सीवर की सफाई करते हुए मारे गए इन 64 लोगों में राज्य सरकार ने 46 के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया है. आयोग ने दिल्ली प्रशासन से बाकी परिवारों को एक हफ्ते के भीतर मुआवजा प्रदान करने को कहा है.
गुजरात के पाटन ज़िले का मामला. कुएं में दुर्घटनावश परिवार के एक सदस्य के गिर जाने के बाद चार अन्य लोग उन्हें बचाने के लिए गए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश की स्वतंत्रता को 70 साल से अधिक बीत चुके हैं लेकिन आज भी जातिगत भेदभाव बरक़रार है. हर महीने मैला ढोने के काम में लगे चार से पांच लोग की मौत हो रही है.
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में हुई घटना. छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव ज़िले में हुई एक अन्य घटना में जहरीली गैस के रिसाव की वजह से कुएं में दो ग्रामीणों की मौत हो गई.
ठेकेदार ने मजदूरों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को दस-दस लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है.
सामाजिक न्याय और अधिकारिता सचिव नीलम साहनी ने स्वीकार किया कि सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान सफाई कर्मचारियों की मौत का सिलसिला अभी भी जारी है और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के बावजूद इन सभी मामलों में 10 लाख रुपये के मुआवजे का भी भुगतान नहीं किया गया.
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, ये आंकड़े सिर्फ आठ राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के हैं.
मामला उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले का है. पिलखुवा थाना क्षेत्र के टैक्सटाइल सिटी में स्थित जीएस दास कैमिकल फैक्ट्री में शुक्रवार दोपहर सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए एक कर्मचारी उतरा था, जबकि बाकी चार उसे बचाने के लिए टैंक में उतरे थे.
आरोप है कि सफाईकर्मियों ने बिना सुरक्षा उपकरण के सेप्टिक टैंक में घुसने से मना कर दिया था, लेकिन उन पर दबाव डालकर टैंक साफ करने के लिए मजबूर किया गया.
यह घटना गुजरात के दाभोई तालुका की है. सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे सफाई कर्मचारियों को खोजने एक-एक कर लोग गए और सभी की अंदर दम घुटने से मौत हो गई.
पश्चिमोत्तर दिल्ली के केशवपुरम इलाके में हुआ हादसा. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की.
पुलिस ने बताया कि यह घटना मंगलवार दोपहर में रोहिणी के प्रेम नगर इलाके में हुई. पांच मज़दूर एक पुराने मकान के सेप्टिक टैंक में उतरने के बाद बेहोश हो गए. अस्पताल में इलाज के दौरान उनमें से दो को मृत घोषित कर दिया गया.
तीसरे व्यक्ति की हालत बहुत गंभीर है और उनका इलाज चल रहा है. अभी इस मामले में केस दर्ज किया जाना बाकी है.
ग्राउंड रिपोर्ट: पश्चिम दिल्ली के मोती नगर इलाके में स्थित डीएलएफ कॉम्प्लेक्स में सीवेज टैंक साफ करते समय दम घुटने की वजह से पांच लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों के परिजनों का आरोप है कि हाउसकीपिंग के लिए रखे गए कर्मचारियों को टैंकों की सफाई के लिए मजबूर किया गया था.
छत्तीसगढ़ के जशपुर ज़िले में हुए हादसे में मकान मालिक की पत्नी की भी मौत, वहीं दिल्ली में सीवर में गिरे 27 वर्षीय युवक की मौत. हाल ही में दिल्ली के मोती नगर स्थित डीएलएफ की कैपिटल ग्रीन्स सोसाइटी में भी सफाई के दौरान पांच लोगों की मौत हो गई थी.