उत्तर कोलकाता में तैयार किया गया है पंडाल. आयोजनकर्ताओं के अनुसार, इसके माध्यम से वे इन सेक्स वर्करों की समाज में सहभागिता बढ़ाने और उन्हें वह सम्मान देने की कोशिश कर रहे जिसकी वो हक़दार हैं.
एक सामाजिक संगठन द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि यौनकर्मियों के पुनर्वास और उत्थान के लिए देह व्यापार को क़ानूनी जामा पहनाने की ज़रूरत है.
जब फिल्मी गाने लड़कियों को तंदूरी मुर्गी बता रहे हैं, तब किसी को तो उन लड़कों को वेश्याओं और प्रेमिकाओं की परिभाषाओं के पार उन ज़िंदा औरतों के बीच ले जाना होगा जो चाहे जिस्म बेचती हों या इंश्योरेंस- जब न कहें तो एक भले आदमी को चाहिए कि वह दरवाज़ा खोले और वापस लौट जाए.