहले राज्य सरकार सीमाई ज़िलों में एनआरसी से बाहर रहने वाले लोगों की दर को लेकर कई बार नाख़ुशी ज़ाहिर कर चुकी है.
एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के एक साल बाद भी इसमें शामिल नहीं हुए लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए ज़रूरी रिजेक्शन स्लिप का इंतज़ार है. प्रक्रिया में हुई देरी के लिए तकनीकी गड़बड़ियों से लेकर कोरोना जैसे कई कारण दिए जा रहे हैं, लेकिन जानकारों की मानें तो वजह केवल यही नहीं है.
असम के तिनसुकिया ज़िले के बाघजान गांव में 27 मई को ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक तेल के कुएं में हुए ब्लोआउट के बाद इससे अनियंत्रित तरीके से गैस रिसाव शुरू हुआ था. इसमें नौ जून को आग लग गई थी, जिस पर अब तक क़ाबू नहीं पाया जा सका है.
जोरहाट इलाके में उल्फा-आई और एनएससीएन-आईएम के सदस्यों के होने की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सेना और पुलिस के संयुक्त अभियान में जयंत बोरा को उनके घर से हिरासत में लिया गया था.
तिनसुकिया ज़िले के बाघजान गांव में ऑयल इंडिया लिमिटेड के तेल के कुएं में मंगलवार को लगी भीषण आग में दो दमकलकर्मियों की मौत हो गई है और छह लोग घायल हुए हैं. ऑयल इंडिया ने कहा है कि इसे बुझाने में चार सप्ताह लग सकते हैं. इस कुएं से दो हफ़्तों से अनियंत्रित तरीके से गैस का रिसाव हो रहा था.
तिनसुकिया ज़िले के बाघजान गांव में में बीते दो सप्ताह से ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक तेल के कुएं से अनियंत्रित तरीके से गैस रिसाव हो रहा है, जिसे बंद करने के प्रयास में यहां भीषण आग लग गई. अधिकारियों के अनुसार किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है और आग बुझाने की कोशिश जारी है.