बीती 4 फरवरी को साकेत ज़िला अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने शरजील इमाम, छात्र कार्यकर्ता आसिफ़ इक़बाल तन्हा और सफूरा ज़रगर एवं आठ अन्य को जामिया हिंसा मामले में बरी कर दिया था. न्यायाधीश वर्मा ने पाया था कि पुलिस ने ‘वास्तविक अपराधियों’ को नहीं पकड़ा, लेकिन आरोपियों को ‘बलि का बकरा’ बनाने में कामयाब रही.
2019 जामिया हिंसा के संबंध में दर्ज मामले में छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम, सफूरा जरगर और आसिफ इकबाल तनहा सहित 11 लोगों को बरी करने वाले दिल्ली की अदालत के आदेश में कहा गया है कि मामले में पुलिस का तीन पूरक चार्जशीट दायर करना सबसे असामान्य था. इसने पूरक चार्जशीट दाखिल कर 'जांच' की आड़ में उन्हीं पुराने तथ्यों को पेश करने की कोशिश की.
जामिया नगर इलाके में दिसंबर 2019 में हुई हिंसा के संबंध में दर्ज मामले में छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम, सफूरा जरगर और आसिफ इकबाल तनहा सहित 11 लोगों को बरी करते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि चूंकि पुलिस वास्तविक अपराधियों को पकड़ पाने में असमर्थ रही इसलिए उसने इन आरोपियों को बलि का बकरा बना दिया.
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा ज़िले की एक विशेष अदालत ने सोनी सोरी और तीन अन्य को वर्ष 2011 के राजद्रोह के मामले से बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष सोरी और अन्य के ख़िलाफ़ आरोप साबित नहीं कर सका, उसके कई गवाहों ने विरोधाभासी बयान दिए. सोरी पर आरोप था कि वे माओवादियों तक पैसा पहुंचाने का काम करती थीं.
दिल्ली की एक अदालत ने दिसंबर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई हिंसा से संबंधित मामले में शरजील इमाम को ज़मानत देते हुए कहा कि अपराध की प्रकृति और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए उनका आवेदन को मंज़ूर किया जाता है कि उन्हें जांच के दौरान गिरफ़्तार नहीं किया गया था.
असम के बराक घाटी के तीन ज़िलों के 150 से अधिक पत्रकारों ने मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा को पत्र लिखकर ‘बराक बुलेटिन’ न्यूज़ पोर्टल चलाने वाले पत्रकार अनिर्बान रॉय चौधरी के ख़िलाफ़ सभी आरोपों को रद्द करने की मांग की है. पत्रकारों ने इस घटना को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर हमला बताया.
असम के कछार ज़िले में ‘बराक बुलेटिन’ नामक न्यूज़ पोर्टल चलाने वाले पत्रकार अनिर्बान रॉय चौधरी को पुलिस से समन प्राप्त हुआ है. बीते एक दिसंबर को उनके ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि उनके एक लेख के कारण असम के बंगाली और असमिया भाषी लोगों के बीच का भाईचारा बिगड़ सकता है.
सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों में जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार जेएनयू छात्र शरजील इमाम ने उनकी ज़मानत याचिका खारिज़ करने को चुनौती दी है. उनका कहना है कि उनके सभी सह आरोपियों को इस मामले में ज़मानत मिल चुकी है लेकिन वे अब भी बीते 20 महीने से जेल में हैं.
जेएनयू छात्र शरजील इमाम को सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों में जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया था. इससे पहले अक्टूबर में दिल्ली की अदालत ने इमाम को उनके इसी भाषण के लिए ज़मानत देने से इनकार कर दिया था.
मुख्यमंत्री पेमा खांडू की आपत्तिजनक मॉर्फ्ड तस्वीरें शेयर करने के आरोप में बीते 20 जुलाई को अरुणाचल प्रदेश जस्टिस फोरम के अध्यक्ष नबाम तगम समेत तीन लोगों को दिल्ली से गिरफ़्तार किया गया था. हालांकि मुख्य आरोपी के ख़िलाफ़ हल्की ज़मानती धाराएं लगाई गईं, जबकि नबाम तगम तथा उनके एक अन्य साथी के ख़िलाफ़ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ पुलिस अकादमी के निलंबित निदेशक गुरजिंदर पाल सिंह को गिरफ़्तारी से संरक्षण देते यह टिप्पणी की. राज्य की कांग्रेस सरकार ने उनके ख़िलाफ़ राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के आरोप में केस दर्ज किया है.
झारखंड भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने दुमका में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान दावा किया था कि राज्य सरकार दो से तीन महीने में गिर जाएगी. दुमका विधानसभा सीट पर तीन नवंबर को चुनाव होने वाले हैं.
भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के खिलाफ 2017 में याचिका दायर कर राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की थी.
इस समय इरादा मुसलमानों से जुड़ी हर जगह को संदिग्ध बनाने का है. उसका तरीक़ा है उन्हें विवादित बनाना. एक बार कुछ भी विवादित हो जाए तो उसमें दूसरा पक्ष जायज़ हो जाता है, जैसे बाबरी मस्जिद को विवादित बनाकर अब संघ के संगठन एक जायज़ पक्षकार बन बैठे हैं.
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की ओर से की गई शिकायत में आरोप लगाया गया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र पाकिस्तान के समर्थन और भारत विरोधी नारा लगा रहे थे. छात्रों ने इसे ख़ारिज करते हुए आरोप लगाया है कि एएमयू को रिपब्लिक टीवी की टीम ने ‘आतंकवादियों का विश्वविद्यालय’ कहा, जिसके बाद विवाद हुआ.