मई 2022 में राजद्रोह क़ानून पर रोक लगाने के बाद सुप्रीम कोर्ट औपनिवेशिक काल के दंडात्मक क़ानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करने वाला है. भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) के तहत अधिकतम सजा उम्रक़ैद है.
अक्टूबर 2020 में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन हाथरस सामूहिक बलात्कार कांड पर रिपोर्ट करने के लिए दिल्ली के कैब ड्राइवर मोहम्मद आलम के साथ हाथरस जा रहे थे, जब कप्पन के साथ आलम को भी रास्ते में गिरफ़्तार कर लिया गया था. यूएपीए मामले में आलम को पहले ही ज़मानत मिल चुकी है.
बीते मई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक आदेश में राजद्रोह क़ानून पर उस तक के लिए रोक लगा दी थी, जब तक कि केंद्र औपनिवेशिक काल के इस क़ानून की समीक्षा के अपने वादे को पूरा नहीं करता. कोर्ट ने कहा था कि इसकी समीक्षा होने तक क़ानून के इस प्रावधान का उपयोग न किया जाए.
दिल्ली की एक अदालत ने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को राजद्रोह के उस मामले में ज़मानत दी है, जिसमें उन पर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया में दिए भाषण के ज़रिये दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया था. हालांकि, दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों के चलते उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा.
पिछले हफ्ते केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन के वकील ने बताया कि कप्पन की ज़मानत की शर्त के अनुसार उन्हें यूपी के रहने वाले दो ज़मानतदारों की ज़रूरत थी, लेकिन ‘मामले की संवेदनशील प्रकृति’ के चलते लोग मदद के लिए आगे आने से हिचकिचा रहे थे.
केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन के वकील ने बताया कि कप्पन की ज़मानत की शर्त के अनुसार उन्हें यूपी के रहने वाले दो ज़मानतदारों की ज़रूरत है, लेकिन 'मामले की संवेदनशील प्रकृति' के चलते लोग मदद के लिए आगे आने से हिचकिचा रहे हैं.
5 अक्टूबर 2020 को केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. यूपी पुलिस का आरोप है कि ये लोग क़ानून-व्यवस्था ख़राब करने के लिए हाथरस जा रहे थे.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2021 में राजद्रोह, शासकीय गोपनीयता अधिनियम और यूएपीए समेत राष्ट्र के ख़िलाफ़ विभिन्न अपराध के आरोप में 5,164 मामले, यानी हर दिन औसतन 14 मामले दर्ज किए गए. पिछले साल देश में राजद्रोह के कुल 76 मामले और यूएपीए के कुल 814 मामले दर्ज किए गए थे.
अक्टूबर 2020 में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन हाथरस सामूहिक बलात्कार कांड पर रिपोर्ट करने के लिए दिल्ली के कैब ड्राइवर मोहम्मद आलम के साथ हाथरस जा रहे थे, जब कप्पन के साथ आलम को भी रास्ते में गिरफ़्तार कर लिया गया था.
झारखंड के स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह माओवादियों से कथित संबंधों के आरोप में जेल में हैं. उनके ख़िलाफ़ दो और नए मामले दर्ज होने पर उनके वकील का कहना है कि यह ऑल्ट न्यूज के मोहम्मद ज़ुबैर के साथ हुआ वही पैटर्न है जहां एक के बाद एक मामले दर्ज करके बिना ट्रायल ही आरोपी को जेल में रखा जा सके.
5 अक्टूबर 2020 को केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस का आरोप है कि आरोपी क़ानून-व्यवस्था ख़राब करने के लिए हाथरस जा रहा था. कप्पन पर पीएफआई से जुड़े होने का भी आरोप है.
5 अक्टूबर 2020 को केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस का आरोप है कि आरोपी क़ानून-व्यवस्था ख़राब करने के लिए हाथरस जा रहा था. कप्पन पर पीएफआई से जुड़े होने का भी आरोप है.
टेरर फंडिंग मामले में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे प्रतिबंधित जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक ने रुबैया सईद अपहरण से जुड़े मामले में जम्मू की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का अनुरोध किया था, पर केंद्र से इस पर कोई जवाब न मिलने पर शुक्रवार से उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दी.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील इमाम को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्से में वर्ष 2020 में भड़के दंगे के कथित षड्यंत्र के मामले में जनवरी 2020 में गिरफ़्तार किया गया था. तब से वे जेल में हैं.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद को आठ दिसंबर 1989 को श्रीनगर के लाल डेड अस्पताल के पास से अगवा कर लिया गया था. 13 दिसंबर 1989 को भाजपा द्वारा समर्थित केंद्र की तत्कालीन वीपी सिंह सरकार द्वारा जेकेएलएफ के पांच आतंकियों को रिहा किए जाने के बाद अपहरणकर्ताओं ने उन्हें रिहा कर दिया था. प्रतिबंधित संगठन जेकेएलएफ के प्रमुख यासीन मलिक को हाल ही में आतंकवाद के वित्त पोषण से जुड़े एक मामले में