सतीश कौशिक: हमारा अपना कैलेंडर ही नहीं रहा…

स्मृति शेष: कलाकार के लिए ज़रूरी है वो अपनी रूह पर किरदार का लिबास ओढ़ ले. किरदार दर किरदार रूह लिबास बदलती रहे, देह वही किरदार नज़र आए. सतीश कौशिक को ये बख़ूबी आता था.

प्रख्यात अभिनेता और निर्देशक सतीश कौशिक का निधन

अभिनेता और फिल्म निर्देशक सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुआ था. वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के पूर्व छात्र थे. उन्होंने अपना करिअर थियेटर से शुरू किया था. हास्य अभिनेता के तौर पर कौशिक ने काफी लोकप्रियता हासिल की थी.

‘18 वर्ष तक संघर्ष कर मैं ज़िंदा हुआ था, एक बार फिर से मृतक बना दिया गया’

18 सालों तक सरकारी कागज़ों में 'मृत' दिखाए गए आज़मगढ़ के लाल बिहारी मृतक के जीवन पर बनी फिल्म 'कागज़' की रिलीज़ से पहले लाल बिहारी ने निर्देशक सतीश कौशिक पर धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोप लगाते हुए फिल्म का प्रदर्शन रोकने की मांग की है.

‘जाने भी दो यारों’, ‘नुक्कड़’ और ‘वागले की दुनिया’ के निर्देशक कुंदन शाह का निधन

साल 2015 में बढ़ती असहिष्णुता और एफटीआईआई अध्यक्ष के रूप में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के विरोध में राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने वाले 24 निर्देशकों में से कुंदन शाह भी एक थे.